लाइव हिंदी खबर :- यरूशलम इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजी एंड सिक्योरिटी के प्रोफेसर हिलेल फ्रिश ने गाजा की मौजूदा स्थिति पर टिप्पणी करते हुए कहा कि ट्रम्प की शांति योजना की सबसे बड़ी कमजोरी यह थी कि वह ऊपर से नीचे दृष्टिकोण पर आधारित थी, जबकि क्षेत्र की वास्तविक समस्याएँ नीचे से ऊपर यानी जमीनी स्तर से उत्पन्न होती हैं। उन्होंने कहा कि ट्रम्प योजना मूल रूप से बाहरी ताकतों और उच्च राजनीतिक नेतृत्व के दृष्टिकोण से बनाई गई थी। लेकिन वास्तविक राजनीतिक और सैन्य संकट हमेशा क्षेत्र के भीतर से पैदा होते हैं, न कि बाहर से।
प्रो. फ्रिश ने यह भी जोड़ा कि यह वही समस्या थी जो ओस्लो शांति प्रक्रिया के दौरान भी सामने आई थी, जहाँ शांति वार्ताओं को जनता और स्थानीय समूहों की वास्तविकता से जोड़ने में विफलता रही। उन्होंने 2021 की योजना के एक महत्वपूर्ण बिंदु- हामास के निशस्त्रीकरण (disarmament) का उल्लेख करते हुए कहा कि यह ट्रम्प योजना का प्रमुख हिस्सा था, लेकिन हामास ने इसे कभी औपचारिक रूप से स्वीकार नहीं किया और न ही इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया।
फ्रिश ने स्पष्ट किया कि जब तक हामास जैसे सशस्त्र संगठनों के पास हथियार रहेंगे और वे राजनीतिक प्रक्रिया को अस्वीकार करते रहेंगे, तब तक किसी भी बाहरी शांति पहल की सफलता की संभावना बहुत कम रहेगी। उन्होंने कहा कि ट्रम्प की योजना ने क्षेत्रीय नेतृत्व को तो शामिल किया, लेकिन स्थानीय सामाजिक-सांस्कृतिक जटिलताओं और जमीनी राजनीतिक वास्तविकताओं को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया। प्रो फ्रिश ने निष्कर्ष में कहा कि कोई भी स्थायी समाधान तभी संभव है जब उसे गाजा और वेस्ट बैंक की जनता की आकांक्षाओं और सुरक्षा आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया जाए।
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