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के. आर. श्रीराम ने ली राजस्थान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस पद की शपथ, अब 40 से अधिक जजों की नियुक्ति की उम्मीद

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राजस्थान उच्च न्यायालय को सोमवार को अपना 43वाँ मुख्य न्यायाधीश मिल गया। राजभवन में आयोजित एक समारोह में राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने न्यायमूर्ति के.आर. श्रीराम को शपथ दिलाई। इस अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा और राज्य मंत्रिमंडल के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।न्यायमूर्ति श्रीराम महाराष्ट्र के मूल निवासी हैं। उन्हें 2013 में बॉम्बे उच्च न्यायालय में अतिरिक्त न्यायाधीश नियुक्त किया गया था और 2016 में वे स्थायी न्यायाधीश बने। इसके बाद 27 सितंबर 2024 को उन्होंने मद्रास उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली। अब सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम की अनुशंसा पर उनका स्थानांतरण राजस्थान उच्च न्यायालय में हो गया है।

न्यायमूर्ति श्रीराम का कार्यकाल सीमित होगा

इस स्थानांतरण के तहत, राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति एम.एम. श्रीवास्तव को मद्रास उच्च न्यायालय भेजा गया है। राष्ट्रपति की स्वीकृति के बाद अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। हालाँकि, न्यायमूर्ति श्रीराम का कार्यकाल बहुत सीमित होगा। वे 27 सितंबर 2025 को सेवानिवृत्त होंगे। ऐसे में राजस्थान उच्च न्यायालय में उनका कार्यकाल केवल 69 दिनों का होगा।

उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 50 है

राजस्थान उच्च न्यायालय को जल्द ही 7 नए न्यायाधीश मिलने की संभावना है। इनमें से 6 अधिवक्ता कोटे से और 1 न्यायिक सेवा कोटे से होगा। सर्वोच्च न्यायालय कॉलेजियम इन नामों की अनुशंसा पहले ही कर चुका है और अब राष्ट्रपति भवन से इनकी नियुक्ति का वारंट जारी करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है।

यदि ये नियुक्तियाँ हो जाती हैं, तो राजस्थान उच्च न्यायालय के इतिहास में पहली बार न्यायाधीशों की संख्या 40 के पार हो जाएगी। वर्तमान में उच्च न्यायालय में न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 50 है, लेकिन वास्तविक संख्या 30 से कम रही है। ऐसे में इन नियुक्तियों को न्यायिक प्रक्रिया को गति देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

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