संसद का मॉनसून सत्र 21 जुलाई (सोमवार) से शुरू होने जा रहा है। इससे पहले मोदी सरकार ने 20 जुलाई (रविवार) सुबह 11 बजे एक सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इस बैठक का उद्देश्य विपक्षी दलों से संसद के सुचारू संचालन के लिए सहयोग मांगना है।
मॉनसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 21 अगस्त तक चलेगा, जिसमें दोनों सदनों की कुल 21 बैठकें होंगी। यह 18वीं लोकसभा का 5वां सत्र है।
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने 19 जुलाई को कहा कि सरकार संसद में उठाए जाने वाले सभी महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
उन्होंने बताया कि इस सत्र में कई अहम विधेयकों को चर्चा और पारित करने के लिए पेश किया जाएगा। इनमें जन विश्वास (प्रावधान संशोधन) विधेयक 2025, राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2025, और मर्चेंट शिपिंग विधेयक 2024 शामिल हैं।
वहीं, मॉनसून सत्र के मद्दे नजर शनिवार को इंडिया ब्लॉक की बैठक हुई है। बैठक में शामिल 24 दलों के शीर्ष नेताओं ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र में उठाए जाने वाले प्रमुख मुद्दों पर सहमति व्यक्त की।
इंडिया ब्लॉक की शनिवार को एक वर्चुअल बैठक हुई, जिसमें 24 दलों के नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इस मीटिंग में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, एनसीपी (एसपी) नेता शरद पवार, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, जम्मू-कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला, झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन, शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे और अन्य शामिल हुए।
बैठक के बाद कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता पर पूरी सहमति थी। बीजेपी शासन में इससे समझौता किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इंडिया ब्लॉक के सदस्यों ने पहलगाम आतंकी हमले के दोषियों को पकड़ने में सरकार की विफलता पर सर्वसम्मति से चिंता व्यक्त की। हमले के लगभग तीन महीने बाद भी आतंकवादियों का कोई सुराग नहीं मिला।
तिवारी ने कहा कि सदस्यों ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयानों पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर में मध्यस्थता कराई। ट्रंप अब तक 24 बार ये दावे कर चुके हैं। अब प्रधानमंत्री मोदी को इस पर जवाब देना चाहिए।
उन्होंने कहा कि सदस्यों ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के माध्यम से लोकतंत्र की हत्या के प्रयासों पर ध्यान दिया, जहां बीजेपी की पसंद और पूर्वाग्रह के अनुसार मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा महसूस किया जा रहा है कि एक अघोषित आपातकाल है, जिसके दौरान मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा रहे हैं।
प्रमोद तिवारी ने कहा कि इंडिया ब्लॉक के नेताओं ने भारत की विदेश नीति की सभी मोर्चों पर विफलता पर भी कड़ी आपत्ति जताई, चाहे वह पाकिस्तान हो, चीन हो या गाजा। सदस्यों ने इस बात पर भी जोर दिया कि जब ये मुद्दे चर्चा के लिए आए तो प्रधानमंत्री को उपस्थित रहना चाहिए और सभी सवालों का जवाब देना चाहिए।
उन्होंने बताया कि सदस्यों ने परिसीमन, अनुसूचित जातियों, जनजातियों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार जैसे मुद्दों का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि सत्र के दौरान अन्य मुद्दों, खासकर क्षेत्रीय मुद्दों को उठाने की हमेशा गुंजाइश रहेगी। इंडिया ब्लॉक के सदस्यों की अगली बैठक भी जल्द ही आयोजित की जाएगी। बैठक एक स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई, जहां सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों पर विचार और सुझाव दिए।
इस बैठक में भाग लेने वाले दलों में कांग्रेस, डीएमके, टीएमसी, समाजवादी पार्टी, राजद, एनसीपी (एसपी), शिवसेना (यूबीटी), सीपीएम, सीपीआई, नेशनल कॉन्फ्रेंस, पीडीपी, सीपीआई-एमएल, जेएमएम, आईयूएमएल, केसी (एम), एमडीएमके, वीसीके, आरएसपी, केसी (जे), केएमडीके, एआईएफबी, एमएमके, पीडब्ल्यूपी और आरएलपी शामिल थे।
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