शरीर पर अचानक या धीरे-धीरे उभरने वाले काले धब्बों को अक्सर लोग उम्र, धूप या त्वचा की सामान्य समस्या मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ मामलों में ये धब्बे शरीर के अंदर छिपी गंभीर बीमारियों की ओर भी इशारा करते हैं।
त्वचा हमारे शरीर का सबसे बड़ा अंग है, जो केवल बाहरी सुंदरता ही नहीं, बल्कि आंतरिक स्वास्थ्य की स्थिति को भी दर्शाती है। शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर नजर आने वाले गहरे धब्बे कभी-कभी लिवर, हार्मोनल या मेटाबॉलिज़्म से जुड़ी समस्याओं का संकेत हो सकते हैं।
डॉक्टर क्या कहते हैं?
“त्वचा पर अचानक पड़ने वाले गहरे धब्बे कई बार हार्मोनल असंतुलन, पोषण की कमी या लिवर की कार्यप्रणाली में गड़बड़ी का परिणाम हो सकते हैं। अगर ये धब्बे लगातार बढ़ते जाएं या खुजली, दर्द, सूजन जैसी समस्याएं हो रही हों, तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए,”
संभावित कारण जिनसे बन सकते हैं काले धब्बे:
हॉर्मोनल बदलाव:
महिलाओं में प्रेगनेंसी, पीसीओडी या मेनोपॉज़ के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव से चेहरे या गर्दन पर मेलास्मा (काले धब्बे) हो सकते हैं।
लिवर संबंधी समस्याएं:
लिवर शरीर से टॉक्सिन्स निकालने का काम करता है। अगर लिवर कमजोर हो, तो त्वचा पर पिग्मेंटेशन या धब्बों के रूप में असर दिख सकता है।
डायबिटीज:
मधुमेह के रोगियों में त्वचा पर काले, मखमली जैसे धब्बे उभर सकते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में “Acanthosis Nigricans” कहा जाता है।
विटामिन की कमी:
विटामिन B12, D और E की कमी से भी त्वचा पर काले धब्बे नजर आ सकते हैं।
धूप का असर:
यूवी किरणों के सीधे संपर्क में आने से स्किन डैमेज होती है, जिससे सन स्पॉट्स या एज स्पॉट्स बनते हैं।
त्वचा रोग या कैंसर:
कुछ मामलों में मोल (तिल) या पैचेस मेलानोमा जैसे त्वचा कैंसर का शुरुआती लक्षण भी हो सकते हैं।
बचाव और समाधान क्या हैं?
नियमित रूप से सनस्क्रीन का उपयोग करें।
हरी सब्ज़ियाँ, फल और एंटीऑक्सीडेंट युक्त भोजन लें।
साल में कम से कम एक बार त्वचा विशेषज्ञ से जांच कराएं।
किसी भी नए या पुराने धब्बे में बदलाव दिखे तो नजरअंदाज न करें।
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