पटना। राजधानी वासियों के वर्षों के इंतजार के बाद 15 अगस्त पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पटना मेट्रो सेवा का शुभारंभ करेंगे। यह पटना वासियों के न सिर्फ़ सफर में सहूलियत लाएगी बल्कि शहर की रफ़्तार को नई गति देगी।
पटना मेट्रो सेवा का पहला रूट मलाही पकड़ी से पाटलिपुत्र बस टर्मिनल तक होगा, जिसकी लंबाई तीन किलोमीटर से अधिक है। तीन कोच वाली इस आधुनिक मेट्रो में एक बार में लगभग 150 यात्री सफ़र कर सकेंगे। भविष्य में यात्रियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए कोचों की संख्या आठ तक बढ़ाई जाएगी।
राज्य सरकार फेयर फिक्सेशन कमेटी की सिफारिशों के आधार पर अंतिम किराया तय करेगी। अनुमान है कि न्यूनतम किराया 15 रुपये और अधिकतम किराया 60 रुपये होगा। 3-6 किलोमीटर के लिए किराया लगभग 30 रुपये, 6-8 किलोमीटर के लिए 45 रुपये तक हो सकता है।
दिल्ली और पुणे मेट्रो की तुलना में यह लंबी दूरी के लिहाज़ से किफायती माना जा सकता है। हालांकि, शुरुआती 15 रुपये का न्यूनतम किराया दिल्ली और पुणे (10 रुपये) की तुलना में थोड़ा महंगा जरुर है।
मेट्रो सेवा सुबह 5 बजे से रात 11 बजे तक चलेगी, ठीक उसी तरह जैसे दिल्ली मेट्रो का शेड्यूल है। इससे यात्रियों को पूरे दिन आने-जाने की सुविधा मिलेगी। मेट्रो का ट्रायल रन पूरा हो चुका है। उद्घाटन से पहले सुरक्षा और तकनीकी मानकों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि पटना मेट्रो का निर्माण कार्य पांच चरणों में पूरा होगा और इस परिवहन प्रणाली का स्वामित्व और संचालन राज्य द्वारा संचालित पटना मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन के पास होगा। पहले चरण में, पटना मेट्रो के पांच स्टेशन अगस्त 2025 तक चालू हो जाएगे। सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल के तहत निर्मित पटना एमआरटीएस की अनुमानित लागत 13,365.77 करोड़ (1.6 अरब अमेरिकी डॉलर) है। इस लागत में भूमि अधिग्रहण लागत शामिल नहीं है, जिसका भुगतान बिहार सरकार करेगी।
पहले चरण (जिसमें पूर्व-पश्चिम और उत्तर-दक्षिण गलियारे शामिल हैं) में 15.36 किमी (9.54 मील) का एलिवेटेड ट्रैक और 16.30 किमी (10.13 मील) का भूमिगत ट्रैक शामिल होगा। जनवरी 2022 में, लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) ने पटना मेट्रो के फेज-1 के कॉरिडोर-2 के डिजाइन और निर्माण के लिए मेट्रो ऑपरेटर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) से ऑर्डर हासिल किया था । एलएंडटी ने 1,989 करोड़ (240 मिलियन अमेरिकी डॉलर) के इस अनुबंध को एक महत्वपूर्ण ऑर्डर के रूप में वर्गीकृत किया है। परियोजना के कार्यक्षेत्र में छह भूमिगत मेट्रो स्टेशन शामिल हैं। राजेंद्र नगर, मोइन-उल-हक स्टेडियम, पटना साइंस कॉलेज, पटना मेडिकल कॉलेज और अस्पताल, गांधी मैदान और कॉरिडोर-2 का आकाशवाणी।
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