Next Story
Newszop

तीन लोगों पर हमला करने वाले घायल लेपर्ड की भूख-प्यास से मौत, पिंजरे में दम तोड़ा

Send Push
image

सिरोही। जिले के वाण गांव और उसके आसपास पिछले कुछ दिनों से दहशत फैला रहे एक घायल लेपर्ड की मंगलवार को मौत हो गई। यह वही तेंदुआ था, जिसने बीते तीन-चार दिनों में इलाके में तीन लोगों पर हमला किया था। वन विभाग की सतर्कता के बाद उसे पिंजरे में पकड़ने का प्रयास किया गया, लेकिन शिकार न कर पाने की हालत में लेपर्ड की मौत भूख और प्यास से हो गई। वन विभाग की टीम ने जानकारी दी कि घायल लेपर्ड सोमवार देर रात खुद पिंजरे में लंगड़ाता हुआ घुसा और वहीं लेट गया। वह अत्यंत कमजोर और थका हुआ लग रहा था। टीम को उसके हालात गंभीर प्रतीत हुए और तुरंत डॉक्टरों को सूचना दी गई, लेकिन रात में पिंजरे में ही उसकी मौत हो गई। डीएफओ मृदुला सिंह ने बताया कि लेपर्ड के एक पैर में गंभीर चोट थी, जिसकी वजह से वह शिकार नहीं कर पा रहा था। कमजोरी की स्थिति में वह गांव के पास भटक रहा था और इसी दौरान तीन ग्रामीणों पर हमला भी कर चुका था। वन विभाग को जैसे ही यह सूचना मिली, टीम ने तत्काल मौके पर पहुंचकर पिंजरा लगाया और निगरानी शुरू की।

डीएफओ के अनुसार, घायल लेपर्ड पूरी तरह मरणासन्न अवस्था में था। वह खुद से कोई हरकत नहीं कर पा रहा था और पूरी तरह थका हुआ दिख रहा था। जब वह पिंजरे में घुसा, तब भी उसकी चाल लंगड़ी थी और शरीर सूखा हुआ लग रहा था। इन संकेतों से अनुमान लगाया गया कि भूख और प्यास उसकी मौत की मुख्य वजह बनी। मृत लेपर्ड को सिरोही वन विभाग की नर्सरी में लाया गया, जहां मेडिकल बोर्ड की उपस्थिति में पोस्टमार्टम किया गया। जांच में पुष्टि हुई कि पैर में चोट के कारण वह शिकार करने में असमर्थ हो गया था और इसी कारण भूख-प्यास से उसकी मौत हुई। नियमानुसार पोस्टमार्टम के बाद लेपर्ड का अंतिम संस्कार किया गया। वाण गांव में पिछले कुछ दिनों से लेपर्ड की मौजूदगी से दहशत का माहौल था। कई ग्रामीण खेतों में जाने से डर रहे थे और शाम ढलते ही गांव में सन्नाटा छा जाता था। लेपर्ड की मौत की खबर के बाद गांव में थोड़ी राहत की लहर है, लेकिन वन विभाग ने ग्रामीणों से सतर्क रहने और वन्य जीवों से जुड़े मामलों में तुरंत सूचना देने की अपील की है।

Loving Newspoint? Download the app now