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जेल में बंद गहलोत के करीबी मंत्री महेश जोशी ने कहां खर्च किया घोटाले का पैसा ? ED की चार्ज शीट में हुए चौकाने वाले खुलासे

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जल जीवन मिशन (जेजेएम) में 980 करोड़ रुपये के कथित घोटाले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अहम कदम उठाया है। शुक्रवार को ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पूरक आरोपपत्र दाखिल किया, जिसमें राजस्थान के पूर्व पीएचईडी मंत्री महेश जोशी, उनके बेटे रोहित जोशी और 16 अन्य के नाम शामिल हैं।

बेटे की फर्म में लगाया गया कमीशन का पैसा
ईडी सूत्रों के मुताबिक, जांच में पता चला है कि रोहित जोशी की कंपनी मेसर्स सुमंगलम लैंडमार्क में महेश जोशी के करीबी संजय बड़ाया के जरिए कमीशन का पैसा लगाया गया। फर्म को करोड़ों रुपये की फंडिंग भी की गई। आरोपपत्र में मेसर्स श्याम ट्यूबवेल, श्री गणपति ट्यूबवेल समेत कई कंपनियों और कारोबारियों के नाम भी शामिल हैं।

इन लोगों पर हुई कार्रवाई
चार्जशीट में महेश जोशी, रोहित जोशी, संजय बड़ाया, मुकेश पाठक, माया लाल सैनी, राकेश सिंह, प्रदीप कुमार, प्रवीण कुमार, मलकीत सिंह, महेंद्र प्रकाश सोनी, विशाल सक्सेना, हिमांशु रावत, नमन खंडेलवाल, तन्मय गोयल और हेमराज गुप्ता को आरोपी बनाया गया है।

घोटाले की जांच का पूरा घटनाक्रम
16 फरवरी 2023: यूपी निवासी पदम सिंह ने जेजेएम में फर्जी टेंडर की शिकायत की।
16 मार्च 2023: वकील मनीष कलवानिया ने दूसरी शिकायत की।
मई 2023: आरोपों के बावजूद टेंडर पास किए गए।


19 जून 2023: सांसद किरोड़ी लाल मीना ने 20,000 करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया।
7 अगस्त 2023: एसीबी ने मायालाल सैनी और तीन अन्य को गिरफ्तार किया।

सितंबर 2023: श्याम और गणपति ट्यूबवेल के खिलाफ एफआईआर, ईडी ने छापेमारी की।
3 मई 2024: केंद्र की अनुमति के बाद सीबीआई ने मामला दर्ज किया।
4 मई 2024: ईडी ने जांच के सबूत एसीबी को सौंपे।
30 अक्टूबर 2024: एसीबी ने महेश जोशी समेत 22 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
24 अप्रैल 2025: महेश जोशी गिरफ्तार, ईडी रिमांड पर भेजा गया।

ईडी जांच में मिले कई अहम सुराग
जांच एजेंसी के मुताबिक रोहित जोशी की फर्म को की गई फंडिंग, सरकारी टेंडरों में धोखाधड़ी और बिचौलियों की संलिप्तता इस घोटाले को गहराई से उजागर करती है। अब चार्जशीट के बाद मामले में कानूनी कार्रवाई तेज होने की संभावना है।

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