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क्या रोजाना नहाना हमारी सेहत के लिए हानिकारक है?

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नहाने के स्वास्थ्य पर प्रभाव

नई दिल्ली: बचपन से हमें यह सिखाया गया है कि रोजाना स्नान करना और शरीर को साफ रखना आवश्यक है। बड़े-बुजुर्ग हमेशा कहते हैं कि नहाने से कई बीमारियों से बचा जा सकता है। लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से यह बात कुछ अलग है। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रतिदिन स्नान करना हमारी सेहत के लिए कई मामलों में हानिकारक हो सकता है। हारवर्ड हेल्थ की एक रिपोर्ट के अनुसार, स्वस्थ त्वचा पर प्राकृतिक तेल और अच्छे बैक्टीरिया का संतुलन होना जरूरी है। स्नान करते समय त्वचा को रगड़ने से ये तत्व निकल जाते हैं, और गर्म पानी का उपयोग करने से यह समस्या और बढ़ जाती है।


त्वचा की सुरक्षा और इम्यूनिटी

विशेषज्ञों का कहना है कि स्नान के बाद त्वचा की खुरदरी या सूखी स्थिति बाहरी बैक्टीरिया और एलर्जेंस को आमंत्रित कर सकती है, जिससे त्वचा में संक्रमण या एलर्जिक रिएक्शन का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए डॉक्टर स्नान के बाद त्वचा पर क्रीम लगाने की सलाह देते हैं। शरीर में एंटीबॉडी बनाने और इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए कुछ मात्रा में सामान्य बैक्टीरिया और गंदगी की आवश्यकता होती है। इसी कारण से डॉक्टर बच्चों को रोजाना स्नान कराने की सलाह नहीं देते हैं, क्योंकि बार-बार स्नान करने से इम्यून सिस्टम की क्षमता कम हो सकती है।


साबुन और शैंपू का प्रभाव

हमारे द्वारा उपयोग किए जाने वाले एंटी बैक्टीरियल शैंपू और साबुन भी अच्छे बैक्टीरिया को नष्ट कर सकते हैं। हारवर्ड हेल्थ के अनुसार, ये त्वचा पर बैक्टीरिया के संतुलन को बिगाड़ते हैं और कम फ्रेंडली बैक्टीरिया के विकास का जोखिम बढ़ाते हैं, जो एंटीबायोटिक दवाओं के प्रति अधिक प्रतिरोधी होते हैं। अमेरिका की प्रसिद्ध डर्माटोलॉजिस्ट डॉ. लॉरेन प्लॉच के अनुसार, त्वचा की समस्याओं से ग्रस्त या अत्यधिक सूखी त्वचा वाले लोगों को स्नान करने का समय 5 मिनट तक सीमित रखना चाहिए।


गर्म पानी के दुष्प्रभाव

एक रिपोर्ट में कहा गया है कि गर्म पानी त्वचा के प्राकृतिक तेल को तेजी से खत्म करता है और त्वचा को नुकसान पहुंचाता है। कई लोग इस संतुलन को बनाए रखने के लिए बहुत ठंडे या गर्म पानी का उपयोग करते हैं, लेकिन सही तापमान का ध्यान रखना आवश्यक है। यदि आपकी त्वचा में कोई समस्या नहीं है, तो आप सामान्य साबुन का उपयोग कर सकते हैं, लेकिन सूखी त्वचा वाले लोगों को इससे बचने की सलाह दी जाती है।


ठंडे मौसम में स्नान

विशेषज्ञों का मानना है कि ठंड के मौसम में लंबे समय तक गर्म पानी से स्नान करना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकता है। इससे शरीर और मस्तिष्क दोनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। गर्म पानी केराटिन नामक त्वचा कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे खुजली, सूखापन और रैशेज की समस्या बढ़ सकती है।


आंखों पर प्रभाव

विशेषज्ञों का कहना है कि गर्म पानी से स्नान करने से आंखों की नमी भी खत्म हो जाती है, जिससे आंखों में हल्की खुजली की समस्या हो सकती है। बेहतर होगा कि स्नान के लिए सामान्य तापमान का पानी इस्तेमाल किया जाए।


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