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गुजरात : ईडी ने एवन कोल्ड स्टोरेज के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप पत्र दायर किया

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अहमदाबाद, 3 जून . प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अहमदाबाद जोनल कार्यालय ने एवन कोल्ड स्टोरेज प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत आरोप पत्र दायर किया है. आरोप पत्र 31 मई को विशेष अदालत (पीएमएलए) के समक्ष प्रस्तुत किया गया, जिसने मामले का संज्ञान ले लिया है.

ईडी की यह कार्रवाई केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी), गांधीनगर द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद की गई है. एफआईआर में कंपनी के निदेशकों, निजी व्यक्तियों और सरकारी कर्मचारियों के नाम शामिल हैं, जिसमें यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (पूर्व में आंध्रा बैंक) को धोखा देने की आपराधिक साजिश का आरोप लगाया गया है.

एफआईआर के अनुसार, आरोपियों ने फर्जी दस्तावेज और फर्जी रिकॉर्ड पेश कर धोखाधड़ी से लोन हासिल किया था. ईडी की जांच में पता चला कि मेसर्स एवन कोल्ड स्टोरेज ने मेसर्स पैटमैक्स इंजीनियर्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा कथित तौर पर जारी किए गए फर्जी प्रोफार्मा इनवॉयस के आधार पर यूनियन बैंक से टर्म लोन की सुविधा हासिल की.

कोल्ड स्टोरेज यूनिट स्थापित करने के लिए प्लांट और मशीनरी खरीदने के लिए निर्धारित धनराशि को संस्थाओं के नेटवर्क के माध्यम से निकाल लिया गया और अंततः 3.92 करोड़ रुपए की नकद राशि निकाल ली गई, जिससे कोई वैध धनराशि नहीं बची. जांच में पाया गया कि ऋण राशि को ऋण समझौते में बताए गए उद्देश्यों से असंबंधित उद्देश्यों के लिए डायवर्ट किया गया था.

अब तक ईडी द्वारा लगभग 1.30 करोड़ रुपए की चल और अचल संपत्तियां अस्थायी रूप से जब्त की जा चुकी हैं. अधिकारियों ने बताया कि मामले में आगे की जांच अभी चल रही है.

इस बीच, मई में ईडी ने अहमदाबाद में छापेमारी की, जिसमें वक्फ संपत्तियों से जुड़ी कथित वित्तीय अनियमितताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया.

जांच में उन व्यक्तियों को शामिल किया गया जिन पर अनधिकृत ट्रस्टीशिप और ट्रस्ट की संपत्तियों पर अवैध निर्माण का आरोप है, जिससे अवैध आय पैदा हुई. जब्त की गई संपत्तियों में 30 लाख रुपए नकद और सात लाख रुपए की क्रिप्टोकरेंसी शामिल है, साथ ही दो करोड़ रुपए के बैंक बैलेंस का भी पता चला है.

अक्टूबर 2024 में ईडी ने जीएसटी धोखाधड़ी मामले के सिलसिले में अहमदाबाद, राजकोट और सूरत जैसे शहरों सहित गुजरात भर में 23 परिसरों पर छापेमारी की. जांच मेसर्स ध्रुवी एंटरप्राइजेज और अन्य पर केंद्रित थी, जिन्होंने कथित तौर पर बिना किसी वस्तु या सेवा की वास्तविक आपूर्ति के फर्जी चालान के माध्यम से इनपुट टैक्स क्रेडिट का दावा करने के लिए 220 से अधिक फर्जी कंपनियां बनाईं. इस घोटाले ने बड़े पैमाने पर कर चोरी और मनी लॉन्ड्रिंग के बारे में चिंता जताई है.

पीएसके/एकेजे

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