मिडिल ईस्ट में तनाव अब डरावनी हकीकत में बदल चुका है। कतर की राजधानी दोहा में बीती रात अचानक सायरनों की आवाज़ें गूंजने लगीं, और पूरे शहर में अफरातफरी का माहौल बन गया। वजह थी ईरान द्वारा अमेरिकी हमलों के जवाब में कतर स्थित अमेरिकी एयरबेस पर किया गया हमला। इस हमले की गूंज इतनी तेज़ थी कि दोहा के मॉल में मौजूद लोग बुरी तरह घबरा गए और भागते नजर आए।The panic of Qatari citizens at the moment of the attack in a Doha mall. pic.twitter.com/HZCYRi8jZN
— Brian’s Breaking News and Intel (@intelFromBrian) June 23, 2025
दोहा के मॉल में मची अफरातफरी, महिलाएं और बच्चे सहमे
सोशल मीडिया पर सामने आए एक वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि एक मॉल के अंदर का नज़ारा बेहद डरावना हो गया था। लोग चीखते-चिल्लाते हुए एग्जिट डोर की ओर भागते नजर आए। इनमें छोटे बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग तक शामिल थे। उस वक्त हर कोई जान बचाने की कोशिश में था। यह दृश्य बता रहा था कि कैसे जंग का डर आम लोगों की जिंदगी में खौफ बनकर उतर आता है।
आसमान में दिखीं ईरानी मिसाइलें, चारों ओर पसरा डर
गवाहों के मुताबिक, ईरानी मिसाइलें दोहा के आसमान में साफ नजर आ रही थीं। इन मिसाइलों की आवाजें इतनी तीव्र थीं कि मॉल से लेकर आसपास के रिहायशी इलाकों तक में घबराहट और बेचैनी का माहौल बन गया। इस हमले के बाद कुवैत, बहरीन और यूएई ने अपना एयर स्पेस तुरंत बंद कर दिया, जिससे हालात और गंभीर होते दिखाई दिए।
ईरान ने बताया- मिसाइलें थीं अमेरिकी बमों के बराबर
ईरान की सर्वोच्च राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक बयान जारी कर कहा कि, "हमारे द्वारा दागी गई मिसाइलों की संख्या, अमेरिका द्वारा तेहरान के न्यूक्लियर साइट पर गिराए गए बमों के बराबर थी।" हालांकि यह राहत की बात रही कि अल-उदीद एयरबेस रिहायशी इलाके से दूर था, इसलिए आम नागरिकों को सीधा नुकसान नहीं हुआ।
ईरान की चेतावनी – हिट एंड रन का समय खत्म
ईरानी सशस्त्र बलों के प्रवक्ता ने बयान जारी कर कहा कि "अब वो समय नहीं रहा जब दुश्मन हमला करे और बचकर निकल जाए। हिट एंड रन का युग खत्म हो गया है।" उन्होंने कहा कि यह हमला रिवोल्यूशनरी गार्ड्स कोर द्वारा अंजाम दिया गया था।
क्या है दोहा का अल-उदीद एयरबेस? जानिए क्यों बना है निशाना
यह एयरबेस सामान्य नहीं, बल्कि अमेरिकी सेंट्रल कमांड (CENTCOM) का एक अग्रिम मुख्यालय है। यहां करीब 10,000 अमेरिकी सैनिक तैनात हैं, और यह इराक, सीरिया और अफगानिस्तान जैसे देशों में अमेरिकी अभियानों को सपोर्ट करता है। यह बेस करीब 60 एकड़ में फैला है और इसमें 100 से अधिक अमेरिकी लड़ाकू विमान मौजूद हैं।
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