राजस्थान के कृषि मंत्री डॉ. किरोड़ी लाल मीना ने नकली खाद माफियाओं के खिलाफ अपनी कार्रवाई जारी रखते हुए शुक्रवार को किशनगढ़ के डिंडवाड़ा और बांदरसिंदरी इलाके में स्थित राधिका एग्रो और सालासर फैक्ट्री पर छापेमारी की। यह छापेमारी लगातार दूसरे दिन भी जारी रही, जिसमें मंत्री खुद फैक्ट्रियों में पहुंचे, ताकि किसी को भनक न लगे।
फैक्ट्रियों में अफरा-तफरी, कर्मचारी फरार
बता दें, दूसरे दिन जैसे ही मंत्री किरोड़ी लाल मीना एक और एग्रो फैक्ट्री में पहुंचे, वहां काम कर रहे कर्मचारी और सुपरवाइजर फैक्ट्री छोड़कर भाग गए। मंत्री ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को जिप्सम की गुणवत्ता की जांच करने और सैंपल लेकर फैक्ट्री को सील करने के आदेश दिए।
छापेमारी के दौरान क्या मिला?
बता दें, मार्बल पाउडर और मिट्टी को मिलाकर नकली डीएपी, एसएसपी और पोटाश तैयार किया जा रहा था। खेतों और गोदामों में बनी अवैध फैक्ट्रियों में हजारों ब्रांडेड नामों की खाली बोरियां, नकली लेबल और मशीनरी मिली। खाद को इफको, आईपीएल जैसे ब्रांड के नाम से पैक किया जा रहा था। इन बोरियों को गांवों में किसानों को बेचने की तैयारी चल रही थी।
फैक्ट्रियां सील, आपराधिक जांच शुरू
मंत्री ने पुलिस और प्रशासन को मौके पर बुलाकर फैक्ट्रियां सील करवा दी और आपराधिक जांच के आदेश दिए। उन्होंने कहा कि यह किसानों के साथ विश्वासघात है। इस अवैध कारोबार में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।गौरतलब है कि इससे पहले गुरुवार को भी 12 फैक्ट्रियां सील की गई थीं। इनमें से ज्यादातर फैक्ट्रियां बिना लाइसेंस के संचालित की जा रही थीं। यह पूरी कार्रवाई कृषि विभाग ने फर्जी टीम बनाकर गुपचुप तरीके से की है।
डोटासरा के बयान पर पलटवार
मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने कांग्रेस नेता गोविंद सिंह डोटासरा के बयान पर कड़ा पलटवार करते हुए कहा कि यह कोई राजनीतिक मुद्दा नहीं है, यह किसानों के भविष्य का सवाल है। पिछली सरकार की लापरवाही से जो कबाड़ पैदा हुआ है, हम उसे साफ कर रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री भागीरथ चौधरी का इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और उन्हें इस मामले में घसीटना अनुचित है।
डोटासरा ने लगाए थे ये आरोप
दरअसल, गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को कहा था कि कल्पना कीजिए जब केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री के संसदीय क्षेत्र किशनगढ़ में नकली डीएपी खाद का कारोबार जोरों पर है और किसानों के साथ विश्वासघात हो रहा है, तो देश के बाकी हिस्सों में क्या स्थिति होगी? कृषि राज्य मंत्री के घर में मार्बल पाउडर और मिट्टी पर रंग लगाकर नकली डीएपी बनाने की फैक्ट्रियां चल रही हैं, लेकिन हैरानी की बात है कि सरकार से लेकर अधिकारियों तक किसी को इसकी भनक तक नहीं है। उन्होंने कहा था कि या फिर भाजपा नेता अपना जमीर बेचकर जहर का सौदा कर रहे थे? अगर नहीं, तो अधिकारियों ने कार्रवाई क्यों नहीं की.. किसका दबाव था? नकली खाद का यह पर्दाफाश भाजपा सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार की निशानी है। डबल इंजन की सरकार में दोहरा भ्रष्टाचार और धोखा है। जुमलेबाजों की सरकार में किसान जमीन में जहर बोने को मजबूर हैं। शर्मनाक
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