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UPI पेमेंट में शुरुआत से अब तक आए कितने अपडेट? कैसे लोगों की जिंदगी बनी आसान

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भारत में यूपीआई डिजिटल पेमेंट का सबसे बड़ा चेहरा बन चुका है. जब साल 2016 में इसकी शुरुआत हुई थी, तब शायद ही किसी ने सोचा था कि एक दिन देश के ज्यादातर लोग मोबाइल से कुछ ही सेकंड में पेमेंट कर सकेंगे. लेकिन आज हर कोई ऑनलाइन ट्रांजैक्शन का हिस्सा बनता जा रहा है. फिर लोकल दुकानें हो या बड़े-बड़े शुरूम, गांव हो या शहर लगभग लोग UPI से पेमेंट कर रहे हैं. यहां जानें कि UPI के सफर में अब तक कौन-कौन से बड़े अपडेट आए हैं और कैसे इसने आम लोगों की जिंदगी को आसान बना दिया है.

भारत में 2016 में हुई यूपीआई की शुरूआत

भारत में 2016 में NPCI ने यूपीआई नॉन्च किया था. उस समय से इसका मकसद था एक ऐसा प्लेटफॉर्म जो अलग-अलग बैंकों को एक सिस्टम से जोड़े और बिना IFSC या अकाउंट नंबर के ट्रांजैक्शन हो सके. सिर्फ मोबाइल नंबर और UPI ID से पैसा भेजना और लेना पॉसिबल हुआ.

2017 से 18 में BHIM ऐप और QR कोड की एंट्री

2017 और साल 2018 में BHIM ऐप की एंट्री हुई जिससे आम लोगों को डायरेक्ट UPI इस्तेमाल करने का मोका मिला. व्यापारी और दुकानदारों ने अपनी दुकानों पर QR कोड लगाना शुरू किया. मोबाइल नंबर या स्कैन से तुरंत ट्रांजेक्शन होने लगी.

2019 में UPI AutoPay और रीक्यरिंग पेमेंट्स

Netflix, OTT सब्सक्रिप्शन, EMI, इंश्योरेंस प्रीमियम जैसे रीक्यरिंग पेमेंट्स के लिए UPI AutoPay शुरू किया गया. इसमें यूजर एक बार परमिशन देकर हर महीने ऑटोमैटिक पेमेंट कर सकते हैं. इससे सब्सक्रिप्शन में बार-बार OTP डालने का झंझट खत्म हो गया और डिजिटल सर्विसेस लेने में आसानी हो गई.

2020 में कोविड के दौरान UPI का बूम

लॉकडाउन में कैशलेस पेमेंट की डिमांड बढ़ गई. किराना की दुकान, दवा, दूध हर जगह UPI पेमेंट नॉर्मल होने लगी. इसी साल पहली बार UPI ट्रांजैक्शन 2 बिलियन के पार पहुंचे थे.

2021 में फीचर फोन और इंटरनेशनल UPI

2012 में UPI 123PAY लॉन्च किया गया, जिससे बिना इंटरनेट के भी UPI पेमेंट पॉसिबल हो गई. भारत ने भूटान, नेपाल और सिंगापुर जैसे देशों से UPI लिंकिंग शुरू की. गांवों और बुजुर्गों तक UPI की पहुंच बढ़ी और विदेशों में भी भारतीय आसानी से पेमेंट कर सकते हैं.

2022 में क्रेडिट कार्ड से भी UPI पेमेंट

साल 2022 में RBI ने घोषणा की कि अब RuPay क्रेडिट कार्ड से भी UPI पेमेंट किया जा सकता है. इससे UPI केवल बैंक अकाउंट्स तक ही लिमिटेड नहीं रहा. कार्ड और यूपीआई का कॉम्बो बन गया और बड़ी ट्रांजैक्शन में आसानी से होने लगी.

2023 में AI और सिक्योरिटी में

AI बेस्ड फ्रॉड डिटेक्शन सिस्टम UPI में जोड़ा गया. पेमेंट रिक्वेस्ट, फ्रॉड लिंक जैसे मामलों पर बेहतर कंट्रोल आया. यूजर को ट्रांजैक्शन में धोखाधड़ी से बचने का मौका मिला.

2024 में UPI Lite और Tap & Pay फीचर की एंट्री

UPI Lite से छोटे पेमेंट (500 रुपये तक) बिना PIN के किए जा सकते हैं. NFC टेक्नीक से Tap & Pay सर्विस शुरू हुई. QR स्कैन की भी जरूरत खत्म होने लगी, डिवाइस टच करें और पेमेंट हो जाए ऐसे फीचर आने लगे.

2025 में आने वाला है बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन

अब UPI से पेमेंट करने के लिए आपको PIN डालने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आपको बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन का ऑप्शन भी मिलेगा. जिसमें फेस आईडी से काम चल जाएगा. मतलब अगर अब पिन भूल भी जाते हैं तो आपकी फेस आईडी आपके काम आ सकेगी. अब जब भी आप QR कोड स्कैन करेंगे, तो UPI PIN की जगह फिंगरप्रिंट, फेस ID या आंख की पहचान (Iris Scan) से पेमेंट कर सकेंगे. NPCI इस नए सिस्टम पर तेजी से काम कर रही है.

फिलहाल ये फीचर अपने टेस्टिंग फेज में है. लेकिन संभावना है कि आने वाले महीनों में देशभर में इसे शुरू किया जाए. शुरुआत में इसे कुछ सलेक्टेड बैंक और ऐप्स पर शुरू किया जा सकता है.

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