नई दिल्ली: इन दिनों पूरी दुनिया में सोने (Gold Rate) और चांदी की कीमतें लगातार बढ़ रही है। सोना तो सोना है ही, इस साल चांदी जिस तरह का रिटर्न दे रही है, वह आंखें खोलने वाली हैं। ऐसी खबर आई कि बहुत सारे निवेशकों ने शेयर बाज़ार से पैसे निकालकर चांदी में पैसा लगाना शुरु कर दिया है। इस बीच, कुछ ऐसी कंपनियां भी हैं, जो कि चांदी के उत्पादन से लेकर आभूषण के कारोबार में लगी हुई हैं, ऐसी कंपनियों के शेयरों में अगले कुछ दिनों में ख़ासी बढ़ोतरी की उम्मीद जताई जा रही है।
क्या भाव है चांदी काआज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया। दिसंबर फ्यूचर 1,101 रुपये या 0.77% चढ़ते हुए 1,44,200 रुपये प्रति किलो तक चला गया। इसी जगह मार्च 2026 का सिल्वर कंट्रेक्ट भी 1,127 रुपये या 0.78% बढ़ते हुए 1,45,858 रुपये प्रति किलो तक चला गया। यह अब तक का रिकार्ड है। जहां तक हाजिर चांदी की बात है तो इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक शाम चार बजे इसका भाव 1,45,060 रुपये प्रति किलो था। कल यह 1,44,100 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ था। मतलब कि आज भी करीब एक हजार रुपये किलो की तेजी आई है।
इसी साल दे दिया 57% का रिटर्न
सफेद धातु चांदी ने इस साल अभी तक 57 परसेंट का रिटर्न दे दिया है। हालांकि, देश में चांदी के उत्पादन में लगी सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान जिंक के शेयरों का रिटर्न देखें तो इसने एक महीने में महज 10 परसेंट का ही रिटर्न दिया है। लेकिन, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में चांदी की कीमतों का असर कंपनी के शेयर पर दिखेगा। ऐसे में जानकार फिजिकल चांदी खरीदने की बजाए चांदी के उत्पादन में लगी कंपनियों में पैसा लगाने की सलाह दे रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एमके ग्लोबल फाइनेंस सर्विसेज़ ने चांदी पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चांदी की बढ़ती हुई कीमतों का असर हिंदुस्तान जिंक के शेयर पर दिख रहा है और उम्मीद है कि कंपनी की वैल्यू आने वाले समय में और बढ़ेगी। दरअसल दुनियाभर में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसका उत्पादन मांग के मुकाबले नहीं बढ़ पा रहा है। चांदी का इंडस्ट्री में उपयोग अब लगातार बढ़ रहा है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में चांदी का उपयोग बढ़ रहा है। साथ निवेश के लिहाज से भी अब चांदी काफी तेज़ी से खरीदी जा रही है। मांग में इस तेज़ी की वजह से आने वाले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 70 डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर को छू सकती है। इससे घरेलू बाजार में भी चांदी की कीमतें उसी अनुरूप बढ़ेंगी और भाव दो लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक जा सकते हैं। इससे चांदी उत्पादन में लगी कंपनियों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी के आसार
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अगले 12 महीनों में चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि घरेलू बाजार में चांदी का भाव धीरे-धीरे बढ़कर 1.35 लाख रुपये प्रति किलो और फिर 1.50 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकता है।
क्या है उत्पादन की स्थिति
भारत में हर साल लगभग 700 टन चांदी का उत्पादन होता है, लेकिन पिछले साल इसकी खपत 7,669 टन रही थी। जाहिर है कि इस डिमांड को पूरा करने के लिए आयात करना पड़ा था। इस समय इस धातु का मुख्य उत्पादन राजस्थान है। साथ ही कुछ अन्य राज्यों में भी चांदी का उत्पादन होता है। अनुमान है कि साल 2025 में देश की कुल चांदी की मांग 5,500 से 6,000 टन के बीच रहेगी। पूरी दुनिया में मैक्सिको चांदी उत्पादन में नंबर वन है। इसके बाद चीन और पेरु का स्थान आता है।
निवेश भी खूब हो रहा है
हाल के वर्षों में चांदी निवेश के एक साधन के तौर पर तेजी से उभरा है। निवेशक सिल्वर ETF में तो इनवेस्टमेंट कर ही रहे हैं, इसे बुलियन और सिक्कों के रूप में भी खरीद रहे हैं। इसके साथ ही अब शेयर बाज़ार में चांदी का उत्पादन करने वाली कंपनियों पर भी निवेशकों की नज़र है। साथ ही वे डिजिटल तरीके से भी इस धातु की खरीदारी कर रहे हैं।
(डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, एनबीटी के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें। क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।)
क्या भाव है चांदी काआज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर चांदी एक नई ऊंचाई पर पहुंच गया। दिसंबर फ्यूचर 1,101 रुपये या 0.77% चढ़ते हुए 1,44,200 रुपये प्रति किलो तक चला गया। इसी जगह मार्च 2026 का सिल्वर कंट्रेक्ट भी 1,127 रुपये या 0.78% बढ़ते हुए 1,45,858 रुपये प्रति किलो तक चला गया। यह अब तक का रिकार्ड है। जहां तक हाजिर चांदी की बात है तो इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के मुताबिक शाम चार बजे इसका भाव 1,45,060 रुपये प्रति किलो था। कल यह 1,44,100 रुपये प्रति किलो पर बंद हुआ था। मतलब कि आज भी करीब एक हजार रुपये किलो की तेजी आई है।
इसी साल दे दिया 57% का रिटर्न
सफेद धातु चांदी ने इस साल अभी तक 57 परसेंट का रिटर्न दे दिया है। हालांकि, देश में चांदी के उत्पादन में लगी सबसे बड़ी कंपनी हिंदुस्तान जिंक के शेयरों का रिटर्न देखें तो इसने एक महीने में महज 10 परसेंट का ही रिटर्न दिया है। लेकिन, उम्मीद है कि आने वाले दिनों में चांदी की कीमतों का असर कंपनी के शेयर पर दिखेगा। ऐसे में जानकार फिजिकल चांदी खरीदने की बजाए चांदी के उत्पादन में लगी कंपनियों में पैसा लगाने की सलाह दे रहे हैं।
क्या कहते हैं विशेषज्ञ
एमके ग्लोबल फाइनेंस सर्विसेज़ ने चांदी पर अपनी रिपोर्ट में कहा है कि चांदी की बढ़ती हुई कीमतों का असर हिंदुस्तान जिंक के शेयर पर दिख रहा है और उम्मीद है कि कंपनी की वैल्यू आने वाले समय में और बढ़ेगी। दरअसल दुनियाभर में चांदी की मांग लगातार बढ़ रही है, लेकिन इसका उत्पादन मांग के मुकाबले नहीं बढ़ पा रहा है। चांदी का इंडस्ट्री में उपयोग अब लगातार बढ़ रहा है। सोलर पैनल, इलेक्ट्रिक व्हीकल, मोबाइल फोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं में चांदी का उपयोग बढ़ रहा है। साथ निवेश के लिहाज से भी अब चांदी काफी तेज़ी से खरीदी जा रही है। मांग में इस तेज़ी की वजह से आने वाले कुछ वर्षों में अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी 70 डॉलर प्रति औंस के उच्च स्तर को छू सकती है। इससे घरेलू बाजार में भी चांदी की कीमतें उसी अनुरूप बढ़ेंगी और भाव दो लाख रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर तक जा सकते हैं। इससे चांदी उत्पादन में लगी कंपनियों को सीधा फायदा पहुंचेगा।
चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी के आसार
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, अगले 12 महीनों में चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिल सकती है। अनुमान है कि घरेलू बाजार में चांदी का भाव धीरे-धीरे बढ़कर 1.35 लाख रुपये प्रति किलो और फिर 1.50 लाख रुपये प्रति किलो तक पहुंच सकता है।
क्या है उत्पादन की स्थिति
भारत में हर साल लगभग 700 टन चांदी का उत्पादन होता है, लेकिन पिछले साल इसकी खपत 7,669 टन रही थी। जाहिर है कि इस डिमांड को पूरा करने के लिए आयात करना पड़ा था। इस समय इस धातु का मुख्य उत्पादन राजस्थान है। साथ ही कुछ अन्य राज्यों में भी चांदी का उत्पादन होता है। अनुमान है कि साल 2025 में देश की कुल चांदी की मांग 5,500 से 6,000 टन के बीच रहेगी। पूरी दुनिया में मैक्सिको चांदी उत्पादन में नंबर वन है। इसके बाद चीन और पेरु का स्थान आता है।
निवेश भी खूब हो रहा है
हाल के वर्षों में चांदी निवेश के एक साधन के तौर पर तेजी से उभरा है। निवेशक सिल्वर ETF में तो इनवेस्टमेंट कर ही रहे हैं, इसे बुलियन और सिक्कों के रूप में भी खरीद रहे हैं। इसके साथ ही अब शेयर बाज़ार में चांदी का उत्पादन करने वाली कंपनियों पर भी निवेशकों की नज़र है। साथ ही वे डिजिटल तरीके से भी इस धातु की खरीदारी कर रहे हैं।
(डिस्क्लेमर: इस विश्लेषण में दिए गए सुझाव व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के हैं, एनबीटी के नहीं। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि किसी भी निवेश का निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श कर लें। क्योंकि शेयर बाजार की परिस्थितियां तेजी से बदल सकती हैं।)
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