अहमदाबाद की फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस सॉल्यूशन प्रोवाइडर कंपनी देव एक्सेलेरेटर (Dev Accelerator) 10 सितंबर से अपना 143.35 करोड़ रुपये का इनिशियल पब्लिक ऑफर (IPO) ला रही है। यह इश्यू तीन दिनों तक खुला रहेगा और 12 सितंबर को बंद होगा। इश्यू में पूरी तरह से 2.35 करोड़ नए इक्विटी शेयर शामिल हैं, जिनकी कीमत 56 से 61 रुपये प्रति शेयर तय की गई है। इस प्राइस बैंड के अपल लेवल पर कंपनी का पोस्ट-इश्यू मार्केट कैपिटलाइजेशन लगभग 550 करोड़ रुपये रहेगा।
ग्रे मार्केट में जोरदार उत्साहआईपीओ लॉन्च से पहले ही देव एक्सेलेरेटर के शेयर ग्रे मार्केट में जबरदस्त चर्चा में हैं। कंपनी का शेयर इश्यू प्राइस पर करीब 16.3 प्रतिशत प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि लिस्टिंग के समय इसका भाव 71 रुपये के आसपास हो सकता है। हालांकि, मार्केट सेंटिमेंट्स के आधार पर ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
आईपीओ का स्ट्रक्चर और निवेश सीमारेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, इस इश्यू में 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs), 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) और 10% रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व है। इसके अलावा, कंपनी के कर्मचारियों और देव इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के शेयर होल्डर्स के लिए भी रिजर्व हिस्सा रखा गया है।
मिनिमम बोली लॉट 235 शेयरों का होगा, यानी निवेशकों को कम से कम 13,160 रुपये (लोअर प्राइस बैंड) और अधिकतम 14,335 रुपये (अपर प्राइस बैंड) निवेश करना होगा। रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट तक अप्लाई कर सकते हैं।
कंपनी का बिजनेस और इंडस्ट्री ग्रोथ
देव एक्सेलेरेटर कॉर्पोरेट्स, स्टार्टअप्स और इंडिविजुअल्स के लिए इंटीग्रेटेड वर्कस्पेस सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है। कंपनी दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, गिफ्ट सिटी, इंदौर, जयपुर, उदयपुर, राजकोट और वडोदरा जैसे शहरों में मौजूद है। इसके पास 28 सेंटर्स हैं और यह 250 से ज्यादा कॉर्पोरेट्स और एसएमई क्लाइंट्स को सेवाएं देती है।
भारतीय फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। 2018 में 18.6 मिलियन वर्ग फुट का फ्लेक्सिबल स्पेस 2024 में बढ़कर 74 मिलियन वर्ग फुट हो गया है, यानी 26% CAGR। यह वृद्धि बताती है कि आने वाले समय में इस सेक्टर में और तेजी देखने को मिल सकती है।
वित्तीय प्रदर्शन और आईपीओ का उपयोग
वित्तीय वर्ष 2025 में देव एक्सेलेरेटर की आय 159 करोड़ रुपये रही और टैक्स के बाद मुनाफा बढ़कर 1.8 करोड़ रुपये पहुंचा। कंपनी IPO से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल नए सेंटर्स पर पूंजीगत खर्च, कुछ कर्ज चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए करेगी।
हालांकि, कंपनी का डेब्ट-इक्विटी रेश्यो FY25 में 2.4x पर रहा है, जो IPO के बाद घटकर 1x तक आ सकता है। इश्यू के बाद प्रमोटरों की हिस्सेदारी भी घटकर करीब 37% रह जाएगी।
विशेषज्ञों की रायSBI सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, अपर प्राइस बैंड पर कंपनी का स्टॉक 3.5x प्राइस-टू-सेल्स और 6.6x EV/EBITDA मल्टीपल पर वैल्यूएटेड है। हालांकि कंपनी ने FY24 से मुनाफा दिखाना शुरू किया है, लेकिन उच्च ब्याज और डेप्रिसिएशन खर्च के चलते प्रॉफिटेबिलिटी दबाव में है। इस कारण, ब्रोकरेज हाउस ने न्यूट्रल आउटलुक दिया है और लिस्टिंग के बाद कंपनी के प्रदर्शन को ट्रैक करने की सलाह दी है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
