
मुरैना। चम्बल नदी ऊफनकर गांव की ओर पहुंच रही है, जिले के सभी प्रमुख घाट पर खतरे के निशान से दो से तीन मीटर ऊपर निकलकर तेज गति से प्रवाहित हो रही है। चम्बल का यह वेग अभी तक एक दर्जन से अधिक गांव को अपनी चपेट में ले चुका है, हालांकि एक भी अनहोनी की सूचना कहीं से भी नहीं मिली है। कोटा वेराज के दो गेट से मात्र 19 हजार क्यूसेक पानी रिलीज किया जा रहा है। इसका प्रभाव चम्बल में नगण्य है।
मध्य प्रदेश और राजस्थान की सीमा पर तेज वेग से ऊफन रहीं पार्वती, कालीसिंध व परवन नदी का पानी चम्बल में आने से निरंतर ऊपर की ओर बढ़ता जा रहा है। किसी भी विषम परिस्थिति को नियंत्रण में करने के लिये जिले में प्रमुख घाट अटार, उसैद तथा राजघाट पर राजस्व के वरिष्ठ अधिकारियों सहित प्रशासन व पुलिस का अमला तैनात कर दिया गया है। आम लोगों की पहुंच से यह घाट दूर कर दिये हैं। बुधवार दोपहर एक बजे चम्बल का जल स्तर 140.40 मीटर पर पहुंचकर पुराने पुल के ऊपर सतह से टकरा रहा है। पानी की बढ़ रही गति से संभावना लगाई जा रही है कि देर शाम तक पुराना पुल भी चम्बल के आगोश में डूब जायेगा।
विगत चार दिवस पूर्व कोटा वेराज से छोड़े गये 2 लाख 90 हजार क्यूसेक पानी का प्रभाव चम्बल नदी में दिखाई दे रहा था। इसी दौरान राजस्थान से लेकर मध्यप्रदेश में प्रवेश करने वाली कालीसिंध, पार्वती व परवन नदियों में उफान आ गया। आज सुबह 7 बजे श्योपुर जिले के खातोली घाट पर पार्वती नदी खतरे के निशान 198 मीटर से 6 मीटर ऊपर जाकर 204 पर पहुंच गई थी। इन नदियों का पानी श्योपुर के संगम घाट पर चम्बल में मिलता है। यहीं से चम्बल तेज गति से उफान पर ले रही है। विगत दो दिवस से इन नदियों के उफान से चम्बल का जल स्तर बढ़ता ही जा रहा है। विगत दिवस सुबह चम्बल का जल स्तर 133.20 मीटर था। यह 24 घंटे में 5 मीटर 60 सेन्टीमीटर बढक़र खतरे के निशान 138 मीटर को पार करते हुये 138.80 मीटर पर पहुंच गया। प्रति घंटे 20 से 30 सेन्टीमीटर बढक़र दोपहर 12 बजे 140.10 मीटर पर पहुंचकर पुराने पुल की तलहटी को पार कर गया। चम्बल का यह उफान सबलगढ़ तहसील के छोटी एवं बड़ी रायडी, राधेन, कैमारा कलां, गोदोली, कलरघटी तथा अम्बाह तहसील के बीलपुर, घेर, कुथियाना, रामगढ़, सुखध्यान का पुरा, इन्द्रजीत का पुरा, चुसलई, बिचपुरी सहित अन्य गांवों तक पहुंच गया।
पानी से घिरे 3 सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित सेफहाउस पहुंचाया
चम्बल नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके साथ-साथ क्वारी, आसन जैसी नदियां भी उफान पर चल रहीं है। कलेक्टर अंकित अस्थाना के निर्देश पर जिले में बनाये गये 60 से अधिक सेफ हाउस की उपयोगिता बीती रात से ही आरंभ हो गई है। चम्बल के पानी से घिरे आधा दर्जन से अधिक गांव में बीती रात से ही एसडीईआरएफ दल के माध्यम से रेस्क्यू अभियान संचालित कर दिया है। इसमें प्रशासन ने तीन सैकड़ा से अधिक ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। इनमें अम्बाह तहसील के ग्राम बीलपुर के मजरा घेर, मल्हन का पुरा, कंचन का पुरा, छैकुरियन का पुरा, ग्राम कुथियाना के मजरा रामप्रकाश का पुरा के 119 परिवारों को सुरक्षित निकाला गया है। इनमें से कई परिवार अपने रिश्तेदारों के यहां पहुंच गये है। शेष लोग पंचायत भवन बीलपुर, महादेव मंदिर ऐसाह, माध्यमिक विद्यालय कुथियाना में शिफ्ट किये गये है।
औसत वर्षा से 372 मिमी अधिक वर्षा हुई
राष्ट्रीय मौसम विभाग की संभावनाओं को सच साबित करते हुये इस बार मात्र 60 दिन में 690 मिमी से अधिक वर्षा हो चुकी है। यह वर्षा विगत वर्ष की इसी अवधि में हुई वर्षा से 375 मिमी अधिक है। मुरैना जिले की औसत वर्षा 706.9 मिलीमीटर है। मौसम विभाग के अनुसार 1 जून से वर्षाकाल आरंभ होता है। इस वर्ष मुरैना में 21 जून से आरंभ हुई वर्षा को 40 दिन बीत गये हैं। इस अवधि में कुछ-एक दिवस को छोडक़र सभी दिवस में तेज गति से वर्षा हुई है। अभी भी 30 अगस्त तक वर्षा का समय बताया जा रहा है।
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