हेलसिंकी, 3 अक्टूबर . स्टॉकहोम के एक रेस्टोरेंट में खाना खाने के बाद अचानक कई लोग बीमार पड़ गए. जांच में लिस्टेरिया संक्रमण का खुलासा हुआ, जो खाने के जरिए लोगों में फैलता है. अब तक इस संक्रमण से करीब 20 लोग बीमार हो चुके हैं, जिनमें से चार को सेप्सिस (खून का गंभीर संक्रमण) हो गया है.
यह मामला सामने आने के बाद स्वीडन की स्वास्थ्य एजेंसियां सतर्क हो गई हैं और एक बड़ा कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग अभियान शुरू कर दिया है. बीमार लोगों में आमतौर पर तेज बुखार, उल्टी और दस्त जैसे लक्षण देखने को मिले हैं.
अधिकारियों ने बताया कि इस रेस्टोरेंट में 23 से 27 सितंबर के बीच खाना खाने वाले करीब 400 लोगों से संपर्क किया गया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि और कितने लोग इस संक्रमण की चपेट में आए हैं. अब तक 80 से ज्यादा लोग शिकायत दर्ज करा चुके हैं कि उनकी खाना खाने के बाद तबीयत खराब हुई.
संक्रामक रोगों के विशेषज्ञ डॉ. विक्टर डाहल का कहना है कि यह संख्या सामान्य मामलों की तुलना में काफी अधिक मानी जा रही है. इतने ज्यादा मरीज और इतनी जल्दी लक्षण दिखना असामान्य है. आमतौर पर लिस्टेरिया में लक्षण दिखने में समय लगता है.
स्वीडन के सामाजिक मामलों और जनस्वास्थ्य मंत्री याकूब फॉर्स्मेड ने बताया कि Government को पूरे मामले की जानकारी दे दी गई है और देशभर में स्वास्थ्य विभाग संक्रमण रोकने के लिए तेजी से काम कर रहे हैं. जो लोग बीमार हुए हैं, उन्हें निगरानी में रखा जा रहा है और बाकी लोगों से संपर्क जारी है.
संक्रमण फैलने के बाद रेस्टोरेंट को अस्थायी रूप से बंद कर दिया गया है. समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अगर सब कुछ ठीक रहा तो यह 7 अक्टूबर से दोबारा खोला जा सकता है. हालांकि, इस दौरान रेस्टोरेंट की सफाई और जांच की जा रही है ताकि आगे कोई खतरा न रहे.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, लिस्टेरिया एक गंभीर बीमारी है जो मोनोसाइटोजेन्स नामक जीवाणु के कारण होती है. यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसमें दुनिया के अलग-अलग देशों और क्षेत्रों के आधार पर प्रति वर्ष प्रति 10 लाख लोगों पर 0.1 से 10 मामले सामने आते हैं.
यह बीमारी भले ही आम नहीं हो, लेकिन यह जानलेवा हो सकती है, खासकर बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं, और कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोगों के लिए.
लिस्टेरिया की सबसे खतरनाक बात यह है कि इसका मोनोसाइटोजेन्स नामक जीवाणु फ्रिज में भी जिंदा रह सकता है और बढ़ सकता है, जबकि अधिकतर बैक्टीरिया ठंड में मर जाते हैं. यही वजह है कि कई बार ठंडा खाना भी संक्रमित हो सकता है. संक्रमित खाना खाने से यह बीमारी शरीर में पहुंच जाती है और गर्भवती महिलाओं में यह बच्चे तक भी फैल सकती है.
इस बीमारी की जांच आमतौर पर खून, उल्टी, दस्त या खाने के सैंपल से की जाती है. गर्भवती महिलाओं में खून और प्लेसेंटा की जांच सबसे भरोसेमंद मानी जाती है.
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पीके/एएस
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