Lucknow, 5 अक्टूबर . उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष सतीश महाना ने अमेरिका के शिकागो में आयोजित उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर शिकागो के सम्मान समारोह में कहा कि उत्तर प्रदेश आज विकास और सुशासन का नया प्रतीक बन चुका है. उन्होंने प्रवासी भारतीयों से अपनी जड़ों, संस्कृति और मूल्यों से जुड़े रहने का आह्वान किया. समारोह में प्रवासी भारतीयों ने महाना का भव्य स्वागत किया.
शिकागो स्थित उत्तर प्रदेश एसोसिएशन ऑफ ग्रेटर शिकागो द्वारा आयोजित सम्मान समारोह में बोलते हुए विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा, “हम सबका यह परम सौभाग्य है कि हमने जिस धरती पर जन्म लिया, वह देवभूमि है. हमारे संस्कार और संस्कृति ने हमें विश्व मंच पर एक विशिष्ट पहचान दी है.”
उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश ने विश्व स्तर पर अपनी अलग पहचान बनाई है और यह हमारे लिए गर्व की बात है कि प्रवासी भारतीय आज भी अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं. उन्होंने प्रवासी भारतीय समुदाय से आग्रह किया कि वे अपने मूल और संस्कृति के प्रति सदैव ईमानदार रहें.
महाना ने कहा, “यदि उत्तर प्रदेश एक राष्ट्र होता तो यह विश्व का पांचवां सबसे बड़ा देश होता. हमें गर्व होना चाहिए कि हम उसी पावन भूमि के पुत्र-पुत्रियां हैं.”
महाना ने प्रवासी भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, “हमें अपनी योग्यता, परिश्रम और ईमानदारी से India का नाम ऊंचा करना है. Political दृष्टि से कहा जाता है कि केंद्र की राजनीति का मार्ग उत्तर प्रदेश से होकर गुजरता है, यही प्रदेश देश की दिशा और विकास दोनों तय करता है.”
उन्होंने प्रवासी भारतीयों को उत्तर प्रदेश आने का निमंत्रण देते हुए कहा, “जब आप उत्तर प्रदेश आएंगे तो देखेंगे कि प्रदेश ने हर क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है. यह Chief Minister योगी आदित्यनाथ के कुशल नेतृत्व का परिणाम है कि प्रदेश आज विकास की राह पर निरंतर आगे बढ़ रहा है.”
महाना का यह सम्मान उस समय हुआ जब वे ब्रिजटाउन (बारबाडोस) रवाना होने की तैयारी में हैं, जहां वे 5 से 12 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले 68वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन (सीपीसी) में उत्तर प्रदेश विधानसभा का प्रतिनिधित्व करेंगे. यह सम्मेलन राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की 180 शाखाओं की वार्षिक बैठक है, जिसमें दुनिया भर के संसद अध्यक्ष और प्रतिनिधि भाग लेंगे. Lok Sabha अध्यक्ष ओम बिरला के नेतृत्व में जा रहे भारतीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल में महाना सहित कई राज्यों के विधानसभाध्यक्ष शामिल हैं. महाना सम्मेलन के दौरान लोकतांत्रिक संस्थाओं की सुदृढ़ता, सुशासन में प्रौद्योगिकी की भूमिका, जलवायु परिवर्तन और वित्तीय पारदर्शिता जैसे विषयों पर अपने विचार रखेंगे.
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विकेटी/डीकेपी
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