जंगली बबूल रणथंभौर की वनस्पति के साथ-साथ जंगल में विचरण करने वाले बाघों, बाघिनों और अन्य वन्यजीवों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरा बन गया है। इसके कारण मुकुंदरा टाइगर रिजर्व, रणथंभौर, कोटा के बाघ और अन्य वन्यजीव घायल भी हो चुके हैं। आपको बता दें कि इनमें से कई घायल बाघों का उपचार किया गया। लेकिन वन विभाग और सरकार द्वारा किए गए प्रयास नाकाफी नजर आ रहे हैं।
बाघ टी-3 भी हुआ था घायल
रणथंभौर के खंडार रेंज में विचरण कर रहे बुजुर्ग बाघ टी-3 को भी जूली फ्लोरा के कारण परेशानी हुई। खंडार रेंज में विचरण कर रहे बाघ के पिछले पैर में जूली फ्लोरा का काँटा फंसा हुआ था। बाघ को चलने में परेशानी हो रही थी। बाघ के लंगड़ाते हुए चलने की तस्वीर वन विभाग के फोटो ट्रैप कैमरे में कैद हुई। इसके बाद बाघ को ट्रैंकुलाइज कर उपचार दिया गया।वन विभाग के अनुसार, अक्टूबर 2020 में मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व, कोटा में जंगली बबूल के काँटे के कारण बाघिन टी-83 चलने में असमर्थ हो गई थी। विभाग ने पशु चिकित्सा एवं अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर, बरेली से विशेषज्ञों की एक टीम बुलाकर अभेड़ा जैविक उद्यान में लेज़र थेरेपी से उपचार करवाया।
बाघिन टी-8 भी हुई थी घायल
वर्ष 2016-17 के आसपास, रणथंभौर के ज़ोन छह में जूली फ्लोरा के काँटे के कारण बाघिन टी-8 यानी लाडली घायल हो गई थी। चूँकि जूली फ्लोरा का काँटा आसानी से नहीं निकलता। इसलिए बाद में वन विभाग ने बाघिन को ट्रैंकुलाइज़ करके उसका उपचार किया। इसके बाद बाघिन को आराम मिला।जंगली बबूल का काँटा बहुत बड़ा और नुकीला होता है, जिस वन क्षेत्र में जूली फ्लोरा मौजूद है, वहाँ बाघों और बाघिनों को घूमने में दिक्कत होती है। जूली फ्लोरा का काँटा बाघ या बाघिन के पंजों में चुभने पर संक्रमण का भी खतरा रहता है।
You may also like
'करुण नायर मिस्टर रिलायबल वाशिंगटन सुंदर के साथ मजबूती से खड़े रहे' 5वें टेस्ट मैच में पहले दिन के खेल के बाद पूर्व भारतीय
Dough Fridge Container : फ्रिज में रखा आटा सेहत के लिए कितना नुकसानदेह है? जरूर जान लें एक्सपर्ट्स की राय
क्या रोहित शर्मा और विराट कोहली वनडे से संन्यास लेंगे? क्या इस दिन खेलेंगे अपना आखिरी मैच?
Israel-Hamas: राहत सामग्री का इंतजार कर रहे लोगों पर गाजा में गोलीबारी, 48 की मौत
iPhone Sales: Q3 में बंपर बिक्री! आईफोन ने बनाया रिकॉर्ड, Apple ने बेचे 3 अरब से ज्यादा फोन