पिछले एक साल में फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (FII) भारतीय शेयर्स को खरीदने से कतराने लगे हैं। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वह शेयर मार्केट में खरीदारी नहीं कर रहे हैं, लेकिन वह खरीदारी से कहीं ज्यादा बिकवाली कर रहे हैं। यह वजह है कि सेंसेक्स-निफ्टी लगभग 6% तक नीचे आ गए हैं। इसके कारण जो लोग म्यूचुअल फंड्स में बड़े निवेश एक साथ (लंपसम) करते हैं, वे थोड़ा मायूस हुए हैं। इस गिरावट का असर उनके निवेश में देखने को मिला है।
लेकिन खास बात यह है कि जिन्होंने सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए धीरे-धीरे पैसा लगाया, वे आज बाजार में गिरावट के बाद भी अच्छे मुनाफे में हैं। जिन्होंने मार्केट के सबसे ऊपरी स्तर यानी 27 सितंबर 2024 से भी SIP शुरू की है, उन्हें करीब 9% का रिटर्न मिला है।
सभी 32 लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स के एनालिसिस में सामने आई ये बात
एक साल पहले उपलब्ध सभी 32 लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स के एनालिसिस में यह बात सामने आई है। लंपसम निवेशकों को इस दौरान 6% का नुकसान हुआ है, जो निफ्टी 50 के कमजोर परफॉर्मेंस के समान है। एनालिसिस के अनुसार, सबसे खराब परफॉर्म करने वाले फंड JM Large Cap Fund ने निवेशकों की वेल्थ में 10.6% की गिरावट ला दी है। यहां तक कि सबसे बेहतर परफॉर्म करने वाला मोतीलाल लार्जकैप फंड भी केवल 2.2% का मामूली रिटर्न ही दे पाया। वास्तव में, 32 फंडों में से यह अकेला फंड था जिसने एकमुश्त निवेशकों को पॉजिटिव रिटर्न दिया।
अब निवेश के रिटर्न का दूसरा पहलू देखते हैं- जिन फंड्स ने लंपसम निवेश में निगेटिव रिटर्न दिया है उन्हीं फंड्स ने SIP के जरिए निवेश करने वाले निवेशकों को औसतन 4% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। इस दौरान सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस निप्पॉन इंडिया लार्जकैप फंड ने दिखाते हुए SIP निवेश पर लगभग 9% का रिटर्न दिया। भले ही आपने SIP की शुरुआत मार्केट के हाई से की हो।
लंबसम में सबसे खराब परफॉर्म करने वाले फंड ने भी SIP में दिया पॉजिटिव रिटर्न
सबसे खराब परफॉर्म करने वाला लार्जकैप फंड JM Large Cap Fund था, जिसमें एकमुश्त निवेशकों को 10.6% का नुकसान हुआ। लेकिन जो लोग इस फंड में SIP के जरिए निवेश कर रहे थे, उन्हें भी इसमें करीब 0.5% का पॉजिटिव रिटर्न दिया। ये इसलिए हुआ क्योंकि SIP में निवेशकों का पैसा कई बार और अलग-अलग समय पर लगता है। इस तरीके से उनके निवेश पर मिलने वाली यूनिट का औसत प्राइस कम हो गया। इसीलिए, SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश होने वाला पैसा शेयर बाजार के खराब साल में भी मुनाफे में बदल गया।
निवेश में आसानी और जोखिम कम करने का तरीका है SIP
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के प्रमुख हर्ष उपाध्याय ने बताया, 'SIP से निवेश करते समय आप एक साथ बड़ी रकम लगाने की बजाय धीरे-धीरे छोटे-छोटे हिस्सों में पैसा लगाते हैं। इससे जब बाजार नीचे होता है, तब आपको कम दामों पर म्यूचुअल फंड की यूनिट मिलती है और जब बाजार ऊपर जाता है तो महंगे दामों पर। इससे आपके म्यूचुअल फंड यूनिट की औसत प्राइस कम होती है और नुकसान कम होता है।' उन्होंने आगे कहा, 'जहां एकमुश्त निवेश बाजार के ठीक समय पर निर्भर करता है, वहीं SIP आपको समय की चिंता किए बिना नियमित रूप से निवेश करने का मौका देता है। खासकर ऐसे सालों में जब बाजार ज्यादा ऊपर-नीचे नहीं होता या गिरावट में रहता है, तब SIP बेहतर काम करता है।
साइडवेज मार्केट में SIP की खासियत
SAMCO म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर उमेशकुमार मेहता कहते हैं कि SIP खासकर ऐसे बाजार के लिए बहुत अच्छे हैं जो ज्यादा ऊपर-नीचे न हो, यानी साइडवेज मार्केट। क्योंकि SIP से निवेशक नियमित रूप से निवेश करते रहते हैं, चाहे बाजार कैसा भी हो। इससे निवेश करने का एक अच्छा नियम बन जाता है। SIP का एक बड़ा फायदा है कि इसमें रुपी कॉस्ट एवरेजिंग होती है। इसका मतलब है कि जब बाजार के दाम कम होते हैं, तब आप ज्यादा यूनिट्स खरीदते हैं, और जब दाम ज्यादा होते हैं, तब कम यूनिट्स। इससे आपका औसत निवेश खर्चा कम हो जाता है। यह तरीका बाजार के उतार-चढ़ाव के असर को कम करता है और सही समय पर निवेश करने की चिंता से बचाता है।
