सरकार ने आरजीएचएस में पारदर्शिता के लिए नई व्यवस्था लागू की है। अब कार्डधारक को इलाज से जुड़ी सभी जानकारी पोर्टल और आरजीएचएस कनेक्ट एप पर मिलेगी। विभाग के अनुसार ओपीडी में डॉक्टर से परामर्श के बाद पोर्टल पर अपलोड किए गए पर्चे, मेडिकल स्टोर द्वारा बनाए गए दवाओं के बिल, मरीज पोर्टल या एप पर लॉग इन कर यह सब देख सकेगा।
अगर मरीज किसी अस्पताल में भर्ती है तो क्लेम सबमिट होते ही पोर्टल पर सभी दस्तावेज देखने के साथ ही डाउनलोड करने की सुविधा भी शुरू कर दी गई है। इसके लिए ट्रांजेक्शन ट्रैकर में जाकर ओपीडी, आईपीडी या फार्मेसी का चयन करने के बाद वित्तीय वर्ष, अवधि या तिथि का चयन कर पूरी जानकारी प्राप्त कर सकेंगे। इससे पहले मोबाइल पर मैसेज के जरिए सभी ट्रांजेक्शन की जानकारी देने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।
गौरतलब है कि सरकार द्वारा एआई के जरिए आरजीएचएस योजना में कई फर्जीवाड़े पकड़े जाने के बाद योजना के बेहतर संचालन के लिए लगातार बदलाव किए जा रहे हैं। सरकार ने हाल ही में योजना के संचालन की जिम्मेदारी वित्त विभाग से लेकर स्वास्थ्य विभाग को सौंपी है। हाल ही में चिकित्सा मंत्री ने राजस्थान राज्य स्वास्थ्य आश्वासन एजेंसी और स्वास्थ्य विभाग की बैठक में योजना के बेहतर संचालन के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
ये होंगे फायदे
कई मेडिकल स्टोर दवाओं के बिल नहीं देते हैं। अब मरीज पोर्टल से दवाओं की सूची और बिल का मिलान कर गड़बड़ी पकड़ सकेगा। वह शिकायत भी दर्ज करा सकेगा।
इससे फर्जी दावों पर रोक लगेगी। जिससे सरकार को राजस्व का नुकसान नहीं होगा।
मरीज को जेनेरिक दवाएं देने और उनकी जगह महंगी एथिकल दवाओं के बिल बनाने की गड़बड़ी पर रोक लगेगी।
अगर मरीज का पर्चा खो जाता है तो वह उसे दोबारा पोर्टल से डाउनलोड कर सकता है। मरीज का पूरा मेडिकल रिकॉर्ड पोर्टल पर सेव हो जाएगा। इससे फाइल न होने पर भी दूसरे डॉक्टर से परामर्श लेना आसान हो जाएगा।
अगर मेडिकल स्टोर और अस्पताल बिल नहीं देते हैं तो भी मरीज पोर्टल से बिल और जांच रिपोर्ट देख और डाउनलोड कर सकेगा।
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