उदयपुर, 21 सितंबर । विश्व की सबसे बड़ी इंटीग्रेटेड जिंक उत्पादक कंपनी हिन्दुस्तान जिंक द्वारा आयोजित वेदांता हिन्दुस्तान जिंक सिटी हाफ मैराथन का दूसरा संस्करण रविवार को उदयपुर में होगा। मैराथन की शुरुआत फील्ड क्लब से होगी। इस बार देश के 27 राज्यों और विदेश से 7 हजार से अधिक धावकों की भागीदारी होगी, जो पिछले वर्ष के मुकाबले कहीं अधिक है।
यह मैराथन अनिल अग्रवाल फाउंडेशन की पहल नंद घर द्वारा संचालित रन फॉर जीरो हंगर अभियान को समर्थन देगा, जिसका उद्देश्य भारत में कुपोषण को समाप्त करना है।
मैराथन में 3 लाख रुपये नकद सहित कई पुरस्कार दिए जाएंगे। धावकों को शांत फतेहसागर झील और अरावली पर्वतमाला के बीच दौड़ने का अनुभव मिलेगा। इसमें 5 किमी, 10 किमी, 21 किमी और रेस विद चैंपियंस जैसी अलग-अलग श्रेणियां होंगी। सभी फिनिशर्स को हिन्दुस्तान जिंक द्वारा निर्मित विशेष जिंक-आधारित मेडल मिलेगा। इसमें प्रोफेशनल एथलीट, सीनियर सिटिजन, दिव्यांग और बच्चे भी शामिल होंगे, जो इसे सामुदायिक उत्सव का रूप देंगे।
प्रतिभागियों की सुविधा के लिए ABCR द्वारा विशेष इंतजाम किए गए हैं। हाइड्रेशन स्टेशन मार्ग पर स्थापित होंगे, जबकि मेडिकल पार्टनर गीताजंली अस्पताल की ओर से फिजियोथेरेपिस्ट और डॉक्टर उपलब्ध रहेंगे। प्रतिभागियों को महाराणा प्रताप स्मारक, सहेलियों की बाड़ी और नीमच माता मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थलों से गुजरने का अवसर भी मिलेगा।
पिछले वर्ष पहले संस्करण में दुनिया भर से 5 हजार से अधिक धावक शामिल हुए थे। इस बार और भी बड़े पैमाने पर आयोजित हो रही यह मैराथन एआईएमएस (एसोसिएशन ऑफ इंटरनेशनल मैराथन) और डिस्टेंस रेस की आधिकारिक सदस्य है। इसे एआईएमएस का प्रमाणन प्राप्त है और यह अंतरराष्ट्रीय दौड़ कैलेंडर में सूचीबद्ध है।
वेदांता जिंक सिटी हाफ मैराथन न केवल भारत की सबसे खूबसूरत मैराथनों में से एक के रूप में पहचान बना रही है, बल्कि यह उदयपुर की सांस्कृतिक और प्राकृतिक समृद्धि का भी प्रतीक बन चुकी है।
You may also like
साहिबज़ादा फ़रहान का वो सेलिब्रेशन जो भारत-पाकिस्तान के मैच पर भारी पड़ गया
'ऑपरेशन व्हाइट बॉल': अभिषेक शर्मा ने तोड़ा गुरु युवराज सिंह का रिकॉर्ड, बने प्लेयर ऑफ द मैच
Jolly LLB 3: अक्षय कुमार की फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर मचाई धूम
Trisha Kar Madhu Hot Video: त्रिशा कर मधु का हॉट वीडियो वायरल, लाल साड़ी में ढाया कहर!
प्रियंका गांधी ने फिलिस्तीन मुद्दे पर केंद्र सरकार की नीति को बताया शर्मनाक