नई दिल्ली : एक दशक बाद दिल्ली मैं सर्कल रेट बढ़ाने की तैयारी है। राजस्व विभाग के अधिकारियों की अगले हफ्त सर्कल रेट को लेकर बैठक बुलाई गई है। सूत्रों की माने तो दिल्ली में सर्कल रेट का गणित बदलने वाला है। दाम कहीं घट सकते हैं तो कहीं बढ़ सकते हैं।
सुझाव के लिए दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने जून में कमिटी बनाई थी अब कमिटी ने संपत्तियों के लोकेशन, वहां के विकास के आधार पर संपत्ति की कैटिगरी में सब-कैटिगरी बनाने की सिफारिश की है। फिलहाल संपत्ति को A से H तक 8 कैटिगरी में बांटा गया है, मगर A कैटिगरी में ही सभी इलाकों में समान सुविधा नहीं है, लेकिन सर्कल रेट एक है। बता दें कि जैसे A कैटिगरी में वसंत विहार, गोल्फ लिंक भी आता है और कांलिदी कॉलोनी भी। दोनों में समानता नहीं है, लेकिन सर्किल रेट एक हैं। ऐसे में इन्हें सब-कैटिगरी में बांटा जा सकता है।
तो एक ही कैटिगरी में बदल जाएंगी दरें?अधिकारियों के मुताबिक सर्कल रेट में सभी आठ कैटिगरी में लगभग असमानता है। कमिटी ने सिफारिश की है कि मौजूदा संपत्ति कैटिगरी में सब-कैटिगरी बनाकर उनकी दरें तय की जाएं। हर कैटिगरी में 2 से 3 सब कैटिगरी बनाने की सिफारिश की गई है। अगर ऐसा होता है तो दिल्ली में संपत्ति की मौजूदा कैटिगरी में ही सर्कल रेट अलग-अलग होगा।
जनता से भी मांगे गए थे सुझावबता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने राजधानी में अलग-अलग श्रेणियों की संपत्तियों के लिए लागू सर्कल रेट (न्यूनतम संपत्ति पंजीकरण दर) में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके तहत जमीनों की दरें मार्केट के हिसाब से तय करने की तैयारी पहले ही शुरू हो गई थी। इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जनता के सुझाव भी मांगे गए थे।
सुझाव के लिए दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता ने जून में कमिटी बनाई थी अब कमिटी ने संपत्तियों के लोकेशन, वहां के विकास के आधार पर संपत्ति की कैटिगरी में सब-कैटिगरी बनाने की सिफारिश की है। फिलहाल संपत्ति को A से H तक 8 कैटिगरी में बांटा गया है, मगर A कैटिगरी में ही सभी इलाकों में समान सुविधा नहीं है, लेकिन सर्कल रेट एक है। बता दें कि जैसे A कैटिगरी में वसंत विहार, गोल्फ लिंक भी आता है और कांलिदी कॉलोनी भी। दोनों में समानता नहीं है, लेकिन सर्किल रेट एक हैं। ऐसे में इन्हें सब-कैटिगरी में बांटा जा सकता है।
तो एक ही कैटिगरी में बदल जाएंगी दरें?अधिकारियों के मुताबिक सर्कल रेट में सभी आठ कैटिगरी में लगभग असमानता है। कमिटी ने सिफारिश की है कि मौजूदा संपत्ति कैटिगरी में सब-कैटिगरी बनाकर उनकी दरें तय की जाएं। हर कैटिगरी में 2 से 3 सब कैटिगरी बनाने की सिफारिश की गई है। अगर ऐसा होता है तो दिल्ली में संपत्ति की मौजूदा कैटिगरी में ही सर्कल रेट अलग-अलग होगा।
जनता से भी मांगे गए थे सुझावबता दें कि इससे पहले दिल्ली सरकार ने राजधानी में अलग-अलग श्रेणियों की संपत्तियों के लिए लागू सर्कल रेट (न्यूनतम संपत्ति पंजीकरण दर) में संशोधन की प्रक्रिया शुरू कर दी थी। इसके तहत जमीनों की दरें मार्केट के हिसाब से तय करने की तैयारी पहले ही शुरू हो गई थी। इस पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए जनता के सुझाव भी मांगे गए थे।
You may also like

जीटीबी के अस्पताल में इमरजेंसी का हो सकेगा इलाज, दिल्ली सरकार ने दी मरीजों को यह सुविधा

Box Office: 'एक दीवाने की दीवानियत' ने 14वें दिन 'थामा' को दी करारी मात, लाखों में सिमटी 'कातांरा चैप्टर 1'

BB19: तान्या के कारण शहबाज की आंखों में आए आंसू तो अभिषेक ने कहा लेडी बॉस करती हैं फ्लर्ट, तमतमाईं मैडम मित्तल

कोयंबटूर दुष्कर्म मामला: सीएम स्टालिन का सख्त निर्देश, एक महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल करे पुलिस

आईफोन 17 से भी महंगी इस स्मार्टवॉच में क्या खास? किनके लिए बनी है Garmin Forerunner 970?




