नई दिल्ली: अभी से 3 दिन बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 जून को कश्मीर में बने चिनाब ब्रिज का उद्घाटन करेंगे. दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे आर्च ब्रिज चिनाब रेलवे ब्रिज जम्मू कश्मीर में उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेलवे लिंक (USBRL) परियोजना का हिस्सा है.
22 साल
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब ब्रिज को पूरा होने में करीब 22 साल लगे हैं, यह ब्रिज अद्भुत इंजीनियरिंग का नमूना है.
चिनाब ब्रिज की खासियत
चिनाब ब्रिज को बनाने में करीब 22 साल का समय लगा है. इसकी ऊंचाई चिनाब नदी के तल से 1178 फीट है यानी एफिल टावर से 35 मीटर ज्यादा. यह ब्रिज एफिल टावर से भी ऊंचा है. इसकी लंबाई 4300 फीट से ज्यादा है और ये कुतुबमीनर से 5 गुना ऊंचा है.
चिनाब ब्रिज को इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि भूकंप और तेज हवाओं का इस पर कोई असर न पड़े, इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है.
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने मंजूरी दी
इसे साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने मंजूरी दी थी. जिसके बाद साल 2004 में काम शुरू हुआ था. इस प्रोजेक्ट का काम साल 2009 में तेज हवाओं के कारण कुछ समय के लिए रोकना पड़ा. साल 2017 में इसका आधार बनकर तैयार हो गया. इसके बाद 2021 में मेन ऑर्च पर काम शुरू हुआ. साल 2022 में स्टील और कंक्रीट से बने मेन ऑर्क के काम को पूरा किया गया और अगस्त 2022 को बनकर पूरी तरह तैयार हो गया था.
चिनाब ब्रिज का खर्च
इसको बनाने में कुल 30 हजार मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है और करीब 15 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया है.
22 साल
जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में स्थित चिनाब ब्रिज को पूरा होने में करीब 22 साल लगे हैं, यह ब्रिज अद्भुत इंजीनियरिंग का नमूना है.
चिनाब ब्रिज की खासियत
चिनाब ब्रिज को बनाने में करीब 22 साल का समय लगा है. इसकी ऊंचाई चिनाब नदी के तल से 1178 फीट है यानी एफिल टावर से 35 मीटर ज्यादा. यह ब्रिज एफिल टावर से भी ऊंचा है. इसकी लंबाई 4300 फीट से ज्यादा है और ये कुतुबमीनर से 5 गुना ऊंचा है.
चिनाब ब्रिज को इस तरह से डिजाइन किया गया है ताकि भूकंप और तेज हवाओं का इस पर कोई असर न पड़े, इसे पर्यटन स्थल के रूप में भी विकसित किया जा रहा है.
अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने मंजूरी दी
इसे साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने मंजूरी दी थी. जिसके बाद साल 2004 में काम शुरू हुआ था. इस प्रोजेक्ट का काम साल 2009 में तेज हवाओं के कारण कुछ समय के लिए रोकना पड़ा. साल 2017 में इसका आधार बनकर तैयार हो गया. इसके बाद 2021 में मेन ऑर्च पर काम शुरू हुआ. साल 2022 में स्टील और कंक्रीट से बने मेन ऑर्क के काम को पूरा किया गया और अगस्त 2022 को बनकर पूरी तरह तैयार हो गया था.
चिनाब ब्रिज का खर्च
इसको बनाने में कुल 30 हजार मीट्रिक टन स्टील का इस्तेमाल किया गया है और करीब 15 हजार करोड़ रुपये का खर्च आया है.
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