पटना। बिहार में मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर बड़ी राहत दी गई है। अब मतदाता बिना दस्तावेज के भी गणना फॉर्म जमा कर सकेंगे।
बिहार विधानसभा चुनाव होने में अब कुछ ही समय बचा है। ऐसे में चुनाव आयोग की ओर से मतदाता सूची पुनरीक्षण कराया जा रहा है। वहीं इसी बीच प्रदेश में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं को बड़ी राहत दी गई है। अब मतदाता बिना किसी दस्तावेज के भी गणना फॉर्म जमा कर सकेंगे और उनका नाम मतदाता सूची के प्रारूप (ड्राफ्ट रोल) में शामिल कर लिया जाएगा। हालांकि सत्यापन के दौरान जरूरी दस्तावेज बीएलओ (बूथ लेवल ऑफिसर) के माध्यम से लिए जाएंगे।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीईओ) विनोद सिंह गुंजियाल ने शनिवार को बताया कि 26 जुलाई तक ऑनलाइन या ऑफलाइन माध्यम से गणना फॉर्म जमा करना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि, मतदाता तत्काल केवल गणना फॉर्म भरकर बीएलओ को जमा करा दें। उनका नाम प्रारूप मतदाता सूची में शामिल कर लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 2003 के बाद मतदाता बनने वाले लोग गणना फॉर्म को सही-सही भरें। अपनी तस्वीर चिपकाएं और हस्ताक्षर कर बीएलओ के पास जमा करें। इसके बाद बीएलओ इसे तुरंत ऑनलाइन अपलोड कराएंगे। सीईओ ने बताया कि बिहार की मतदाता सूची में इस समय करीब 7.90 करोड़ मतदाता दर्ज हैं। इनमें से 4.96 करोड़ मतदाताओं को पहले से ही कोई दस्तावेज देने की आवश्यकता नहीं है।
शेष लगभग तीन करोड़ मतदाताओं से विशेष सर्वेक्षण अभियान के तहत दस्तावेज लेकर दावा-आपत्ति की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। चुनाव आयोग के इस फैसले से मतदाता सूची के पुनरीक्षण के दौरान लोगों को दस्तावेज जुटाने की भागदौड़ से काफी हद तक राहत मिलेगी। निर्वाचन विभाग ने मतदाताओं से अपील की है कि वे निर्धारित समयसीमा में गणना फॉर्म जरूर जमा करें ताकि उनका नाम वोटर लिस्ट में बना रहे।
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