नागपुर: बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच ने प्रहार जनशक्ति के प्रमुख बच्चू कडू को आदेश दिया है। नागपुर बेंच ने बच्चू कडू को बुधवार शाम 6 बजे तक धरना स्थल खाली करने का आदेश दिया था। इसके बाद पुलिस आज शाम 6 बजे बच्चू कडू के धरना स्थल पर पहुंची। पुलिस ने बच्चू कडू को अदालत का आदेश दिखाया। इसके बाद बच्चू कडू ने अपना पक्ष रखा। बच्चू कडू ने कहा कि हम अदालत का अपमान नहीं करना चाहते। हम यहां से जाने को तैयार हैं। लेकिन हमारे जेल में व्यवस्था करनी होगी। हम अपनी मर्जी से धरना स्थल खाली नहीं करेंगे। स्वाभिमानी शेतकरी संगठन के अध्यक्ष राजू शेट्टी के साथ बच्चू कडू ने कहा कि अगर पुलिस कार्रवाई करना चाहती है, तो उन्हें हमें गिरफ्तार करना चाहिए। अदालत के आदेश का पालन किया जाना चाहिए और लड़ाई जारी रहनी चाहिए। किसान नेताओं ने कहा कि एक भी जेल खाली नहीं रहनी चाहिए।
बच्चू कडू ने क्या कहा?
बच्चू कडू ने कहा कि अदालत का आदेश आ गया है। अदालत ने यह देखते हुए कि लोग खबरें पढ़कर कितनी तकलीफ झेल रहे हैं, परिसर खाली करने का आदेश दिया है। हम अदालत का अनादर नहीं करना चाहते। लेकिन हमारे किसान रोज मर रहे हैं। क्या अदालत को यहां मरने वाले किसानों पर एक भी आदेश नहीं देना चाहिए? अगर हम यहां किसानों को आत्महत्या करने से रोकने के लिए बैठे हैं, तो अदालत एक दिन में आदेश कैसे दे सकती है? हमें इस पर मंथन करना चाहिए।
बच्चू कडू ने की अपील
बच्चू कडू ने अपील की कि हमें अदालत की बात नहीं करनी चाहिए। लेकिन अगर इस तरह की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती रहीं, तो क्या यह लोकतंत्र के लिए ख़तरा होगा? अगर अदालत के ज़रिए ऐसी स्थिति हो रही है, तो यह बहुत बुरा है। अगर अदालत किसी ख़बर के आधार पर आदेश दे रही है, तो हम उसे मानने को तैयार हैं। आप जहा भी कहें, हम जाने को तैयार हैं। लेकिन हमें जेल में बंद करना होगा। हम सभी को जेल में बंद करना होगा।
'पुलिस हमें जेल ले जाने का इंतजाम करे'
बच्चू कडू ने कहा कि पुलिस हमें यहां से जेल ले जाने का इंतज़ाम करे। हम हाथ उठाकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे। आप अदालत के आदेश का पालन करें, मैं भी वही करूंगा। लेकिन जेल में व्यवस्था करनी होगी। अब हम पुलिस का इंतज़ार करेंगे और पूरे जेल में विरोध प्रदर्शन करेंगे। हम अदालत का अपमान नहीं करना चाहते। लेकिन हमें यहां से ले जाना पुलिस की ज़िम्मेदारी है। आप जहां कहेंगे, हर कार्यकर्ता वहां बैठने को तैयार है।
बच्चू कडू ने क्या कहा?
बच्चू कडू ने कहा कि अदालत का आदेश आ गया है। अदालत ने यह देखते हुए कि लोग खबरें पढ़कर कितनी तकलीफ झेल रहे हैं, परिसर खाली करने का आदेश दिया है। हम अदालत का अनादर नहीं करना चाहते। लेकिन हमारे किसान रोज मर रहे हैं। क्या अदालत को यहां मरने वाले किसानों पर एक भी आदेश नहीं देना चाहिए? अगर हम यहां किसानों को आत्महत्या करने से रोकने के लिए बैठे हैं, तो अदालत एक दिन में आदेश कैसे दे सकती है? हमें इस पर मंथन करना चाहिए।
बच्चू कडू ने की अपील
बच्चू कडू ने अपील की कि हमें अदालत की बात नहीं करनी चाहिए। लेकिन अगर इस तरह की घटनाएं दिन-ब-दिन बढ़ती रहीं, तो क्या यह लोकतंत्र के लिए ख़तरा होगा? अगर अदालत के ज़रिए ऐसी स्थिति हो रही है, तो यह बहुत बुरा है। अगर अदालत किसी ख़बर के आधार पर आदेश दे रही है, तो हम उसे मानने को तैयार हैं। आप जहा भी कहें, हम जाने को तैयार हैं। लेकिन हमें जेल में बंद करना होगा। हम सभी को जेल में बंद करना होगा।
'पुलिस हमें जेल ले जाने का इंतजाम करे'
बच्चू कडू ने कहा कि पुलिस हमें यहां से जेल ले जाने का इंतज़ाम करे। हम हाथ उठाकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर देंगे। आप अदालत के आदेश का पालन करें, मैं भी वही करूंगा। लेकिन जेल में व्यवस्था करनी होगी। अब हम पुलिस का इंतज़ार करेंगे और पूरे जेल में विरोध प्रदर्शन करेंगे। हम अदालत का अपमान नहीं करना चाहते। लेकिन हमें यहां से ले जाना पुलिस की ज़िम्मेदारी है। आप जहां कहेंगे, हर कार्यकर्ता वहां बैठने को तैयार है।
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