पटना, 03 जुलाई (हि.स.)।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं में व्यापक सुधार किया गया है। बिहार सरकार के 2006 के आंकड़ों की माने तो उस वक्त यहां के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर एक माह में आने वाले मरीजों की संख्या केवल 39 हुआ करती थी लेकिन वर्तमान में हर महीने 11,600 से अधिक मरीज इलाज के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों पर आ रहे हैं। यह सिर्फ आंकड़ा नहीं, बल्कि बदलते बिहार की वो तस्वीर है, जो अब आंकड़ों के रूप में दिखाई दे रही है।
साल 2004-05 में जहां स्वास्थ्य का कुल बजट महज 705 करोड़ हुआ करता था, वहीं अब साल 2025 तक यह बजट बढ़कर 20,035 करोड़ तक पहुंच गया, जिसका नतीजा ये है कि अब लोग न केवल बड़ी बीमारी बल्कि छोटी मोटी चोट, दुर्घटना ही नहीं, टीके और इंजेक्शन के लिए भी सरकारी अस्पतालों पर निर्भर हो रहे हैं। बजट का ये यह आंकड़ा बताता है कि सरकार की ओर से स्वास्थ्य व्यवस्था के सुधार को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।
जनता के करीब आईं स्वास्थ्य सेवाएं
इन बीस सालों के दौरान प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों का विस्तार किया है। मुफ्त दवाओं के जांच की व्यवस्था की गई है। जिससे अब दवाओं की जांच बिहार में ही हो सकेगी। डॉक्टरों की संख्या और उपस्थिति में भी सुधार आया है। अब सरकारी अस्पतालों में नई टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है। जिसके आधार पर बिहार के स्वास्थ्य सिस्टम को मजबूत करने की कोशिश है।
जल्द 15 मेडिकल कॉलेज होंगे, 9 और का प्रस्ताव
स्वास्थ्य सेवाओं की बात की जाए तो बिहार में एशिया का दूसरा बड़ा अस्पताल बन नहा है। वहीं, बिहार दूसरा ऐसा राज्य होगा जहां दो एम्स होंगे। पटना में एम्स बन चुका है। वहीं दरभंगा में एम्स का निर्माण शुरू हो गया है। बताते चलें कि 2005 से पहले सरकारी मेडिकल कॉलेजों की संख्या बिहार में 6 हुआ करती थी। जो अब बढ़कर 11 हो चुकी है। वहीं, प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज का काम पूरा होने के बाद यह संख्या 15 हो जाएगी। इसके अलावा 9 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज 9 बनाने का भी प्रस्ताव है।
दूसरे राज्यों को स्वास्थ्य सेवा देने वाला बनेगा बिहार
बिहार के स्वास्थ्य को लेकर सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध नजर आ रही हैं। गौर करने वाली बात ये है कि आने वाले दिनों में बिहार झारखंड और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों के लिए स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने वाले राज्य के रूप में पहचान बनाएगा। पीएमसीएच के विस्तार का काम चल रहा है। इसके पूर्ण होते है साढ़े पांच हजार बेड वाल यह अस्पताल दूसरे राज्यों के लिए भी स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराएगा। ऐसे में नीतीश सरकार ने साबित कर दिया है कि नीति और नीयत साफ हो तो बीमारू कहे जाने वाला राज्य भी स्वास्थ्य सेवा देने वाले राज्यों की कतार में शामिल हो सकता है।
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हिन्दुस्थान समाचार / गोविंद चौधरी
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