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भारत ने ढाका में दुर्गा मंदिर गिराए जाने पर यूनुस सरकार को घेरा, कहा- कट्टरपंथियों के आगे झुकी अंतरिम सरकार

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नई दिल्ली, 26 जून . भारत ने बांग्लादेश की राजधानी ढाका में दुर्गा मंदिर ढहाए जाने की घटना की कड़ी निंदा की है और मोहम्मद यूनुस सरकार पर तीखा हमला बोला है. भारत ने इसे कट्टरपंथियों के दबाव में लिया गया फैसला बताया है और कहा है कि मंदिर को अवैध जमीन कब्जे का मामला बताकर गिराया गया, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने गुरुवार को कहा, “हमें जानकारी मिली है कि ढाका के खीलखेते स्थित दुर्गा मंदिर को कट्टरपंथी तत्वों द्वारा गिराने की मांग की जा रही थी. अंतरिम सरकार ने मंदिर की सुरक्षा सुनिश्चित करने के बजाय इसे अवैध भूमि उपयोग का मामला बताकर ढहा दिया.”

उन्होंने बताया कि इस घटना में देवी की मूर्ति को नुकसान पहुंचा, जिसे बाद में हटाया गया. जायसवाल ने कहा, “हम इस बात से आहत हैं कि बांग्लादेश में इस प्रकार की घटनाएं बार-बार हो रही हैं. बांग्लादेश सरकार की जिम्मेदारी है कि वह हिंदू समुदाय, उनकी संपत्ति और धार्मिक स्थलों की रक्षा करे.”

इससे पहले इस सप्ताह, ह्यूमन राइट्स कांग्रेस फॉर बांग्लादेश माइनॉरिटीज (एचआरसीबीएम) ने एक और घटना उजागर की थी, जिसमें दिनाजपुर जिले में महासती मनसा और दुर्गा मंदिर को असामाजिक तत्वों द्वारा निशाना बनाया गया.

एचआरसीबीएम के बयान में कहा गया, “हमलावरों ने मंदिर में तोड़फोड़ की, मूर्तियों को खंडित किया और देवी मनसा की मूर्ति का सिर काट डाला. यह एक अत्यंत अपमानजनक और डर फैलाने वाला कृत्य था, जिसका उद्देश्य हिंदू अल्पसंख्यकों को डराना और अपमानित करना था.”

कहा गया कि बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के बीच संस्थागत डर व्यापक है, जो वर्षों से हो रही हिंसा, सामाजिक बहिष्कार और प्रणालीगत असफलताओं से उत्पन्न हुआ है.

भारत ने एक बार फिर स्पष्ट किया है कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ “संगठित उत्पीड़न” जारी है.

इस बीच, जब चीन, पाकिस्तान और बांग्लादेश की हालिया त्रिपक्षीय बैठक के बारे में सवाल पूछा गया तो विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत अपने पड़ोस में हो रहे घटनाक्रमों पर सतर्क नजर रखे हुए है.

डीएससी/एबीएम

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