इलेक्ट्रिक गाड़ियां आज के समय में काफी पॉपुलर हो रही हैं। लोग पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों से परेशान होकर बिजली से चलने वाली गाड़ियां खरीदना पसंद कर रहे हैं। ये गाड़ियां पेट्रोल-डीजल के पैसे तो बचाती हैं, लेकिन इनको सबसे बड़ी समस्या चार्जिंग को लेकर आती हैं। देश में चार्जिंग स्टेशन का नेटवर्क इतना अच्छा नहीं है। आमतौर पर देश के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, नोएडा आदि में चार्जिंग स्टेशन मौजूद हैं। साथ ही लोगों को अपनी कार को चार्ज करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ता है, कई बार तो चार्जिंग स्टेशन पर लंबी लाइन लग जाती है। अब इस समस्या का भी समाधान हो गया है। फ्रांस ने एक ऐसा मोटरवे शुरू किया है जिस पर इलेक्ट्रिक गाड़ियां अपने आप चार्ज होंगी। यह अपने आप में दुनिया का पहला मोटरवे है। आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
फ्रांस ने सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। फ्रांस ने दुनिया का पहला ऐसा मोटरवे (Motorway) शुरू किया है, जिस पर डायनामिक वायरलेस चार्जिंग सिस्टम (Dynamic Wireless Charging System) लगा है। यह सिस्टम इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चलते समय चार्ज करने की सुविधा देता है। इसका मतलब है कि अब लोगों को अपनी EV को को चार्ज करने के लिए रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगा, बल्कि कार चलते-चलते अपने आप चार्ज होती रहेगी।
प्रोजेक्ट 'चार्ज एज यू ड्राइव' की शुरुआतइस प्रोजेक्ट का नाम 'चार्ज एज यू ड्राइव' रखा गया है और इसकी शुरुआत पेरिस से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित A10 मोटरवे पर की गई है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत कंसोर्टियम ग्रुप ने की है, जिसमें विंसी ऑटोरूट्स, इलेक्ट्रियोन, विंसी कंस्ट्रक्शन, गस्टेब एफिल यूनिवर्सिटी और हचिन्सन जैसी कंपनियां शामिल हैं। यह प्रोजक्ट इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सबसे बड़ी समस्या को हल कर सकता है। लैब में टेस्ट के बाद यह प्रोजेक्ट अब रियल ट्रैफिक फेज में पहुंच चुका है। यानी की लैब टेस्ट में पास होने के बाद अब इसकी टेस्टिंग वास्तविक सड़कों पर की जा रही है।
सड़क में कॉइल्समोटरवे के लगभग 1.5 किलोमीटर (1 मील) हिस्से में सड़क के अंदर कॉइल्स लगाई गई हैं। टेस्टिंग के लिए सड़क पर अब प्रोटोटाइप वाहन, जिनमें एक हैवी ट्रक, एक यूटिलिटी व्हीकल, एक पैसेंजर कार और एक बस शामिल हैं, रोजमर्रा की परिस्थितियों में चलाए जा रहे हैं। टेस्ट के शुरुआती नतीजे काफी अच्छे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस इंडक्टिव सिस्टम ने स्थिर परिस्थितियों में 200 kW से ज्यादा की औसत पावर और 300 kW से ज्यादा की पीक पावर डिलीवर की है।
कैसे काम करती है टेक्नोलॉजी?डायनामिक इंडक्शन चार्जिंग में सड़क के अंदर कॉइल्स लगाई जाती हैं, जो मैग्नेटिक फील्ड बनाती हैं। जब कोई इलेक्ट्रिक कार, जिसमें एक रिसीवर कॉइल लगी होती है, इन कॉइल्स के ऊपर से गुजरती है, तो मैग्नेटिक फील्ड के माध्यम से रिसीवर में बिजली पहुंचती है, जो कार की बैटरी को चार्ज करती रहती है। यह काम निरंतर चलता रहता है।
फ्रांस ने सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। फ्रांस ने दुनिया का पहला ऐसा मोटरवे (Motorway) शुरू किया है, जिस पर डायनामिक वायरलेस चार्जिंग सिस्टम (Dynamic Wireless Charging System) लगा है। यह सिस्टम इलेक्ट्रिक गाड़ियों को चलते समय चार्ज करने की सुविधा देता है। इसका मतलब है कि अब लोगों को अपनी EV को को चार्ज करने के लिए रुकने की जरूरत नहीं पड़ेगा, बल्कि कार चलते-चलते अपने आप चार्ज होती रहेगी।
प्रोजेक्ट 'चार्ज एज यू ड्राइव' की शुरुआतइस प्रोजेक्ट का नाम 'चार्ज एज यू ड्राइव' रखा गया है और इसकी शुरुआत पेरिस से लगभग 40 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित A10 मोटरवे पर की गई है। इस प्रोजेक्ट की शुरुआत कंसोर्टियम ग्रुप ने की है, जिसमें विंसी ऑटोरूट्स, इलेक्ट्रियोन, विंसी कंस्ट्रक्शन, गस्टेब एफिल यूनिवर्सिटी और हचिन्सन जैसी कंपनियां शामिल हैं। यह प्रोजक्ट इलेक्ट्रिक गाड़ियों की सबसे बड़ी समस्या को हल कर सकता है। लैब में टेस्ट के बाद यह प्रोजेक्ट अब रियल ट्रैफिक फेज में पहुंच चुका है। यानी की लैब टेस्ट में पास होने के बाद अब इसकी टेस्टिंग वास्तविक सड़कों पर की जा रही है।
सड़क में कॉइल्समोटरवे के लगभग 1.5 किलोमीटर (1 मील) हिस्से में सड़क के अंदर कॉइल्स लगाई गई हैं। टेस्टिंग के लिए सड़क पर अब प्रोटोटाइप वाहन, जिनमें एक हैवी ट्रक, एक यूटिलिटी व्हीकल, एक पैसेंजर कार और एक बस शामिल हैं, रोजमर्रा की परिस्थितियों में चलाए जा रहे हैं। टेस्ट के शुरुआती नतीजे काफी अच्छे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक इस इंडक्टिव सिस्टम ने स्थिर परिस्थितियों में 200 kW से ज्यादा की औसत पावर और 300 kW से ज्यादा की पीक पावर डिलीवर की है।
कैसे काम करती है टेक्नोलॉजी?डायनामिक इंडक्शन चार्जिंग में सड़क के अंदर कॉइल्स लगाई जाती हैं, जो मैग्नेटिक फील्ड बनाती हैं। जब कोई इलेक्ट्रिक कार, जिसमें एक रिसीवर कॉइल लगी होती है, इन कॉइल्स के ऊपर से गुजरती है, तो मैग्नेटिक फील्ड के माध्यम से रिसीवर में बिजली पहुंचती है, जो कार की बैटरी को चार्ज करती रहती है। यह काम निरंतर चलता रहता है।
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