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ये क्या! बिहार चुनाव 2025 नतीजों के पहले ही कद्दावर कांग्रेसी नेता ने छोड़ी पार्टी, जानिए क्या वजह बताई

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पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव के एग्जिट पोल आने के चंद मिनट बाद ही कांग्रेस को बड़ा झटका लगा। बिहार में कांग्रेस के कद्दावर नेता ने एक बड़ा खत लिख कर पार्टी से इस्तीफे का ऐलान कर दिया। इसके बाद बिहार कांग्रेस में हड़कंप जैसी हालत है। माना जा रहा है कि ये कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका है।


बिहार कांग्रेस के कद्दावर नेता ने छोड़ी पार्टी

बिहार कांग्रेस के कभी अध्यक्ष रहे शकील अहमद ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के लिए उन्होंने एक लंबा-चौड़ा खत लिखा है। इसमें उन्होंने इस्तीफे के कारणों का जिक्र किया है। शकील अहमद ने खत में लिखा है कि 'मेरे द्वारा लिखे गए 16 अप्रैल, 2023 के खत को याद करें। मैंने पहले ही कांग्रेस पार्टी को खबर कर दी थी कि अब भविष्य में मैं कभी कोई भी चुनाव नहीं लड़ूंगा। हाल ही में मैंने ये भी बताया था कि मेरे तीनों बेटे कनाटा में सेटल हैं और उनमें से कोई भी पॉलिटिक्स में नहीं आना चाहता। लिहाजा उनके चुनाव लड़ने की संभावना भी शून्य है। हालांकि फिर भी जीवन भर कांग्रेस में बना रहूंगा, लेकिन अध्यक्ष महोदय यह अब मुमकिन नहीं लग रहा।


भारी दिल से दिया इस्तीफा- शकील अहमद
शकील अहमद ने लिखा है कि 'बड़े ही भारी दिल से मैं कांग्रेस पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। लेकिन मेरे पार्टी से अलग होने का कोई ये मतलब कतई न लगाए कि मेरा किसी और पार्टी में जाने का इरादा है। अपने पिता-दादा की तरह मुझे भी कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों में भरपूर भरोसा है। मैं ताजिंदगी कांग्रेस की नीतियों और सिद्धांतों का शुभचिंतक और समर्थक बना रहूंगा। मेरी जिंदगी का आखिरी वोट भी कांग्रेस के लिए ही होगा।'


शकील अहमद ने बताया अपने पूर्वज कांग्रेसियों के बारे में
इसके बाद शकील अहमद खत में लिखते हैं कि 'मेरे दादा मरहूम अहमद गफूर 1937 में कांग्रेस से MLA चुने गए थे। 1948 में उनकी मौत के बाद मेरे वालिद शकूर अहमद 1952 से 1977 के बीच 5 बार कांग्रेस के विधायक रहे। वो पार्टी में भी अलग-अलग पदों पर रहे। 1981 में मेरे पिता की मौत के बाद मैं खुद भी 5 बार कांग्रेस पार्टी का विधायक और सांसद रहा।'


आज ही क्यों किया ऐलान, ये भी बताया
शकील अहमद ने आगे लिखा कि 'कांग्रेस की सदस्यता छोड़ने का निर्णय मैंने पहले ही ले लिया था। लेकिन इसका ऐलान मैं वोटिंग खत्म होने के बाद इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि मैं नहीं चाहता था कि बिहार में पार्टी को मेरी वजह से 5 वोटों की भी हानि हो। तबीयत खराब रहने के चलते मैं प्रचार में भी नहीं जा पाया। लेकिन मुझे भरोसा है कि इस चुनाव में कांग्रेस की सीटें बढ़ेंगी और महागठबंधन की मजबूत सरकार बनेगी। मेरे इस खत को कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा माना जाए।' आपको बता दें कि शकील अहमद वो नेता हैं, जिन्हें 2019 के लोकसभा चुनाव में मधुबनी में निर्दलीय चुनाव लड़ने की वजह से निलंबित कर दिया था। तभी से शकील अहमद पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे।
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