लेकिन खास बात यह है कि जिन्होंने सिस्टमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिए धीरे-धीरे पैसा लगाया, वे आज बाजार में गिरावट के बाद भी अच्छे मुनाफे में हैं। जिन्होंने मार्केट के सबसे ऊपरी स्तर यानी 27 सितंबर 2024 से भी SIP शुरू की है, उन्हें करीब 9% का रिटर्न मिला है।
सभी 32 लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स के एनालिसिस में सामने आई ये बात
एक साल पहले उपलब्ध सभी 32 लार्जकैप म्यूचुअल फंड्स के एनालिसिस में यह बात सामने आई है। लंपसम निवेशकों को इस दौरान 6% का नुकसान हुआ है, जो निफ्टी 50 के कमजोर परफॉर्मेंस के समान है। एनालिसिस के अनुसार, सबसे खराब परफॉर्म करने वाले फंड JM Large Cap Fund ने निवेशकों की वेल्थ में 10.6% की गिरावट ला दी है। यहां तक कि सबसे बेहतर परफॉर्म करने वाला मोतीलाल लार्जकैप फंड भी केवल 2.2% का मामूली रिटर्न ही दे पाया। वास्तव में, 32 फंडों में से यह अकेला फंड था जिसने एकमुश्त निवेशकों को पॉजिटिव रिटर्न दिया।
अब निवेश के रिटर्न का दूसरा पहलू देखते हैं- जिन फंड्स ने लंपसम निवेश में निगेटिव रिटर्न दिया है उन्हीं फंड्स ने SIP के जरिए निवेश करने वाले निवेशकों को औसतन 4% से ज्यादा का रिटर्न दिया है। इस दौरान सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस निप्पॉन इंडिया लार्जकैप फंड ने दिखाते हुए SIP निवेश पर लगभग 9% का रिटर्न दिया। भले ही आपने SIP की शुरुआत मार्केट के हाई से की हो।
लंबसम में सबसे खराब परफॉर्म करने वाले फंड ने भी SIP में दिया पॉजिटिव रिटर्न
सबसे खराब परफॉर्म करने वाला लार्जकैप फंड JM Large Cap Fund था, जिसमें एकमुश्त निवेशकों को 10.6% का नुकसान हुआ। लेकिन जो लोग इस फंड में SIP के जरिए निवेश कर रहे थे, उन्हें भी इसमें करीब 0.5% का पॉजिटिव रिटर्न दिया। ये इसलिए हुआ क्योंकि SIP में निवेशकों का पैसा कई बार और अलग-अलग समय पर लगता है। इस तरीके से उनके निवेश पर मिलने वाली यूनिट का औसत प्राइस कम हो गया। इसीलिए, SIP के जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश होने वाला पैसा शेयर बाजार के खराब साल में भी मुनाफे में बदल गया।

निवेश में आसानी और जोखिम कम करने का तरीका है SIP
कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट के प्रमुख हर्ष उपाध्याय ने बताया, 'SIP से निवेश करते समय आप एक साथ बड़ी रकम लगाने की बजाय धीरे-धीरे छोटे-छोटे हिस्सों में पैसा लगाते हैं। इससे जब बाजार नीचे होता है, तब आपको कम दामों पर म्यूचुअल फंड की यूनिट मिलती है और जब बाजार ऊपर जाता है तो महंगे दामों पर। इससे आपके म्यूचुअल फंड यूनिट की औसत प्राइस कम होती है और नुकसान कम होता है।' उन्होंने आगे कहा, 'जहां एकमुश्त निवेश बाजार के ठीक समय पर निर्भर करता है, वहीं SIP आपको समय की चिंता किए बिना नियमित रूप से निवेश करने का मौका देता है। खासकर ऐसे सालों में जब बाजार ज्यादा ऊपर-नीचे नहीं होता या गिरावट में रहता है, तब SIP बेहतर काम करता है।
साइडवेज मार्केट में SIP की खासियत
SAMCO म्यूचुअल फंड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर उमेशकुमार मेहता कहते हैं कि SIP खासकर ऐसे बाजार के लिए बहुत अच्छे हैं जो ज्यादा ऊपर-नीचे न हो, यानी साइडवेज मार्केट। क्योंकि SIP से निवेशक नियमित रूप से निवेश करते रहते हैं, चाहे बाजार कैसा भी हो। इससे निवेश करने का एक अच्छा नियम बन जाता है। SIP का एक बड़ा फायदा है कि इसमें रुपी कॉस्ट एवरेजिंग होती है। इसका मतलब है कि जब बाजार के दाम कम होते हैं, तब आप ज्यादा यूनिट्स खरीदते हैं, और जब दाम ज्यादा होते हैं, तब कम यूनिट्स। इससे आपका औसत निवेश खर्चा कम हो जाता है। यह तरीका बाजार के उतार-चढ़ाव के असर को कम करता है और सही समय पर निवेश करने की चिंता से बचाता है।
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