रांची, 15 अक्टूबर . हाईकोर्ट ने Jharkhand स्टाफ सेलेक्शन कमीशन की कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल (सीजीएल) परीक्षा के परिणाम के प्रकाशन पर लगाई गई अंतरिम रोक को बरकरार रखा है. परीक्षा में कथित पेपर लीक की सीबीआई जांच की मांग को लेकर दायर जनहित याचिका पर Wednesday को चीफ जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और जस्टिस राजेश शंकर की बेंच में करीब दो घंटे तक सुनवाई चली.
इस दौरान राज्य के महाधिवक्ता राजीव रंजन और जेएसएससी के अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल ने कहा कि अब तक की जांच में पेपर लीक का कोई साक्ष्य नहीं मिला है. सीआईडी की ओर से मामले की जांच की जा रही है, लेकिन ऐसा कोई प्रमाण नहीं सामने आया है, जिसके आधार पर इसकी जांच सीबीआई को सौंपी जाए.
जेएसएससी के अधिवक्ता संजॉय पिपरवाल ने कहा कि यह पूरा विवाद कोचिंग माफिया द्वारा प्रायोजित किया गया है ताकि भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित किया जा सके. अदालत ने इस मामले में याचिका दायर करने वाले अभ्यर्थियों का पक्ष सुनने के लिए अगली सुनवाई की तारीख 29 अक्टूबर निर्धारित की है.
बता दें कि 21 और 22 सितंबर, 2024 को Jharkhand के विभिन्न जिलों में 823 परीक्षा केंद्रों पर जेएसएससी सीजीएल परीक्षा आयोजित की गई थी. लगभग 3 लाख 4 हजार 769 अभ्यर्थी इस परीक्षा में शामिल हुए थे. परिणाम के आधार पर आयोग ने 5 दिसंबर, 2024 को 2145 अभ्यर्थियों की शॉर्टलिस्ट जारी की थी.
हालांकि, परिणाम जारी होने के बाद परीक्षा में पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोप लगने लगे. इसके बाद राजेश कुमार और अन्य याचिकाकर्ताओं ने Jharkhand हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर सीबीआई जांच की मांग की थी. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने 17 दिसंबर, 2024 को परीक्षा परिणाम के प्रकाशन पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी.
कोर्ट ने राज्य Government को निर्देश दिया था कि पेपर लीक से संबंधित शिकायतों पर परीक्षा संचालन अधिनियम, 2023 के तहत First Information Report दर्ज कर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए. निर्देश के बाद राज्य का अपराध अनुसंधान विभाग (सीआईडी) इस मामले में जांच कर रहा है.
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एसएनसी/डीकेपी
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