इसमें कोई दो राय नहीं है कि बर्मिंघम टेस्ट में 1014 रन बनाने वाली भारतीय टीम के लिए पाँचवें दिन यानी रविवार को सिरीज़ बराबरी पर लाने का मौक़ा होगा.
लेकिन अगर ऐसा न हुआ तो भारत पर पारी की घोषणा में देरी करने पर सवाल भी खड़े हो सकते हैं क्योंकि देरी के कारण इंग्लैंड के पास इस टेस्ट को ड्रॉ करवाने का मौक़ा भी है.
मेहमानों ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 608 रनों की लीड लेने के बाद पारी घोषित करने का फ़ैसला किया.
चौथे दिन का खेल ख़त्म होने के बाद इंग्लैंड ने 72 रन पर अपने तीन विकेट गंवा दिए हैं. आख़िरी दिन भारत को सिरीज़ को 1-1 की बराबरी पर लाने के लिए मेज़बानों के सात विकेट चाहिए. जबकि इंग्लैंड को लगातार दूसरी जीत के लिए रिकॉर्ड 536 रन बनाने होंगे.
पहले टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने भारत को चौथी पारी में 371 रनों के स्कोर का पीछा करके हराया था. ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि इंग्लिश टीम इस बार भी 'बैज़बॉल' रणनीति अपनाती है या नहीं.
मैच का नतीजा जो भी रहे, लेकिन सबसे ज़्यादा चर्चा कप्तान शुभमन गिल की होगी. पहली पारी में 269 रन की रिकॉर्ड पारी खेलने के बाद दूसरी में उन्होंने 161 रन बनाकर इंग्लैंड के लिए इतना बड़ा टारगेट तय करने में अहम योगदान किया.
अगर इंग्लैंड आख़िरी दिन इस मुक़ाम तक पहुंच जाता है तो यह चौथी पारी में लक्ष्य हासिल करने का नया रिकॉर्ड होगा.
इंग्लैंड के ख़िलाफ़ सिरीज़ में ऐसा लग रहा है कि रिकॉर्ड गिल का पीछा कर रहे हैं. किसी एक टेस्ट मैच में सबसे ज़्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड बतौर भारतीय बल्लेबाज़ अब उनके नाम है.
पहली पारी में अपने दोहरे शतक के साथ उन्होंने इस मैच में 430 रन बनाए हैं. इससे पहले सुनील गावस्कर ने वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ 1971 में 344, वीवीएस लक्ष्मण ने ऑस्ट्रेलिया के सामने 2001 में 340 रन बनाए थे.
इस कड़ी में सौरव गांगुली का नाम भी है जिन्होंने पाकिस्तान के ख़िलाफ़ 2007 में एक टेस्ट में 330 रन बनाए थे. वीरेन्द्र सहवाग के बल्ले से 2008 में साउथ अफ़्रीका के ख़िलाफ़ 319 रन आए थे.
गिल के सिरीज़ में 585 रन हो चुके हैं और बतौर कप्तान अपनी पहली टेस्ट सिरीज़ में यह किसी भारतीय बल्लेबाज़ का सबसे अधिक स्कोर है. इससे पहले विराट कोहली ने 2014-2015 में ऑस्ट्रेलिया में 449 रन बनाए थे.
शुभमन गिल पंजाब से हैं और उनकी इस ऐतिहासिक पारी के बाद युवराज सिंह ने एक्स पर पोस्ट किया कि यह बेहद सुकून से लगाया गया एक और शतक है.
उन्होंने आगे लिखा कि कप्तान बहुत उम्दा खेल रहे हैं.
गिल ने अपनी इस क्लीन पारी में एक और रिकॉर्ड अपने नाम किया है. वह विश्व क्रिकेट में ऐसे दसवें बल्लेबाज़ बन गए हैं जिन्होंने एक ही टेस्ट मैच में दोहरा शतक और शतक जड़ा है.
इस लिस्ट में दूसरा भारतीय नाम सुनील गावस्कर का है जिन्होंने वेस्टइंडीज के ख़िलाफ़ पोर्ट ऑफ़ स्पेन में 1971 में हुए टेस्ट मैच में पहली पारी में 124 और दूसरी में 220 रन बनाए थे.
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माना जाता है कि असली क्रिकेटर की परीक्षा इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया की पिचों पर होती है लेकिन बर्मिंघम की पिच चौथे दिन बेजान दिखी.
शायद यही कारण रहा कि पहली पारी की तरह गिल दूसरी पारी में भी अपनी शर्तों पर खेले. स्पिन के ख़िलाफ़ उनका खेल आक्रामक रहा.
