राजस्थान के जैसलमेर जिले में पिछले दो वर्षों से बिजली और पानी की गंभीर किल्लत लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित कर रही है। शहर और ग्रामीण इलाकों में निवासियों को 10 से 15 दिनों तक पानी की सप्लाई नहीं मिलने और बिजली की अनियमितता का सामना करना पड़ रहा है। इससे जनजीवन मुश्किल भरा और लोगों में भारी नाराजगी पनप रही है।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि गर्मी के मौसम में पानी की कमी और बिजली कटौती ने उनकी दिनचर्या को पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। ग्रामीण इलाकों में लोग घरों और खेतों में पानी की व्यवस्था के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जबकि शहर में लोग पानी और बिजली की कमी से दैनिक कामकाज में परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
स्थानीय नागरिकों ने कई बार ज्ञापन और धरना-प्रदर्शन के माध्यम से प्रशासन को समस्या की गंभीरता से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि उन्होंने बार-बार अधिकारियों को चेताया, लेकिन अब तक समस्या जस की तस बनी हुई है। इस किल्लत के कारण न केवल घरों में पानी और बिजली की कमी हुई है, बल्कि कृषि कार्य, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं पर भी प्रतिकूल असर पड़ा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि जैसलमेर जैसे मरुस्थलीय जिले में पानी और बिजली की नियमित सप्लाई सुनिश्चित करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि जल आपूर्ति के लिए नई नलकूप और पाइपलाइन प्रणाली स्थापित की जाए और बिजली आपूर्ति को नियमित करने के लिए ठोस योजना बनाई जाए।
स्थानीय स्कूलों में भी बच्चों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। शिक्षकों ने बताया कि बिजली कटौती और पानी की कमी के कारण पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं, महिला और बुजुर्ग वर्ग घरेलू कामकाज और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी से जूझ रहे हैं।
स्थानीय प्रशासन ने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि समस्या को जल्द हल करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। अधिकारीयों ने आश्वासन दिया कि जल और बिजली आपूर्ति की नियमित व्यवस्था के लिए लंबी अवधि की योजना बनाई जा रही है, लेकिन फिलहाल कुछ क्षेत्रों में असुविधा बनी रह सकती है।
निष्कर्ष:
जैसलमेर जिले में बिजली और पानी की किल्लत ने शहर और ग्रामीण इलाकों के जनजीवन को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। स्थानीय निवासियों की परेशानियों को देखते हुए प्रशासन को तुरंत ठोस और प्रभावी उपाय करने की आवश्यकता है। लगातार असुविधा और अनियमित आपूर्ति से जनजीवन प्रभावित होने के साथ-साथ सामाजिक और आर्थिक समस्याएं भी बढ़ रही हैं। जल और बिजली की स्थायी व्यवस्था सुनिश्चित करना न केवल नागरिकों के लिए राहत का कारण बनेगा, बल्कि जिले के विकास और जनसुविधाओं के लिए भी आवश्यक है।
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