नई दिल्ली, 23 जून . भारतीय नौसेना के युद्धपोत स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तेग ने मॉरिशस के पोर्ट लुईस का दौरा सफलतापूर्वक संपन्न किया है. अपनी तैनाती के दौरान आईएनएस तेग ने मॉरीशस के राष्ट्रीय तट रक्षकों के जहाजों और विमानों के साथ मिलकर एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन की संयुक्त निगरानी की.
यह साझेदारी वैश्विक समुद्री संसाधनों की रक्षा और अवैध, अनियंत्रित मछली पकड़ने के खिलाफ दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाती है. इस दौरान भारत और मॉरीशस के बीच मजबूत समुद्री साझेदारी को दर्शाते हुए अनेक पेशेवर, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए. यह युद्धपोत दक्षिण पश्चिम हिंद महासागर क्षेत्र में अपनी परिचालन तैनाती के तहत यहां पहुंचा था. यह पश्चिमी नौसेना कमान की एक अग्रिम पंक्ति का युद्धपोत है.
क्षमता निर्माण और ‘बेस्ट प्रैक्टिसेज’ के आदान-प्रदान के तहत मॉरीशस राष्ट्रीय तटरक्षक के कर्मियों को आईएनएस तेग पर अग्निशमन, क्षति नियंत्रण, ब्रिज और इंजन रूम की निगरानी, विद्युत प्रणाली और छोटे हथियार संचालन का प्रशिक्षण दिया गया. समुद्री डाइविंग जांच जैसी लाइव डेमोंस्ट्रेशन भी की गईं. आईएनएस तेग के कमांडिंग ऑफिसर कैप्टन विकास गुलेरिया ने मॉरीशस में तैनाती के दौरान कई वरिष्ठ सरकारी और सैन्य अधिकारियों से शिष्टाचार मुलाकात भी की. इनमें मॉरीशस के पुलिस आयुक्त रामपेरसाद सूरुजबली, कैबिनेट सचिव सुरेश सीबालक, भारत के उच्चायुक्त अनुराग श्रीवास्तव, गृह मामलों की सचिव तथा कॉस्ट गार्ड के कमांडर शामिल रहे.
इन उच्चस्तरीय बैठकों से भारत और मॉरिशस के बीच आपसी समझ को और गहराई मिली तथा द्विपक्षीय संबंधों को और अधिक मजबूती प्रदान हुई. अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2025 के उपलक्ष्य में 21 जून को एक संयुक्त योग सत्र भी आयोजित किया गया. इसमें लगभग 150 प्रतिभागियों ने भाग लिया. इसमें पुलिस आयुक्त, भारतीय उच्चायुक्त, तटरक्षक बल के अधिकारी और आईएनएस तेग के चालक दल शामिल थे. इसके अलावा, सिग्नल माउंटेन की ट्रेकिंग और एक मैत्रीपूर्ण वॉलीबॉल मैच सहित कई मनोरंजक और खेल गतिविधियों का आयोजन भी किया गया, जिससे सौहार्द और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा मिला.
नौसेना का मानना है कि आईएनएस तेग की यह यात्रा भारत-मॉरीशस के बीच समुद्री सुरक्षा सहयोग और द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. इसने न केवल संचालनात्मक तालमेल को सुदृढ़ किया, बल्कि दोनों देशों की साझेदारी को गहराई दी, जो साझा मूल्यों, आपसी विश्वास और सुरक्षित और समृद्ध हिंद महासागर क्षेत्र के एक साझा दृष्टिकोण पर आधारित है.
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जीसीबी/एएस
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