हैदराबाद, 27 अक्टूबर . टॉलीवुड सुपरस्टार और पूर्व Union Minister चिरंजीवी ने हाल ही में हैदराबाद साइबर क्राइम Police के पास शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने बताया कि कुछ वेबसाइट्स उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल करके फेक और एडिट किए हुए अश्लील वीडियो बना रही हैं.
इन वीडियो में उन्हें महिलाओं के साथ अश्लील तरीकों से दिखाया गया है, जबकि यह पूरी तरह नकली और झूठा है.
Police ने चिरंजीवी की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है. यह मामला आईटी एक्ट की धारा 67 और 67ए, भारतीय दंड संहिता की धारा 79, 294, 296 और 336(4), तथा 1986 के महिला अश्लील चित्रण निषेध अधिनियम की कई धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.
चिरंजीवी ने अदालत से अस्थायी रोक भी हासिल की है, जिससे उनकी पहचान का गलत इस्तेमाल रोका जा सके. इसके साथ ही उन्होंने Police को उन वेबसाइट्स और प्लेटफॉर्म्स की जानकारी दी है, जो उनके नाम और फोटो का इस्तेमाल करके फेक वीडियो ऑनलाइन डाल रहे हैं.
चिरंजीवी ने अपनी शिकायत में कहा कि यह सब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) की मदद से किया जा रहा है. उनके चेहरे और पहचान को अश्लील वीडियो में जोड़ा जा रहा है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह काम गैरकानूनी और गलत है और इसका उद्देश्य उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना है.
Actor ने Police से आग्रह किया है कि इस मामले की तुरंत तकनीकी जांच की जाए. उन्होंने यह भी कहा कि इंटरनेट से सभी ऐसे फेक वीडियो को तुरंत हटाया जाए और जिम्मेदार लोगों की पहचान कर उन्हें कानून के तहत सजा दी जाए. उनका कहना है कि इंटरनेट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध ऐसे वीडियो उनके लिए गंभीर मानसिक और सामाजिक नुकसान का कारण बन रहे हैं.
चिरंजीवी ने अपनी प्रतिष्ठा और समाज में योगदान का भी हवाला दिया. उन्होंने कहा कि वह सिर्फ एक Actor नहीं हैं, बल्कि पूर्व Union Minister और समाजसेवी भी हैं. उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, रक्तदान और आपदा राहत जैसे कई क्षेत्र में हमेशा काम किया है. उनके फिल्मों में हमेशा ईमानदारी, सहानुभूति और संघर्ष जैसे मूल्य दिखाई दिए हैं.
अपनी शिकायत में Actor ने कहा कि इन फेक वीडियो के कारण उनके लंबे समय से बनाए गए सम्मान और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंच रहा है. ये वीडियो उनके खिलाफ झूठी और अश्लील छवि फैलाने का काम कर रहे हैं, जिससे जनता की नजर में उनकी छवि बिगड़ रही है. यह केवल व्यक्तिगत नुकसान नहीं है, बल्कि उनके पूरे करियर और सामाजिक योगदान को भी प्रभावित कर रहा है.
चिरंजीवी ने कानून का हवाला देते हुए कहा कि यह काम उनकी निजता, गरिमा और सम्मान का उल्लंघन है. यह भारतीय संविधान की धारा 21 के तहत उनकी सुरक्षा का अधिकार है. साथ ही, यह आईटी एक्ट और भारतीय दंड संहिता के कई अपराधों के अंतर्गत भी आता है. उन्होंने जोर देकर कहा कि यह कोई अलग घटना नहीं है, बल्कि कुछ वेबसाइटों द्वारा मिलकर किया गया संगठित प्रयास है.
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पीके/एएस
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