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5.50 लाख महिलाओं को नहीं मिलेगा पोषाहार का लाभ! राजस्थान सरकार ने योजना में किया बड़ा बदलाव, जानिए क्या है कारण ?

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राजस्थान में गर्भवती और छात्रा महिलाओं को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने वाली पोषण योजना में बड़ा बदलाव हुआ है। जिसके बाद करीब 5.50 लाख महिलाएं योजना के लाभ से वंचित हो सकती हैं।

राजस्थान में पोषण योजना

महिलाओं और बच्चों के बेहतर पोषण और स्वास्थ्य के लिए राजस्थान में दो प्रमुख योजनाएं चलाई जा रही हैं। पहली योजना आंगनवाड़ी सेवाओं के माध्यम से "पोषण योजना" और स्कूली बच्चों के लिए "प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना (पीएम पोषण)" है। जिसके तहत बच्चों और माताओं को स्वस्थ और पौष्टिक भोजन मिलता है।

पोषण योजना
यह योजना खास तौर पर गर्भवती महिलाओं, स्तनपान कराने वाली माताओं और 6 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए है। इस योजना के जरिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर ये सुविधाएं मिलती हैं। इसके तहत पौष्टिक भोजन (पूरक पोषण), स्कूल पूर्व शिक्षा, टीकाकरण और स्वास्थ्य जांच, पोषण और स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी और जरूरत पड़ने पर मेडिकल रेफरल जैसी सुविधाएं मिलती हैं। इसका उद्देश्य कुपोषण को कम करना और महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य को बेहतर बनाना है।

प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना

कुछ समय पहले तक इसे मिड-डे मील योजना के नाम से जाना जाता था। इसका उद्देश्य सरकारी स्कूलों के बच्चों को प्रतिदिन गर्म, पका हुआ और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराना है। योजना के अनुसार छात्रों को एक निश्चित मात्रा के हिसाब से भोजन उपलब्ध कराया जाता है।

अब चेहरा बनेगा पहचान

पोषण योजना में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार अब एक नई तकनीक लागू कर रही है। जिसे फेशियल रिकॉग्निशन सिस्टम (FRS) के नाम से जाना जाता है। अब आंगनवाड़ी से पोषण प्राप्त करने के लिए महिलाओं और बच्चों को FRS सिस्टम में अपने चेहरे की पहचान दर्ज करानी होगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल सही व्यक्ति को ही लाभ मिल रहा है।

लेकिन इसमें समस्या क्या है?

इस प्रणाली के शुरू होने में सबसे बड़ी समस्या यह है कि राजस्थान में 5 लाख से अधिक महिलाएं अभी भी FRS से नहीं जुड़ी हैं। जिसके कारण वे और उनके बच्चे पोषण से वंचित रह सकते हैं। हालांकि सरकार ने 1 जुलाई से इस प्रणाली को शुरू करने के निर्देश दिए हैं।

लाभ पाने के लिए क्या करना होगा?

आपको आधार और ई-केवाईसी करवाना होगा। आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पोषण ट्रैकर ऐप के जरिए आपकी फोटो लेंगी। चेहरा पहचानते ही आपके मोबाइल पर एक ओटीपी आएगा। ओटीपी शेयर करने के बाद ही टेक-होम राशन (टीएचआर) या पोषाहार दिया जाएगा। इसके साथ ही अब पोषाहार लेने के लिए आपको खुद ही आंगनबाड़ी केंद्र जाना पड़ेगा।

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