वो पाकिस्तान जहाँ हिंदू प्रताड़ित है, महिलाएँ असुरक्षित हैं, वहाँ के PM की दिवाली बधाई यूजर्स को हजम नहीं हुईं और उन्होंने शहबाज को आड़े हाथों लिया।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार (20 अक्टूबर 2025) को X पर एक लंबा चौड़ा पोस्ट लिखकर दीपावली की बधाई दी।
इस संदेश में उन्होंने शांति, करुणा और सर्वधर्म समभाव का संदेश दिया। वो पाकिस्तान जहाँ हिंदू प्रताड़ित है, महिलाएँ असुरक्षित हैं और सनातन के धार्मिक स्थलों को तोड़ा जा रहा है, वहाँ के प्रधानमंत्री की बातें सोशल मीडिया यूजर्स को हजम नहीं हुईं और उन्होंने शहबाज को आड़े हाथों ले लिया।
शहबाज शरीफ ने क्या कहा?
शहबाज ने X पर एक पोस्ट में लिखा, “दीपावली के शुभ अवसर पर, मैं पाकिस्तान और दुनिया भर में हमारे हिंदू समुदाय को अपनी हार्दिक शुभकामनाएँ देता हूँ।” उन्होंने आगे लिखा, “जैसे दीपावली के प्रकाश से घर और दिल रोशन होते हैं, यह त्योहार अंधकार को दूर करे, सद्भावना बढ़ाए और हम सभी को शांति, करुणा और साझा समृद्धि के भविष्य की ओर मार्गदर्शन करे।”
शहबाज ने आगे लिखा, “दीपावली की भावना, जो अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई और निराशा पर आशा का प्रतीक है, हमें हमारे समाजों के सामने आने वाली चुनौतियों, असहिष्णुता से लेकर असमानता तक को पार करने के लिए सामूहिक संकल्प लेने की प्रेरणा देती है। आइए हम सब मिलकर यह सुनिश्चित करें कि हर नागरिक, चाहे किसी भी धर्म या पृष्ठभूमि का हो, शांति से जीवन यापन कर सके और प्रगति में योगदान दे सके।”
सीधे वॉट्सऐप ही कर दो: यूजर्स ने शहजाब को लगाई लताड़
पाकिस्तान में हिंदुओं पर हमले और उनकी प्रताड़ना को लेकर सोशल मीडिया यूजर्स ने शहजाब शरीफ को जमकर लताड़ लगाई है। एक X यूजर ने उनके बधाई संदेश पर
लिखा, “सीधे पाकिस्तान के हिंदुओं को वॉट्सऐप (पर ही मेसेज) कर दो। वहाँ बमुश्किल ही हिंदू बचे हैं।”
पत्रकार आदित्य राज कौल ने भी शहबाज को
। उन्होंने X पर लिखा, “पहलगाम में हिंदुओं को मारने के बाद अब उन्हें दिवाली की बधाई दे रहे हैं। शर्मनाक है पाकिस्तान। उन्होंने पाकिस्तान में हिंदू, ईसाई और सिख समुदाय को लगातार मार डाला और जबरन धर्म बदलवाया। अहमदियों पर भी हर हफ्ते हमला होता है। दुनिया का सबसे खराब और आतंक पसंद देश।”
अधिकारी और लेखक प्रणव महाजन ने शहबाज को जवाब देते हुए लिखा, “इतना लंबा संदेश देखकर अच्छा लगा लेकिन शब्द
रहे हैं। एक इंसान की असली पहचान ये होती है कि उसके कहने और करने में कितना अंतर है। आपके मामले में ये अंतर तो धरती और सूरज के बीच की दूरी से भी ज्यादा है।”
उन्होंने आगे लिखा, “आप ‘अंधकार पर उजाला’ की बात करते हैं लेकिन आपके शासन में पाकिस्तान के हिंदू घरों की रोशनी लगातार बुझती जा रही है। जबरन धर्म परिवर्तन, मंदिरों का अपमान, हिंदू लड़कियों का अपहरण हो रहा है।”
पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचारों का कुचक्र
