मानव शरीर 206 हड्डियों से मिलकर बना होता है, जो आपके शरीर को सहारा देने, अंगों की रक्षा करने और चलने-फिरने में मदद करती हैं। इसलिए इनका जीवनभर मजबूत रहना बेहद जरूरी है। हड्डियां मजबूत होने से आप ऑस्टियोपोरोसिस जैसी बीमारियों से भी बचे रहते हैं, जिसमें हड्डियां कमजोर और भंगुर हो जाती हैं, जिससे उनके टूटने का खतरा बढ़ जाता है।
हालांकि बढ़ती उम्र के साथ-साथ हड्डियों के घनत्व पर भी असर पड़ता है और वह पहले के मुकाबले कमजोर होती जाती हैं। लेकिन कई लोगों को उम्र से पहले भी कमजोर हड्डियों की शिकायत होने लगती है, जिसकी कई वजहें हो सकती हैं जैसे कि कैल्शियम और विटामिन D की कमी, शारीरिक गतिविधि की कमी, हार्मोनल असंतुलन, अत्यधिक कैफीन, धूम्रपान और शराब का सेवन आदि।
इसके अलावा क्या आप जानते हैं प्लास्टिक की बोतलें भी आपकी हड्डियों को कमजोर बनाने का काम करती हैं। जी हां, ये सच है। फिटनेस कोच प्रियांक मेहता ने अपने एक हालिया इंस्टाग्राम वीडियो में प्लास्टिक की बोतल से पानी पीना कितना खतरनाक हो सकता है, इसे लेकर लोगों को जागरूक किया है। आइए जानते हैं इस बारे में डिटेल में।
Photos- Freepik
क्या आप भी प्लास्टिक की बोतल से पानी पी रहे?
अगर आप डेली प्लास्टिक की बोतल में स्टोर पानी पीते हैं तो आपको संभलने की जरूरत है,क्योंकि ऐसा करके आप अपने बोन्स के साथ नाइंसाफी कर रहे हैं। दरअसल,अगर आप रोजाना इन बोतलों में पानी भरकर रखते हैं और इनसे पानी का सेवन करते हैं तो आपकी हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।
देखें वीडियो-
प्लास्टिक बोतल का पानी नुकसानदायक क्यों है?
इंस्टाग्राम पेज गेट सेट फिट के फिटनेस कोच प्रियांक मेहता अक्सर अपने हैंडल पर इंफॉर्मेटिव वीडियोज शेयर करते रहते हैं। अब उन्होंने एक हालिया वीडियो में बताया कि आखिर प्लास्टिक की बोतलों से पानी पीना सेहत के लिए खराब क्यों है। उन्होंने बताया,प्लास्टिक की बोतलों मेंBPAनामक एक केमिकल होता है,जो शरीर के विटामिनDरिसेप्टर्स को प्रभावित करता है।
विटामिन डी रिसेप्टर्स क्या होते हैं?
आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये विटामिन डी रिसेप्टर्स होते क्या हैं। दरअसल,ये शरीर को कैल्शियम अवशोषित करने में मदद करते हैं,लेकिन जबBPAइन्हें बाधित करता है,तो शरीर कैल्शियम को ठीक से अवशोषित नहीं कर पाता है। इसका मतलब है कि पोषण हड्डियों तक नहीं पहुंच पाता। यानी आप प्लास्टिक की बोतलों से अपनी हड्डियां खुद ही कमजोर कर रहे हैं।
फ्रैक्चर का बढ़ जाता है खतरा
अगर पोषण हड्डियों तक नहीं पहुंच पाएगा तो इससे कई अन्य परेशानियां भी खड़ी हो सकती हैं। जैसे कि इससे जोड़ों में दर्द और फ्रैक्चर (हड्डी टूटने) का खतरा भी बढ़ जाता है। वहीं,मेनोपॉज (Menopause)के बाद महिलाओं में वैसे ही कैल्शियम की कमी हो जाती है,ऐसे में उन्हें और जोखिम नहीं लेना चाहिए।
तो फिर क्या करना चाहिए?
अधिकतर लोग अपने घरों में प्लास्टिक बोतलों में ही पानी को स्टोर करके रखते हैं,लेकिन इसके जोखिमों को देखते हुए आपको इन्हें अपने घर से हटा देना चाहिए। लेकिन फिर इसकी जगह क्या इस्तेमाल करें,आप यहीं सोच रहे हैं ना?तो इसके लिए आप-
कांच या स्टेनलेस स्टील की बोतलों का इस्तेमाल करें।
पुरानी प्लास्टिक बोतलों का दोबारा उपयोग बंद कर दें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें। एनबीटी इसकी सत्यता,सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है।
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