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हेल्थ टिप्स : बारिश के मौसम में बालों का झड़ना, जानिए कारण और आयुर्वेदिक समाधान

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New Delhi, 5 सितंबर . बारिश का मौसम जहां एक ओर गर्मी से राहत दिलाता है, वहीं दूसरी ओर यह अपने साथ कुछ परेशानियां भी लाता है, जिनमें से एक है बालों का झड़ना. नमी, उमस और बदलते वातावरण में बदलाव के कारण इस मौसम में बालों का झड़ना एक आम समस्या है.

चरक संहिता में उल्लेख है कि बरसात में बाल झड़ने का प्रमुख कारण शरीर में ‘दोषों’ का असंतुलन है. खास तौर पर पित्त दोष का बिगड़ना और पाचन अग्नि का कमजोर होना बालों को प्रभावित करता है. इससे शरीर में नमी बढ़ती है और पोषक तत्वों की कमी के कारण बाल कमजोर होकर झड़ने लगते हैं.

इसके साथ ही, हवा में मौजूद नमी बालों को सोख लेती है, जिससे वे रूखे, बेजान और भंगुर हो जाते हैं. नतीजतन, बालों में टूटने और झड़ने की समस्या बढ़ जाती है.

ऐसे में आप दही का इस्तेमाल कर सकते हैं. यह पेट के साथ बालों के लिए भी लाभकारी है. इसमें लैक्टिक एसिड और प्रोबायोटिक बैक्टीरिया भरपूर मात्रा में होते हैं, जो स्कैल्प की डैमेज सेल्स को हटाकर, बालों को प्राकृतिक रूप से कंडीशन करते हैं.

विज्ञान कहता है कि दही के लैक्टिक एसिड बैक्टीरिया स्कैल्प माइक्रोबायोटा को बैलेंस करने में मदद करते हैं, जिससे डैंड्रफ, खुजली और इंफेक्शन में राहत मिलती है. इसके साथ ही दही में मौजूद प्रोटीन बालों को मजबूती देता है और उनमें चमक लाता है.

सुश्रुत संहिता के अनुसार, बरसात में वात दोष का प्रभाव बढ़ता है, जो दूषित पित्त के साथ मिलकर रोमकूपों (हेयर फॉलिकल्स) को कमजोर करता है. इससे बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं.

इसके अलावा, बारिश के पानी में मौजूद अशुद्धियां और प्रदूषण स्कैल्प को नुकसान पहुंचाते हैं, जिससे खुजली, डैंड्रफ और बालों का झड़ना बढ़ता है.

आयुर्वेद विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में बालों की देखभाल के लिए तैलीय मालिश, हर्बल शैंपू और संतुलित आहार जरूरी है. नारियल तेल, आंवला, शिकाकाई और ब्राह्मी जैसे प्राकृतिक तत्व बालों को पोषण देकर उनकी जड़ों को मजबूत करते हैं. इसके साथ ही, तनाव कम करने और पर्याप्त नींद लेने से भी बालों की सेहत में सुधार होता है.

बारिश के मौसम में बालों को स्वस्थ रखने के लिए नियमित देखभाल और आयुर्वेदिक उपाय अपनाएं. इससे न केवल बालों का झड़ना रुकेगा, बल्कि वे चमकदार और मजबूत भी बनेंगे.

एनएस/एबीएम

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