प्रतापगढ़ जिले की सुरम्य वादियों में स्थित देवझर महादेव मंदिर इन दिनों प्रकृति प्रेमियों और श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मंदिर की खासियत 50 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला झरना है, जो सीधे शिवलिंग पर गिरता है और श्रद्धालुओं को एक अनूठा आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करता है। पिछले तीन दिनों से हो रही अच्छी बारिश के कारण झरना पूरे वेग से बह रहा है।
इस झरने का ठंडा और स्वच्छ पानी और आसपास का प्राकृतिक वातावरण एक अनूठा नजारा पेश करता है। झरने की कलकल ध्वनि, घने पेड़ों की हरियाली और शुद्ध वातावरण हर आने-जाने वाले को मानसिक शांति और ताजगी प्रदान करता है। यह झरना बारिश के मौसम में करीब चार महीने तक लगातार बहता रहता है। इस दौरान मंदिर और इसके आसपास का इलाका पूरी तरह हरा-भरा हो जाता है, जिससे यह स्थान धार्मिक आस्था के साथ-साथ प्रकृति प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन पर्यटन स्थल बन गया है।
देवझर महादेव मंदिर कैसे पहुंचें
देवझर महादेव मंदिर प्रतापगढ़ जिला मुख्यालय से करीब 75 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पहुंचने के लिए पर्यटक प्रतापगढ़-दलोट-बड़ीसाखथली-अंबीरामा मार्ग से छायनी गांव आ सकते हैं। छायनी राजस्थान का मध्य प्रदेश की सीमा से लगा आखिरी गांव है, जो मोठिया ग्राम पंचायत के अंतर्गत आता है। गर्मियों में यह जगह अपनी प्राकृतिक शीतलता और शांत वातावरण के कारण लोगों को खूब आकर्षित करती है। वर्तमान में यहां के कल-कल करते झरने और हरियाली ने देवझर को एक प्राकृतिक तीर्थस्थल में बदल दिया है, जहां श्रद्धालु आस्था और प्रकृति दोनों का आनंद एक साथ ले सकते हैं।
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