ब्रिटेन के अख़बार डेली मेल ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि अहमदाबाद एयर इंडिया विमान हादसे के बाद ब्रिटेन भेजे गए कुछ शवों की पहचान ग़लत की गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक़, कुछ शवों की जगह अज्ञात लोगों के अवशेष परिजनों को सौंप दिए गए.
ब्रिटेन के टेबलॉयड अख़बार डेली मेल की इस रिपोर्ट के सामने आने के बाद भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से बयान जारी किया गया है.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि सभी शवों को पूरी 'संवेदनशीलता और सम्मान' के साथ संभाला गया, और वह इस मामले में उठी चिंताओं को दूर करने के लिए ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहा है.
यह पूरा विवाद ऐसे समय में सामने आया है जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन की यात्रा पर हैं.
इससे पहले, 12 जून को अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया के विमान हादसे में विमान में और ग्राउंड पर कुल मिलाकर 260 लोगों की मौत हुई थी.
इस घटना में विश्वास कुमार रमेश नामक एक ब्रिटिश यात्री सुरक्षित बच पाए थे.
विदेश मंत्रालय ने क्या कहा है?अहमदाबाद एयर इंडिया हादसे पर डेली मेल की रिपोर्ट को लेकर पूछे गए सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा है, "हमने यह रिपोर्ट देखी है और जब से यह मामला हमारे संज्ञान में आया है, हम ब्रिटेन के अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं."
"हादसे के बाद, तय नियमों और तकनीकी प्रक्रिया के अनुसार पीड़ितों की पहचान की गई थी. सभी शवों को पूरी संवेदनशीलता और सम्मान के साथ संभाला गया. इस मामले से जुड़ी किसी भी चिंता को दूर करने के लिए हम ब्रिटेन की एजेंसियों के साथ अब भी मिलकर काम कर रहे हैं."
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बता दें कि 12 जून को जिस बोइंग 787-8 विमान का हादसा हुआ था, उसमें यात्री और क्रू सदस्य समेत कुल 242 लोग सवार थे. इनमें 169 भारतीय नागरिक, 53 ब्रिटिश नागरिक, 1 कनाडाई नागरिक और 7 पुर्तगाली नागरिक शामिल थे.
इस हादसे में सिर्फ़ एक ब्रिटिश नागरिक विश्वास कुमार रमेश ही जीवित बच पाए थे.
हादसे की शुरुआती जांच रिपोर्ट इसी महीने सामने आई है. इस रिपोर्ट में विमान हादसे की प्रमुख वजह पर रोशनी डाली गई है. इस रिपोर्ट को भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो (एएआईबी) ने जारी किया है.
रिपोर्ट के मुताबिक़, विमान के दोनों फ़्यूल कंट्रोल स्विच, विमान के टेक ऑफ़ होते ही कट-ऑफ़ पोज़िशन में चले गए थे.
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डेली मेल की इस रिपोर्ट का शीर्षक है, "ब्रिटेन में एयर इंडिया के पीड़ितों के परिवारों को भेजे गए ग़लत शव: शोकग्रस्त परिजनों को ऐसे ताबूत भेजे गए जिनमें अज्ञात यात्रियों के शव थे."
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि शवों की पहचान में गड़बड़ी हुई है और एक परिवार को अंतिम संस्कार की योजना तब रद्द करनी पड़ी जब पता चला कि ताबूत में किसी अज्ञात यात्री का शव था.
रिपोर्ट में एक और मामले का भी ज़िक्र है, जिसमें दावा किया गया है कि "हादसे में मारे गए एक से अधिक व्यक्तियों के 'मिश्रित' अवशेष ग़लती से एक ही ताबूत में रख दिए गए."
इन अवशेषों को अंतिम संस्कार से पहले अलग करना पड़ा ताकि दफ़न की प्रक्रिया पूरी की जा सके.
रिपोर्ट के मुताबिक़, ये गड़बड़ियां तब सामने आईं जब इनर वेस्ट लंदन की कोरोनर (जांच अधिकारी) डॉ. फियोना विलकॉक्स ने डीएनए नमूनों के आधार पर शवों की पहचान की पुष्टि की कोशिश की.
बीबीसी को क्या जानकारी मिली है?
बीबीसी ने भी एक पीड़ित परिवार से बातचीत की है. एयर इंडिया विमान हादसे में मारी गईं महिला शोभना पटेल के बेटे मितेन पटेल ने बीबीसी को बताया है कि जब उनकी मां का शव ब्रिटेन वापस लाया गया, तो ताबूत में "अन्य अवशेष" भी पाए गए.
मितेन पटेल, जिनके पिता भी इस हादसे में मारे गए थे, उनका कहना है कि कोरोनर (जांच अधिकारी) ने अवशेषों की पहचान की और इसके बाद उन्हें यह चिंता सताने लगी कि, "ताबूत के अंदर और कौन हो सकता है?"
12 जून को अपने बेटों और पोतों से मिलने के लिए अशोक और शोभना पटेल भारत से ब्रिटेन जा रहे थे. इस दौरान गैटविक एयरपोर्ट के लिए रवाना हुआ विमान अहमदाबाद में दुर्घटनाग्रस्त हो गया.
मितेन के परिजन उन पहले पीड़ितों में थे जिनके शव ब्रिटेन वापस भेजे गए.
उनके बेटे मितेन ने कहा कि यह ग़लती "बहुत ही दुखद और परेशान करने वाली थी."
हालांकि उन्होंने यह भी माना कि "ऐसी घटनाओं में ग़लतियां हो सकती हैं."
उन्होंने कहा, "लोग थक चुके थे और उन पर बहुत दबाव था. लेकिन एक ज़िम्मेदारी तो बनती है कि ब्रिटेन सही शव भेजे जाएं."
"मैं कैसे मानूं कि उनके ताबूत में कोई और अवशेष नहीं थे?"
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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