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बीएपी नेताओं पर सांसद डॉ. रावत का हमला, कहा- समाज में फैला रहे अशिष्टता और अलगाववाद

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— विधायक थावरचंद के आपत्तिजनक बयान पर कड़ी प्रतिक्रिया, आदिवासी समाज समझ चुका षड्यंत्र

उदयपुर, 8 सितंबर (Indias News). सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने बीएपी नेताओं पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि वे अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने के लिए समाज में विखंडन और युवाओं में भटकाव व अलगाववाद फैलाने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि आदिवासी समाज इनकी चालों को पहचान चुका है और आने वाले समय में इसका मुंहतोड़ जवाब देगा.

डॉ. रावत ने बीएपी नेता और धरियावाद विधायक थावरचंद द्वारा उनके खिलाफ हाल ही में दिए गए आपत्तिजनक बयानों पर प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि बीएपी नेता कैथोलिक चर्च और कट्टरपंथी तत्वों से मिले हुए हैं और एक अलग धर्म कोड की मांग का समर्थन करते हैं. रावत ने आरोप लगाया कि यह समूह आदिवासी संस्कृति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रहा है और आदिवासियों को विराट हिंदू समाज से अलग करने की साजिश रच रहा है.

सांसद ने कहा कि यही लोग काकरी डूंगरी कांड में निर्दोष आदिवासी युवाओं की हत्या के लिए जिम्मेदार रहे हैं. इनका मकसद समाज की सज्जन शक्ति और मेलजोल की भावना को तोड़ना है. उन्होंने दावा किया कि चोरासी क्षेत्र के लोगों ने बताया है कि बीएपी नेता कट्टरपंथी लोगों से संपर्क में हैं और उन्हीं के प्रभाव में आकर हिंदू समाज के खिलाफ बयान देते हैं.

डॉ. रावत ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि यदि बीएपी नेता इसी तरह राजनीति की दुकानदारी चलाते रहे तो समाज चुप नहीं बैठेगा. उन्होंने कहा, “समाज मौन है, इसका अर्थ यह नहीं कि वह प्रतिक्रिया नहीं देगा.”

उन्होंने याद दिलाया कि डूंगरपुर की पीठ जिला परिषद चुनाव में आदिवासी समाज ने बीएपी को हराकर संदेश दे दिया है. अब इनकी उलटी गिनती शुरू हो चुकी है.

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