ग्रे मार्केट में जोरदार उत्साहआईपीओ लॉन्च से पहले ही देव एक्सेलेरेटर के शेयर ग्रे मार्केट में जबरदस्त चर्चा में हैं। कंपनी का शेयर इश्यू प्राइस पर करीब 16.3 प्रतिशत प्रीमियम पर ट्रेड कर रहा है, जिससे संकेत मिलता है कि लिस्टिंग के समय इसका भाव 71 रुपये के आसपास हो सकता है। हालांकि, मार्केट सेंटिमेंट्स के आधार पर ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में उतार-चढ़ाव हो सकता है।
आईपीओ का स्ट्रक्चर और निवेश सीमारेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस के अनुसार, इस इश्यू में 75% हिस्सा क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (QIBs), 15% नॉन-इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) और 10% रिटेल इन्वेस्टर्स के लिए रिजर्व है। इसके अलावा, कंपनी के कर्मचारियों और देव इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के शेयर होल्डर्स के लिए भी रिजर्व हिस्सा रखा गया है।
मिनिमम बोली लॉट 235 शेयरों का होगा, यानी निवेशकों को कम से कम 13,160 रुपये (लोअर प्राइस बैंड) और अधिकतम 14,335 रुपये (अपर प्राइस बैंड) निवेश करना होगा। रिटेल निवेशक अधिकतम 13 लॉट तक अप्लाई कर सकते हैं।
कंपनी का बिजनेस और इंडस्ट्री ग्रोथ
देव एक्सेलेरेटर कॉर्पोरेट्स, स्टार्टअप्स और इंडिविजुअल्स के लिए इंटीग्रेटेड वर्कस्पेस सॉल्यूशंस उपलब्ध कराती है। कंपनी दिल्ली-एनसीआर, हैदराबाद, मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, गिफ्ट सिटी, इंदौर, जयपुर, उदयपुर, राजकोट और वडोदरा जैसे शहरों में मौजूद है। इसके पास 28 सेंटर्स हैं और यह 250 से ज्यादा कॉर्पोरेट्स और एसएमई क्लाइंट्स को सेवाएं देती है।
भारतीय फ्लेक्सिबल वर्कस्पेस सेक्टर तेजी से बढ़ रहा है। 2018 में 18.6 मिलियन वर्ग फुट का फ्लेक्सिबल स्पेस 2024 में बढ़कर 74 मिलियन वर्ग फुट हो गया है, यानी 26% CAGR। यह वृद्धि बताती है कि आने वाले समय में इस सेक्टर में और तेजी देखने को मिल सकती है।
वित्तीय प्रदर्शन और आईपीओ का उपयोग
वित्तीय वर्ष 2025 में देव एक्सेलेरेटर की आय 159 करोड़ रुपये रही और टैक्स के बाद मुनाफा बढ़कर 1.8 करोड़ रुपये पहुंचा। कंपनी IPO से जुटाए गए पैसों का इस्तेमाल नए सेंटर्स पर पूंजीगत खर्च, कुछ कर्ज चुकाने और सामान्य कॉर्पोरेट जरूरतों के लिए करेगी।
हालांकि, कंपनी का डेब्ट-इक्विटी रेश्यो FY25 में 2.4x पर रहा है, जो IPO के बाद घटकर 1x तक आ सकता है। इश्यू के बाद प्रमोटरों की हिस्सेदारी भी घटकर करीब 37% रह जाएगी।
विशेषज्ञों की रायSBI सिक्योरिटीज की रिपोर्ट के अनुसार, अपर प्राइस बैंड पर कंपनी का स्टॉक 3.5x प्राइस-टू-सेल्स और 6.6x EV/EBITDA मल्टीपल पर वैल्यूएटेड है। हालांकि कंपनी ने FY24 से मुनाफा दिखाना शुरू किया है, लेकिन उच्च ब्याज और डेप्रिसिएशन खर्च के चलते प्रॉफिटेबिलिटी दबाव में है। इस कारण, ब्रोकरेज हाउस ने न्यूट्रल आउटलुक दिया है और लिस्टिंग के बाद कंपनी के प्रदर्शन को ट्रैक करने की सलाह दी है।
(अस्वीकरण: विशेषज्ञों द्वारा दी गई सिफारिशें, सुझाव, विचार और राय उनके अपने हैं। ये इकोनॉमिक टाइम्स हिन्दी के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।)
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