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17 लाख लोगों की ताकत और पांच शक्तियां जो इस जिले को बना सकती हैं आत्मनिर्भर, जानिए कैसे होगी बदलाव की शुरुआत

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हमारे शांत और खूबसूरत झालावाड़ जिले की आबादी अब 17 लाख को पार कर गई है, यानी मॉरीशस और भूटान जैसे देशों जितनी। अगर जनता की शक्ति को जिले की पाँच मूल शक्तियों से जोड़ दिया जाए, तो जिले की सूरत बदल सकती है। हमारे जिले झालावाड़ की पंच शक्तियाँ उत्पादन में संतरा, वनस्पति में सागौन, उत्पादों में कोटा स्टोन, पर्यटन में विश्व धरोहर में शामिल गागरोन जल दुर्ग और दर्जनों प्राकृतिक व ऐतिहासिक स्थल हैं। खेलों में झालावाड़ बास्केटबॉल का गढ़ है।

संतरा प्रसंस्करण से बदल सकती है तस्वीर:
संतरा उत्पादन के कारण झालावाड़ को प्रदेश का नागपुर भी कहा जाता है। पद्मश्री किसान हुकमचंद पाटीदार के जिले के संतरे स्वाद और गुणवत्ता में अन्य राज्यों के संतरों से बेहतर हैं। जिले में संतरों के लिए विपणन सुविधा होनी चाहिए। सरकार को जिले में संतरे की प्रसंस्करण इकाई स्थापित करनी चाहिए। ताकि इसे बढ़ावा मिले और युवाओं को रोजगार मिले।

निर्यात से बढ़ सकती है कोटा स्टोन की चमक -
जिले के बिरियाखेड़ी, नाडियाखेड़ी समेत आसपास के इलाकों में कोटा स्टोन का बड़े पैमाने पर खनन होता है। अब युवा कोटा स्टोन को डिजाइनिंग, कटिंग और शिल्पकला में बदल रहे हैं। लघु उद्योग भारती के प्रांतीय उपाध्यक्ष पुखराज जैन कहते हैं कि अब हम पत्थर बेचते नहीं, बल्कि इससे सजावटी सामान बना रहे हैं। अब रेडी-टू-फिट टाइल्स ने इसे और उपभोक्ता-अनुकूल बना दिया है।

हमारे जंगल सागौन के लिए उपयुक्त -
राज्य सरकार ने सागौन को झालावाड़ जिले के पंच गौरव में शामिल किया है। फर्नीचर निर्माता अमृत लाल कहते हैं कि सागौन की लकड़ी की उम्र हजारों साल होती है। इसलिए इसका फर्नीचर बहुत अच्छा होता है। मनोहरथाना और जिले के अन्य इलाकों में इसके अच्छे पौधे हैं। सरकार को इसके पौधे किसानों को मुफ्त उपलब्ध कराने चाहिए ताकि इसका उत्पादन हो सके। इसमें रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।

जलदुर्ग से पर्यटन बढ़ सकता है -
गागरोन किले को विश्व धरोहर के रूप में मान्यता मिल चुकी है। दुनिया का अनोखा, भव्य और मज़बूत जलदुर्ग गागरोन झालावाड़ में है। इसे विश्व धरोहर में शामिल किया गया है। इतिहासकार ललित शर्मा बताते हैं कि सदियों से मज़बूती से खड़ी इस पहाड़ी के तीन ओर आहू और कालीसिंध नदियों का पानी इसे अनोखा बनाता है। इसके अलावा, झालावाड़ में दर्जनों ऐतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थल इसे पर्यटन की दृष्टि से मज़बूत बनाते हैं।

बास्केटबॉल में झालावाड़ अव्वल -
एनआईएस कोच जुबेर खान ने अब स्कूलों में नियमित बास्केटबॉल प्रशिक्षण शुरू कर दिया है। वे ख़ुद दो महीने से रोज़ाना 30 से ज़्यादा बच्चों को प्रशिक्षण दे रहे हैं। शहर के कई छात्र राज्य टीम का हिस्सा बन चुके हैं। सरकार द्वारा इसे पंच गौरव में शामिल करने से ज़िले के युवाओं में इस खेल के प्रति रुचि बढ़ी है। शहर के हुमायूँ खान स्कूली प्रतियोगिता में राष्ट्रीय खेल चुके हैं, जबकि माहुल शर्मा समेत कई खिलाड़ियों ने राज्य स्तर पर अच्छा प्रदर्शन किया है।

तथ्य फ़ाइल-
2011 में ज़िले की जनसंख्या- 1411129
2021 में ज़िले की जनसंख्या- 1687710
झालावाड़: जनसंख्या कोई चुनौती नहीं, बल्कि हमारी सबसे बड़ी ताकत है
ज़िले में जनसंख्या वृद्धि दर 19.6 प्रतिशत

मैं अपने ज़िले की ताकत हूँ
अमृत लाल, 25 वर्ष, मैं सागवान से कई तरह के फ़र्नीचर, शोपीस और घरेलू सजावट के सामान बना रहा हूँ। जो पूरे राज्य में बिक रहे हैं। यही ज़िले की ताकत है। ज़ुबेर खान, 18 वर्ष, झालावाड़, मैं बास्केटबॉल का राज्य स्तरीय खिलाड़ी हूँ। अब मैं शहर और गाँव के बच्चों को भी प्रशिक्षण दे रहा हूँ।

प्रशासन भी दे रहा है सहयोग-
हमने पंचशक्ति योजना को ज़िला स्तरीय प्राथमिकता में शामिल किया है। इसमें संतरा, सागौन, कोटा स्टोन, बास्केटबॉल को खेलों में शामिल किया गया है। सागौन की नर्सरी से पौधे देने और संतरा व अन्य उत्पादों को बढ़ावा देने के लिए पूरी योजना बनाकर राज्य सरकार को भेज दी गई है। जल्द ही इस पर अच्छा काम होगा।

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