दरभंगा: अलीनगर से भाजपा विधायक मिश्रिलाल यादव को पटना हाईकोर्ट से जमानत मिल गई है। विधायक को जमानत मिलने के बाद आज शाम कार्यकर्ताओं ने होली मनाते हुए जश्न मनाया। इस दौरान बातचीत करते हुए भाजपा विधायक मिश्रीलाल यादव ने कोर्ट के प्रति आस्था व्यक्त करते हुए कहा कि अभी तो मुझे जमानत मिली है। अभी तो न्यायालय का निर्णय आया है मैं अपील में हाईकोर्ट गया हूं, वहां का जो निर्णय आएगा। फिर से मैं अलीनगर का विधायक बन जाउंगा।
कोर्ट पर भरोसा
उन्होंने कहा कि न्यायालय में मुझे पूरा भरोसा है। आज तक हिंदुस्तान में धारा 323 और धारा 506 में सजा से पहले कोई भी व्यक्ति सजा से पहले जेल नही गया होगा। मुझे जेल पड़ा लेकिन न्यायालय के फैसले पर जमानत दिया गया है। आगे भी हाईकोर्ट का निर्णय मेरे पक्ष में होगा। अभी विधानसभा चुनाव का पांच महीने बचा है। न्यायालय के आदेश के बाद मुझे विश्वास है कि न्यायालय के आदेश पर फिर से अलीनगर का विद्यायक बनाया जाएगा। जनता मेरे साथ है। मिश्रीलाल यादव ने कहा कुछ लोग मेरे और मेरे बेटा धीरज यादव के पीछे भी साजिश करने में लगे है। इसी षडयंत्र के तहत एक माननीय ने मेरे और मेरे बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
वीआईपी से विधायक
दरअसल, मिश्रीलाल यादव वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। अदालत से दोषी करार दिए जाने और दो साल की सजा मिलने के कारण संविधान के तहत उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी गई है। बता दें कि मिश्रीलाल यादव को दरभंगा की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। मामला 29 जनवरी, 2019 का है, जब समैला गांव के उमेश मिश्रा ने विधायक और उनके सहयोगी सुरेश यादव पर मारपीट और जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था।
हाई कोर्ट से जमानत
ध्यान रहे कि इस घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई और फरवरी 2024 में निचली अदालत ने दोनों आरोपियों को तीन महीने की जेल और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। विधायक ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी, लेकिन पीड़ित उमेश मिश्रा ने भी सजा बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए सजा को तीन महीने से बढ़ाकर दो साल कर दिया और 1लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अब चूकी विधायक को पटना हाई कोर्ट से जमानत मिली है। उनका उत्साह देखते बन रहा है।
कोर्ट पर भरोसा
उन्होंने कहा कि न्यायालय में मुझे पूरा भरोसा है। आज तक हिंदुस्तान में धारा 323 और धारा 506 में सजा से पहले कोई भी व्यक्ति सजा से पहले जेल नही गया होगा। मुझे जेल पड़ा लेकिन न्यायालय के फैसले पर जमानत दिया गया है। आगे भी हाईकोर्ट का निर्णय मेरे पक्ष में होगा। अभी विधानसभा चुनाव का पांच महीने बचा है। न्यायालय के आदेश के बाद मुझे विश्वास है कि न्यायालय के आदेश पर फिर से अलीनगर का विद्यायक बनाया जाएगा। जनता मेरे साथ है। मिश्रीलाल यादव ने कहा कुछ लोग मेरे और मेरे बेटा धीरज यादव के पीछे भी साजिश करने में लगे है। इसी षडयंत्र के तहत एक माननीय ने मेरे और मेरे बेटे के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।
वीआईपी से विधायक
दरअसल, मिश्रीलाल यादव वर्ष 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के टिकट पर चुनाव जीतकर विधायक बने थे। बाद में उन्होंने बीजेपी का दामन थाम लिया था। अदालत से दोषी करार दिए जाने और दो साल की सजा मिलने के कारण संविधान के तहत उनकी सदस्यता स्वतः समाप्त मानी गई है। बता दें कि मिश्रीलाल यादव को दरभंगा की विशेष एमपी/एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई थी। मामला 29 जनवरी, 2019 का है, जब समैला गांव के उमेश मिश्रा ने विधायक और उनके सहयोगी सुरेश यादव पर मारपीट और जानबूझकर गंभीर चोट पहुंचाने का आरोप लगाया था।
बीजेपी विधायक को हाई कोर्ट से मिली जमानत, मिश्रीलाल यादव के समर्थकों में खुशी #BREAKING pic.twitter.com/cAo0MIdfQB
— NBT Bihar (@NBTBihar) June 23, 2025
हाई कोर्ट से जमानत
ध्यान रहे कि इस घटना के बाद प्राथमिकी दर्ज हुई और फरवरी 2024 में निचली अदालत ने दोनों आरोपियों को तीन महीने की जेल और 500 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। विधायक ने इस फैसले को ऊपरी अदालत में चुनौती दी, लेकिन पीड़ित उमेश मिश्रा ने भी सजा बढ़ाने की मांग करते हुए याचिका दाखिल की। अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुमन कुमार दिवाकर ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए सजा को तीन महीने से बढ़ाकर दो साल कर दिया और 1लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया। अब चूकी विधायक को पटना हाई कोर्ट से जमानत मिली है। उनका उत्साह देखते बन रहा है।