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Nepal GenZ Protest में बुरी फंसी बयाना विधायक ऋतु बनावत, स्पीकर देवनानी ने कहा- 'सरकार कर रही है सकुशल लाने की कोशिश'

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नेपाल में 8 सितंबर से शुरू हुए हिंसक आंदोलन के बाद भारत के हज़ारों पर्यटक भी फंसे हुए हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के भी कई लोग मुश्किल में आ गए हैं। इनमें बयाना की निर्दलीय विधायक रितु बनावत और उदयपुर के पूर्व पार्षद अनिल सिंघल का परिवार भी फंसा हुआ है। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने बुधवार को विधायक रितु बनावत के फंसे होने की जानकारी दी। बता दें, हिंसा के कारण नेपाल में सभी घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानें रद्द कर दी गई हैं, जिसके कारण पर्यटक विभिन्न शहरों के होटलों में फंसे हुए हैं। राजस्थान सरकार और भारतीय दूतावास इन लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं।

नेपाल में फंसी विधायक रितु बनावत

बयाना से निर्दलीय विधायक रितु बनावत भी नेपाल में फंसी हुई हैं। विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि राज्य सरकार उनकी सुरक्षित वापसी के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने बताया कि सरकार भारतीय दूतावास के संपर्क में है और स्थिति सामान्य होते ही निकासी प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।

उदयपुर के 35 पर्यटक भी फंसे
उदयपुर के पूर्व पार्षद अनिल सिंघल और उनके परिवार समेत ज़िले के 35 पर्यटक भी नेपाल में फंसे हुए हैं। अनिल सिंघल ने बताया कि वे 5 सितंबर को पशुपतिनाथ मंदिर के दर्शन के लिए उदयपुर से काठमांडू गए थे। 12 सितंबर को उनकी दिल्ली वापसी की उड़ान थी, लेकिन हिंसा भड़कने के बाद सभी उड़ानें रद्द कर दी गईं और वे पोखरा के एक होटल में फंस गए। पोखरा काठमांडू से लगभग 500 किलोमीटर दूर है।

काठमांडू में हालात बिगड़े
नेपाल की राजधानी काठमांडू में दो दिन पहले हालात बेहद गंभीर हो गए थे। हिंसक प्रदर्शनकारियों ने सरकारी इमारतों में आग लगा दी और अब तक 20 लोगों की मौत हो चुकी है। कई नेताओं को देश छोड़कर भागना पड़ा। पुलिस और प्रशासन के लोग भी मैदान छोड़कर भाग गए हैं, जिसके बाद सेना ने मोर्चा संभाल लिया है। सेना के हस्तक्षेप से स्थिति कुछ हद तक नियंत्रण में आ गई है, लेकिन पर्यटकों में अभी भी डर का माहौल है।

मुख्यमंत्री भजनलाल ने जताई चिंता
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नेपाल में फंसे राजस्थानी नागरिकों की स्थिति पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने प्रभावित लोगों से भारतीय दूतावास के संपर्क में रहने और हेल्पलाइन नंबरों का उपयोग करने की अपील की है। राज्य सरकार भी केंद्र और दूतावास के सहयोग से स्थिति पर नज़र रख रही है।

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