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India Credit Rating: भारत सब झेल लेगा...एसएंडपी के बाद फिच रेटिंग्स ने भी कर दिया है क्लीयर, ट्रंप मुगालते में न रहें

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नई दिल्‍ली: भारत किसी भी आर्थिक चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। अमेरिकी राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप इस मुगालते में न रहें कि वह भारत पर टैरिफ से दबाव डाल लेंगे। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स के बाद फिच रेटिंग्स ने भी भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर भरोसा जताकर यह बात बिल्‍कुल क्‍लीयर कर दी है। फिच रेटिंग्स ने भारत की साख को स्‍टेबल आउटलुक के साथ 'बीबीबी-' पर कायम रखा है। यह रेटिंग भारत की मजबूत विकास दर और बाहरी वित्तीय स्थिति को दर्शाती है। इसके पहले एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 14 अगस्त को भारत की सॉवरेन रेटिंग को 'बीबीबी-' से बढ़ाकर 'बीबीबी' कर दिया था।



हालांकि, अमेरिका की ओर से प्रस्तावित 50% टैरिफ से वित्त वर्ष 2025-26 के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर 6.5% रहने का अनुमान है। यानी इस पर थोड़ा ही नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। फिच रेटिंग्स ने यह भी कहा कि अगर जीएसटी में सुधार होता है तो खपत बढ़ेगी और विकास से जुड़े कुछ खतरे कम हो जाएंगे। उसका यह आउटलुक एसएंडपी की ओर से भारत की सॉवरेन रेटिंग को एक पायदान बढ़ाने के कुछ दिनों बाद आया है।



फ‍िच को भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था पर भरोसा

फिच रेटिंग्स ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को 'बीबीबी-' पर स्थिर रखा है। 'बीबीबी-' सबसे कम निवेश श्रेणी की रेटिंग है। फिच रेटिंग्स ने कहा कि भारत की रेटिंग को उसकी मजबूत ग्रोथ और ठोस बाहरी वित्तीय स्थिति से मदद मिलती है। इसका मतलब है कि फिच रेटिंग्स को भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा है।



अमेरिका ने भारत से आने वाले कुछ सामानों पर 50% टैरिफ लगाने का प्रस्ताव रखा है। फिच रेटिंग्स का मानना है कि इससे भारत की जीडीपी ग्रोथ पर थोड़ा असर पड़ेगा। जीडीपी का मतलब है कि एक साल में देश में कितना सामान और सेवाएं बनी हैं।



एसएंडपी ने 18 साल बाद बढ़ाई थी रेट‍िंंग

सरकार जीएसटी में कुछ बदलाव करने की सोच रही है। जीएसटी का मतलब है गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स। यह टैक्स हम सामान और सेवाएं खरीदते समय देते हैं। सरकार चाहती है कि जीएसटी की दरें सरल हों। अभी GST की कई दरें हैं, जैसे 5%, 12%, 18% और 28%। सरकार चाहती है कि ज्यादातर सामानों और सेवाओं पर 5% या 18% टैक्स लगे। कुछ खास सामानों पर 40% तक टैक्स लग सकता है। फिच रेटिंग्स का मानना है कि अगर GST में सुधार होता है तो लोग ज्यादा सामान खरीदेंगे और इससे देश की अर्थव्यवस्था को फायदा होगा। फिच ने कहा, ‘यदि प्रस्तावित जीएसटी सुधार अपनाए जाते हैं तो इससे उपभोग को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही ग्रोथ संबंधी कुछ जोखिम कम हो जाएंगे।’



एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने 14 अगस्त को भारत की साख को 'बीबीबी-' से बढ़ाकर 'बीबीबी' कर दिया था। एसएंडपी ने 18 साल में पहली बार भारत की साख को बढ़ाया है। इसका मतलब है कि एसएंडपी को भी भारत की अर्थव्यवस्था पर भरोसा है।



एक और रेटिंग एजेंसी है, जिसका नाम है मॉर्निंग डीबीआरएस। उसने भी इस साल मई में भारत की रेटिंग बढ़ाकर 'बीबीबी' कर दी थी। इन रेटिंग एजेंसियों का मानना है कि भारत की अर्थव्यवस्था में सुधार हो रहा है।

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