विशाखापत्तनम, 3 सितंबर . Enforcement Directorate (ईडी) विशाखापत्तनम के उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत 2.22 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है.
इसमें 2.20 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति (फ्लैट और प्लॉट) और 1.36 लाख रुपए की चल संपत्ति (बैंक बैलेंस आदि) शामिल हैं.
ये संपत्ति डोडला वेंकट कृष्ण कुमार (डीवीके कुमार) और उनकी पत्नी डोडला सुनीता के नाम पर है.
यह पूरा मामला केनरा बैंक, कंचरपालेम शाखा, विशाखापत्तनम से फर्जी किसान क्रेडिट कार्ड (फिश टैंक) लोन लेकर करोड़ों रुपए की धोखाधड़ी से जुड़ा है. ईडी की जांच के मुताबिक, डोडला वेंकट कृष्ण कुमार ने इन फर्जी लोन का पैसा अपने निजी और व्यावसायिक कार्यों के लिए इस्तेमाल किया.
ईडी ने इस मामले की जांच सीआईडी, मुख्यालय पुलिस स्टेशन, मंगलगिरी (आंध्र प्रदेश) द्वारा दर्ज की गई First Information Report के आधार पर शुरू की. First Information Report और चार्जशीट में यह आरोप है कि कोव्वुरी श्रीनिवास और आदारी चंद्रकला ने फर्जी लीज एग्रीमेंट और नकली पासबुक के जरिए क्रमशः 80 लाख रुपए और 2.50 करोड़ रुपए के फिश टैंक लोन लिए.
देवसानी निर्मला ने भी 2.20 करोड़ रुपए का फर्जी लोन लिया और बाद में लोन नहीं चुकाया. तीनों उधारकर्ताओं के नाम पर कुल 5.50 करोड़ रुपए के फर्जी लोन पास हुए.
ईडी की जांच में यह साफ हुआ कि इस पूरे घोटाले का अंतिम और असली लाभार्थी डीवीके कुमार ही था, जिसने 5.50 करोड़ रुपए में से अकेले 4.57 करोड़ रुपए का दुरुपयोग किया. लोन की रकम नकद निकाली गई और फिर उसे डीवीके कुमार के दोस्तों व रिश्तेदारों के खातों में भेजा गया. इसके बाद इस रकम का उपयोग उसने अचल संपत्ति खरीदने और अपने निजी खर्चों में किया.
इनमें से कुछ संपत्तियां उसकी पत्नी डोडला सुनीता के नाम पर खरीदी गईं, जो अब ईडी द्वारा जब्त की जा चुकी हैं. ईडी ने बताया कि इस मामले में जांच अभी जारी है. आगे और भी संपत्तियों की पहचान कर उन्हें जब्त किया जा सकता है.
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वीकेयू/डीएससी
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