उन्होंने जब चाहा, फ़ील्डर के सामने से सिंगल लिया. पेस के ख़िलाफ़ उनके शॉट्स में पहले से ज़्यादा पैनापन दिखा और मौक़ा मिलने पर बाउंड्री लगाई. 162 गेंदों में 161 रनों की उनकी पारी में 99.38 के स्ट्राइक रेट के साथ 13 चौके और 8 छक्के आए.
हालांकि, उनकी इस धमाकेदार पारी का अंत अच्छा नहीं हुआ. स्पिनर शोएब बशीर की गेंद गिल की उम्मीद से कुछ ज़्यादा ही उछाल ले गई और उनके बैट के ऊपरी हिस्से से टकराने के बाद शॉर्ट कवर की तरफ़ हवा में लटक गई जिसे ख़ुद बशीर ने लपकने में कोई ग़लती नहीं की.
भारत ने इंग्लैंड के ख़िलाफ़ पहाड़ जैसा स्कोर खड़ा किया है, इसके लिए गिल और रवींद्र जडेजा के बीच 279 गेंदों पर बनी 203 रन की पार्टनरशिप का योगदान भी रहा.
ऋषभ पंत ने एक बार फिर से मनोरंजक पारी खेली. शोएब बशीर के सामने आउट होने से पहले उन्होंने 58 गेंदों पर आठ चौके और तीन छक्कों के साथ ताबड़तोड़ 65 रन बनाए. लेकिन उनके इस खेलने के ढंग से एक बार फिर सवाल खड़ा हो गया. सवाल यह कि शॉट्स खेलते समय उनके हाथ से बल्ला क्यों छूट जाता है या फिर वह पिच पर कटे हुए पेड़ की तरह क्यों गिर जाते हैं!
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टेस्ट में अक्सर बड़े लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की 'बैज़बॉल' क्रिकेट रणनीति चर्चा में रहती है. यह देखना रोचक होगा कि इंग्लैंड आख़िरी दिन मैच को ड्रॉ के लिए खेलता है या फिर वह पहले टेस्ट की तरह 'बैज़बॉल' क्रिकेट खेलकर सिरीज़ में 2-0 की बढ़त बनाने की कोशिश करेगा.
'बैज़बॉल' क्रिकेट एक आधुनिक क्रिकेट रणनीति है, जो इंग्लैंड की टेस्ट टीम ने अपनाई है. इसका मतलब टेस्ट क्रिकेट में तेज़ गति से खेलने, आक्रामक बल्लेबाज़ी, और साहसी फ़ैसलों के ज़रिए मैच को जल्दी निपटाने और जीत की संभावना बढ़ाते हुए ड्रॉ की मानसिकता को त्याग देने से है.
यह नाम इंग्लैंड टीम के कोच ब्रेंडन मैकुलम के निकनेम 'बैज़' से आया है.
नई बॉल से मोहम्मद सिराज और आकाश दीप ने इंग्लैंड के टॉप ऑर्डर को निपटाया ज़रूर है, लेकिन जिस तरह की आक्रामकता के साथ इंग्लैंड की टीम खेलने उतरी है उससे लगा कि वह इस वर्ल्ड रिकॉर्ड रनों का पीछा करने के लिए अपने खेल में बदलाव करने का कोई इरादा नहीं रखती है.
मोहम्मद सिराज ने जैक क्रावली को दूसरे ओवर में आउट किया लेकिन दूसरे छोर पर उनके साथी ओपनर बेन डकेट पर इसका कोई असर नहीं दिखा. आकाश दीप की गेंद पर बोल्ड होने से पहले वह अपनी 15 गेंदों की पारी में 5 चौकों के साथ 25 रन बना चुके थे. पांचवें दिन ओली पोप और हैरी ब्रुक इंग्लैंड की अगुवाई करेंगे.
पोप 44 गेंदों पर 24 रन बना चुके हैं जबकि ब्रुक 15 गेंदों पर दो चौकों के साथ 15 के स्कोर पर नॉटआउट हैं. वैसे आख़िरी दिन बर्मिंघम में बारिश का भी अनुमान है लेकिन जिस तरह से आकाश दीप और सिराज ने नई बॉल से दूसरी पारी में गेंदबाज़ी की है, उससे लगता है कि इंग्लैंड को मैच बचाने के लिए बारिश की उम्मीद करनी होगी.
मैच के बाद भारतीय टीम के गेंदबाज़ी कोच मॉर्ने मोर्केल ने कहा कि 'वह अपने तेज़ गेंदबाज़ों के अब तक के प्रदर्शन से काफ़ी ख़ुश हैं. यह काफ़ी सुकून देने वाला है कि बुमराह के न होने पर भी गेंदबाज़ी आक्रमण उम्मीदों के मुताबिक़ प्रदर्शन करने में सफल रहा.'
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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