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भाजपा विधायक बाबा बालमुकुंद आचार्य का वीडियो वायरल, थानेदार की कुर्सी पर बैठकर पुलिस अधिकारियों को फटकारा

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जयपुर की हॉट सीट माने जाने वाली हवामहल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा विधायक बाबा बालमुकुंद आचार्य एक बार फिर अपने विवादित बयानों और अनोखे अंदाज़ को लेकर सुर्खियों में हैं। इस बार मामला और गंभीर है—सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में विधायक रामगंज थाना परिसर में थानेदार की कुर्सी पर बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं। इतना ही नहीं, वीडियो में वे सामने बैठे पुलिस अधिकारियों को फटकारते हुए और फोन पर नगर निगम अधिकारियों को धमकाते भी साफ-साफ नजर आ रहे हैं।

यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और इसे लेकर जनता के साथ-साथ राजनीतिक गलियारों में भी तीखी प्रतिक्रिया देखी जा रही है। विपक्षी दलों ने इसे लोकतांत्रिक संस्थाओं की गरिमा का अपमान करार दिया है, वहीं भाजपा के भीतर भी इस रवैये को लेकर असहजता महसूस की जा रही है।

क्या है पूरा मामला?

बताया जा रहा है कि विधायक आचार्य रामगंज क्षेत्र में हो रहे कुछ अवैध निर्माण और नगर निगम की कार्यप्रणाली को लेकर नाराज थे। इसी सिलसिले में वे अचानक रामगंज थाने पहुंचे और पुलिस पर नगर निगम अधिकारियों के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए। इसी दौरान वे थानेदार की कुर्सी पर बैठ गए और पुलिसकर्मियों को फटकारते हुए उनसे जवाब-तलब करने लगे। इसके बाद उन्होंने मौके पर ही नगर निगम के अधिकारियों को फोन कर धमकाना शुरू कर दिया।

विपक्ष का हमला

वीडियो सामने आने के बाद कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दलों ने इसे लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। कांग्रेस प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि “भाजपा विधायक खुद को कानून से ऊपर समझते हैं। थाने में जाकर थानेदार की कुर्सी पर बैठना लोकतंत्र का अपमान है। अगर यही काम किसी विपक्षी नेता ने किया होता, तो अब तक FIR दर्ज हो जाती।”

प्रशासन की चुप्पी

इस पूरे प्रकरण को लेकर अभी तक जयपुर पुलिस या जिला प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि सूत्रों के मुताबिक, वायरल वीडियो की जांच शुरू कर दी गई है और उच्च स्तर पर इस पर चर्चा हो रही है। प्रशासनिक हलकों में भी यह सवाल उठ रहा है कि क्या कोई जनप्रतिनिधि कानून-व्यवस्था की परिधि से बाहर जाकर इस तरह की कार्रवाई कर सकता है?

भाजपा की स्थिति असहज

भाजपा नेतृत्व इस घटना को लेकर फिलहाल सांवधानिक मौन साधे हुए है, लेकिन अंदरखाने चर्चा है कि पार्टी आलाकमान ने पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी इस मसले पर क्या रुख अपनाती है—क्या विधायक को चेतावनी दी जाएगी या मामले को यूं ही छोड़ दिया जाएगा

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