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क्विक कॉमर्स की रेस में रिलायंस की अलग स्ट्रेटजी, Zepto और blinkit जैसे दिग्गजों को पीछे करने की तैयारी में अंबानी की कंपनी!

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जब जियो ने टेलीकॉम इंडस्ट्री में कदम रखा था, तो उसने बाजार में हलचल मचा दी थी. सस्ते दाम, तेज स्पीड और तेजी से विस्तार. लेकिन क्विक कॉमर्स की रेस में मुकेश अंबानी की रिलायंस वही पुराना तरीका दोहराने के मूड में नहीं है. इस बार फोकस मुनाफे पर, ऑर्गेनिक ग्रोथ पर और अपने दम पर मैदान में उतरने पर है.



रिलायंस रिटेल के CFO दिनेश तलूजा ने कहा, 'हम किसी को खरीदकर फिट करने के चक्कर में नहीं पड़ रहे. हमारा ध्यान ऑर्गेनिक ग्रोथ पर है. जहां जरूरत है, वहीं डार्क स्टोर खोलते हैं. वो भी तभी, जब ऑर्डर वॉल्यूम हाई हो और मौजूदा स्टोर वहां सर्विस न दे पा रहा हो.' हम अपने नेटवर्क को मजबूत बना रहे हैं और हमारे पास पहले से ही एक बड़ा कस्टमर बेस मौजूद है.



तलूजा ने कहा कि हम डार्क स्टोर वहीं खोलते हैं जहां ऑर्डर भर-भर के आते हैं, लेकिन स्टोर मौजूद नहीं होता. ये स्टोर्स शुरू से ही मुनाफा कमाते हैं. दरअसल, क्विक कॉमर्स अब सिर्फ फटाफट ग्रोसरी तक सीमित नहीं है. यह तेजी से बढ़ता हुआ प्रीमियम प्रोडक्ट्स का नया हॉटस्पॉट बन चुका है. और रिलायंस जानता है इस गेम को जीतना है तो अपनी ही पिच पर खेलना बेहतर है.



10 अरब डॉलर का हो चुका है क्विक कॉमर्स का मार्केट

भारत में क्विक कॉमर्स यानी 10 से 30 मिनट में सामान घर पहुंचाने वाली सेवाएं बहुत तेजी से बढ़ी हैं. अब ये बाजार करीब 10 अरब डॉलर का हो चुका है और हर महीने 3 करोड़ लोग इसका इस्तेमाल कर रहे हैं. इसमें एक खास बात है - 80% बिक्री सिर्फ बड़े शहरों (मेट्रो) से आती है. छोटे शहरों में इस मॉडल को फायदे में लाना अभी भी मुश्किल बना हुआ है. जियोमार्ट, फ्लिपकार्ट और अमेजन जैसी बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियां भले ही इस फील्ड में हैं, लेकिन क्विक कॉमर्स की असली पकड़ जेप्टो, ब्लिंकिट और इंस्टामार्ट के पास है.



साल के पहले 5 महीनों में क्विक कॉमर्स में 150% की ग्रोथ

रिलायंस ने जून तिमाही में बताया कि उसके क्विक कॉमर्स ऑर्डर्स में जबरदस्त बढ़त हुई है. पिछली तिमाही से 68% ज्यादा और पिछले साल की तुलना में 175% ज्यादा ऑर्डर्स मिले हैं. रेडसीयर की रिपोर्ट बताती है कि इस साल के पहले 5 महीनों में क्विक कॉमर्स ने 150% की ग्रोथ की है. इसका कारण है - डार्क स्टोर की संख्या बढ़ना (जहां से डिलीवरी होती है), प्रोडक्ट्स की वैरायटी बढ़ना, ज्यादा कैटेगरी में सामान मिलना और कंपनियों के बीच ज्यादा कॉम्पिटिशन.



रिलायंस के स्टोर ही होंगे उसकी क्विक सर्विस की नींव

रिलायंस का कहना है कि उसकी क्विक सर्विस की नींव उसके अपने स्टोर्स होंगे, जैसे- रिलायंस फ्रेश या स्मार्ट स्टोर. जहां स्टोर नहीं होंगे, वहां डार्क स्टोर खोलकर डिलीवरी की जाएगी. शुरुआत में रिलायंस सिर्फ अगले दिन डिलीवरी देने की सोच रही थी, लेकिन बाद में उसे समझ आया कि ग्राहक को तो झटपट डिलीवरी चाहिए. और यही वजह है कि रिलायंस अब क्विक कॉमर्स में और तेजी से कदम बढ़ा रही है, लेकिन अपनी स्ट्रैटेजी पर, बिना किसी कंपनी को खरीदे.

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