बँटवारे के बाद से ही पाकिस्तान में हिंदुओं पर लगातार अत्याचार हो रहे हैं। सामाजिक-आर्थिक भेदभाव से लेकर उनके धार्मिक अधिकारों को भी आतंकिस्तान में छीना जा रहा है। पिछले हफ्ते की ही बात है जब पाकिस्तान में एक नाबालिग हिंदू का जबरन अपहरण किया गया, उसका धर्म बदलवाया गया और उसका पाकिस्तान के एक ड्रग्स तस्कर से निकाह करवा दिया गया। यह ड्रग तस्कर पहले से ही शादीशुदा था और 7 बच्चों को अब्बू था।
सिंध क्षेत्र की एक हिंदू अधिकार कार्यकर्ता ने दावा किया कि यह ऐसा इस क्षेत्र में एक महीने के भीतर चौथा मामला था। ऐसी घटनाएं जिन्हें सुनकर लोग सिहर जाएँ पाकिस्तान में आए दिन होती रहती हैं। हिंदू लड़कियों को निशाना बना जा रहा है और पुलिस ऐसे मामले में कार्रवाई तो छोड़िए शिकायत दर्ज करने तक की जहमत नहीं उठाती है।
पाकिस्तान के अत्याचारों की दास्तां ऐसी ही कि लगता नहीं है कि कोई आदमी ऐसा कृत्य कर भी सकता है। पाकिस्तान से भागकर भारत आए एक परिवार ने बताया था कि उन्हें काफिर कहा जाता था और तिलक लगाकर बाहर निकलने में भी डर लगता था। परिवार ने बताया कि जब में पाकिस्तान में थे तो एक हिंदू लड़के की मुस्लिम से लड़ाई हो गई तो मामले को धर्म पर लाया गया, उसके साथ मारपीट की गई और हिंदू लड़के के हाथ-पैरों के नाखून तक भीड़ ने उखाड़ लिए।
हिंदुओं का अपहरण, महिलाओं का रेप-जबरन धर्मांतरण और निकाह उस पाकिस्तान में आम चीजें हो गई हैं जिसका प्रधानमंत्री दीपावली पर शांति का संदेश दे रहा है। इस साल के मार्च में केंद्र सरकार ने राज्यसभा में बताया था कि किस तरह पाकिस्तान में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़ रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कहा था, “पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदायों के खिलाफ अत्याचार की खबरें आई हैं, जिनमें हिंदू भी शामिल हैं। धमकी, अपहरण, उत्पीड़न, जबरन धर्मांतरण और जबरन विवाह जैसी घटनाएँ सामने आई हैं, जो उन्हें पलायन करने के लिए मजबूर करती हैं।”
इसके अलावा हिंदू धार्मिक स्थलों पर हमले और मंदिरों का अपमान भी आम बात हो गई है। मंदिरों को तोड़ने, उनकी संपत्ति हड़पने और पूजा की जगहों को बंद करने जैसी घटनाएँ लगातार सामने आती रहती हैं। पाकिस्तान में हिंदू परिवार अक्सर शिक्षा, नौकरी और व्यवसाय में अवसरों से वंचित तक रह जाते हैं।
यूरोपियन टाइम्स की एक हालिया रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में ईसाइयों, हिंदुओं और अहमदिया मुसलमानों समेत सभी अल्पसंख्यकों पर मानवाधिकार हनन लगातार बढ़ता जा रहा है। पाकिस्तान की तथाकथित लोकतांत्रिक संस्थाएँ पूरी तरह से कमजोर हो गई हैं। रिपोर्ट के अनुसार, अहमदिया मुसलमानों को हत्याओं, मनमानी गिरफ्तारियों और यहाँ तक कि उनके पूजा स्थलों और कब्रिस्तानों को अपवित्र करने का सामना करना पड़ा है।
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