राजस्थान की राजधानी जयपुर में क्रिप्टोकरेंसी सुपरसिटी को लूटने वाले साइबर फ्रॉड गिरोह का भंडाफोड़ हुआ है। सिंधी कैंप थाना पुलिस ने क्रिप्टोकरेंसी सुपरसिटी डकैती के मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है, जो एक बड़े गिरोह के जरिए डकैती को अंजाम दे रहा था। हैरान करने वाली बात यह है कि आरोपी युवक खुद को आईआईटी का छात्र बताकर फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट के जरिए लाखों रुपए की ठगी कर रहा था। वह नौकरियों और निवेश के झूठे वादे करके लोगों को धोखा दे रहे थे।
आरोपी दिव्यांशु सिंह उर्फ गुल्ला खुद को आईआईटी का छात्र बताकर सोशल मीडिया पर लोगों को धोखा दे रहा था और फर्जी आईडी बनाकर उनसे लाखों रुपये की ठगी कर रहा था। वह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर लोगों से संपर्क करता था और क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने और नौकरी दिलाने के बहाने उनसे पैसे ऐंठता था।
पिछले साल एक व्यक्ति से 4.5 लाख रुपये की ठगी हुई थी।
22 नवंबर 2024 को पीड़ित समीर खान ने सिंधी कैंप थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि आरोपियों ने क्रिप्टो सुपरसिटी प्रोजेक्ट में भारी मुनाफे का वादा कर उससे 4.5 लाख रुपये की ठगी की है। आरोपी ने सोशल मीडिया के जरिए खुद को आईआईटी छात्र बताकर लोगों का विश्वास जीता और बाद में पैसे लेकर गायब हो गया। जयपुर पश्चिम पुलिस उपायुक्त धर्मवीर सिंह व सहायक पुलिस आयुक्त मनीष शर्मा के निर्देशन में थाना प्रभारी श्याम सुन्दर शर्मा के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। लगातार तकनीकी निगरानी और विश्लेषण के बाद आरोपी को सुभाष चौक थाना क्षेत्र से गिरफ्तार कर लिया गया।
पुलिस का कहना है कि आरोपी एक बड़े ऑनलाइन साइबर धोखाधड़ी समूह का हिस्सा है जो क्रिप्टो और फर्जी नौकरियों में निवेश के नाम पर युवाओं को लूटता है। अब पुलिस यह भी जांच कर रही है कि आरोपी के कितने अन्य पीड़ित हैं।
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