सनथ जयसूर्या के प्यार की 3 कहानियां
दरअसल, सनथ जयसूर्या का क्रिकेट करियर जितना शानदार रहा, उनकी निजी जिंदगी उतनी ही उतार-चढ़ाव भरी और विवादों में रही है। उन्होंने तीन शादियां कीं और तीनों ही असफल रहीं। उनकी पहली शादी 1998 में एयर श्रीलंका की ग्राउंड होस्टेस सुमुदु करुणानायक से हुई, जो एक साल के भीतर ही टूट गई। इसके बाद 2000 में उन्होंने एयर होस्टेस संद्रा डिसिल्वा से दूसरी शादी की, जिनसे उनके तीन बच्चे हैं। हालांकि, उनकी जिंदगी में अभिनेत्री मलिका सिरिसेना की एंट्री हुई।
सनथ जयसूर्या की निजी जिंदगी और वह विवाद जब प्यार में मिला धोखा

रिपोर्ट्स के मुताबिक, जयसूर्या ने मलिका के साथ अफेयर के चलते अपनी दूसरी पत्नी संद्रा डिसिल्वा को तलाक दे दिया। फरवरी 2012 में उन्होंने मलिका सिरिसेना से एक मंदिर में गुपचुप तरीके से शादी कर ली। लेकिन, यह रिश्ता भी लंबे समय तक नहीं चला। रिपोर्ट्स के अनुसार, मलिका सिरिसेना ने कुछ समय बाद जयसूर्या को छोड़कर एक बिजनेसमैन से शादी कर ली। इस धोखे से आहत होकर जयसूर्या पर आरोप लगे कि उन्होंने मलिका सिरिसेना का एक आपत्तिजनक और अंतरंग वीडियो जानबूझकर लीक करवा दिया।
यह कथित वीडियो साल 2017 में व्हाट्सएप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर तेजी से वायरल हो गया था। श्रीलंका के कुछ मीडिया आउटलेट्स ने रिपोर्ट किया कि मलिका सिरिसेना ने जयसूर्या के खिलाफ वीडियो लीक करने का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई थी। हालांकि, जयसूर्या ने इन आरोपों का खंडन किया और वीडियो में अपनी संलिप्तता से इनकार किया। कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि वीडियो में दिख रहा व्यक्ति जयसूर्या का हमशक्ल हो सकता है। यह घटना जयसूर्या के जीवन के सबसे बड़े विवादों में से एक थी, जिसने उनके क्रिकेट करियर के बाद के जीवन को प्रभावित किया। इस आरोप ने उनकी छवि को काफी नुकसान पहुंचाया।
सनथ जयसूर्या ने बदली वनडे की किस्मत, श्रीलंका को विश्व कप विजेता बनाया
सनथ तेरान जयसूर्या का जन्म आजी ही के दिन यानी 30 जून, 1969 को श्रीलंका के दक्षिणी शहर मटारा में हुआ था। एक साधारण परिवार से आने वाले जयसूर्या ने अपनी प्रतिभा को स्कूल के दिनों में ही पहचान लिया था। 1989 में उन्होंने अपना एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू किया, लेकिन 1996 का विश्व कप उनके लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। तत्कालीन कोच डेव वॉटमोर और कप्तान अर्जुन रणतुंगा ने उन्हें सलामी बल्लेबाज के रूप में मौका दिया। इस निर्णय ने क्रिकेट जगत में क्रांति ला दी। जयसूर्या ने रमेश कालूवितरणा के साथ मिलकर पावरप्ले का भरपूर फायदा उठाना शुरू किया, जिससे विरोधी टीमों की रणनीति पूरी तरह से बदल गई। 1996 विश्व कप में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए उन्हें 'मोस्ट वैल्यूएबल प्लेयर' का खिताब मिला और श्रीलंका ने विश्व कप जीता। इसी टूर्नामेंट में उन्होंने अपनी आक्रामक बल्लेबाजी से भारतीय टीम सहित कई दिग्गजों के सपनों को चकनाचूर कर दिया था।
वह तूफान जिसने भारत से छीनी चैंपियंस ट्रॉफी
29 अक्टूबर, 2000 को शारजाह में खेले गए चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के खिलाफ उनकी 189 रनों की तूफानी पारी यादगार है। इस मैच में जयसूर्या ने 161 गेंदों का सामना करते हुए 21 चौके और 4 छक्के लगाए थे, जिससे श्रीलंका ने 299 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। जवाब में, भारतीय टीम 54 रनों पर ही ढेर हो गई थी, और श्रीलंका ने यह मैच 245 रनों के बड़े अंतर से जीतकर खिताब अपने नाम किया था। उन्होंने 2011 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह दिया। जयसूर्या अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी के लिए जाने जाते थे। उन्होंने 445 एकदिवसीय मैचों में 13,430 रन और 323 विकेट लिए, जिससे वह 10,000 रन और 300 विकेट लेने वाले दुनिया के पहले खिलाड़ी बने। उनके नाम एकदिवसीय क्रिकेट में 28 शतक और 68 अर्धशतक दर्ज हैं। वह सिर्फ एक बल्लेबाज ही नहीं, बल्कि एक बेहतरीन बाएं हाथ के स्पिनर और चुस्त फील्डर भी थे।
अन्य विवाद और विरासत
निजी जीवन के विवादों के अलावा, 2019 में उन्हें आईसीसी (ICC) द्वारा भ्रष्टाचार विरोधी संहिता के उल्लंघन के लिए दो साल के लिए क्रिकेट से प्रतिबंधित भी किया गया था। क्रिकेट के मैदान से बाहर जयसूर्या राजनीति में भी सक्रिय रहे हैं और 2010 में संसद के लिए चुने गए थे, जहां उन्होंने स्थानीय सरकार और ग्रामीण विकास के उप मंत्री के रूप में कार्य किया।
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